- यूपी सरकार ने पुलिस को दिया आदेश
- पुलिस कर रही है लोगों से पूछताछ
- बांग्लादेशी और अन्य विदेशियों की पहचान करने कहा गया
उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस को राज्य में रह रहे बांग्लादेशी और अन्य विदेशियों की पहचान करने को कहा है, ताकि ऐसे लोगों को वापस उनके देश भेजा जा सके. उत्तर प्रदेश पुलिस को मिले इस आदेश को असम में लागू किए गए NRC की तरह ही देखा जा रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ने कहा कि यह फैसला राज्य की आतंरिक सुरक्षा के लिए बेहद अहम है. वहीं, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि विदेशियों को वापस भेजने को लेकर कोई समय सीमा तय नहीं की गई है. बता दें कि यूपी पुलिस को मिला यह आदेश असम में लागू की गई NRC विवाद के बीच आया है. असम में इस सूची के जारी होने से 19 लाख से ज्यादा लोगों को बाहरी बताया गया और इन्हें अपनी नागरिकता से जुड़े कागजात जमा करने को कहा गया.
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उत्तर प्रदेश पुलिस को ऐसे सरकारी कर्मचारियों की पहचान करने को कहा गया है जिन्होंने विदेशियों को फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद की. बांग्लादेशी और अन्य विदेशी नागरिक की पहचान होने पर उसके फिंगर प्रिंट लिए जाएंगे. पुलिस ने सभी कंस्ट्रक्शन कंपनी को भी आदेश दिया कि वह अपने यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों का पहचान पत्र अपने पास रखें. बता दें कि उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को बीते कुछ वर्षों में गिरफ्तार किया गया था. वर्ष 2015 में पुलिस ने ऐसे 23 लोगों को गिरफ्तार किया था, जबकि 2016 में 19, 2017 में 11, 2018 में 101 और 2019 में अभी तक 55 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. गिरफ्तार किए बांग्लादेशियों की कुल संख्या 209 है. यूपी में ऐसे सबसे ज्यादा लोग गाजियाबाद से (28) और साहरनपुर से (10) गिरफ्तार किए गए थे.
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही असम के बाद हरियाणा में एनआरसी (NRC) लागू करने की बात की गई थी. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar)ने घोषणा की थी कि उनके राज्य में भी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) लागू की जाएगी. खट्टर ने पंचकूला में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एच एस भल्ला और पूर्व नौसेना प्रमुख सुनील लांबा से उनके आवासों पर मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा था कि हम हरियाणा में एनआरसी लागू करेंगे.' खट्टर ने अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी के 'महासंपर्क अभियान' के तहत इन दोनों से मुलाकात की.
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उन्होंने देश भर में एनआरसी को लागू करने का पहले भी समर्थन किया था. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश भल्ला से मिलने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि मैं महासंपर्क अभियान के तहत उनसे मिला. इस अभियान के तहत हम महत्वपूर्ण नागरिकों से मुलाकात करते हैं.' उन्होंने सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति भल्ला के बारे में कहा था कि वह एनआरसी पर भी काम कर रहे हैं और शीघ्र ही असम जायेंगे. मैंने कहा कि हम हरियाणा में एनआरसी लागू करेंगे और हमने भल्लाजी का समर्थन और उनके सुझाव मांगे.
इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि देश में किसी भी घुसपैठिए को नहीं रहने दिया जाएगा. गृहमंत्री ने कहा था कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की कवायद समयबद्ध तरीके मर्यादा में रहकर पूरी की गई. शाह पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के अध्यक्ष भी है. वह यहां एनईसी के 68वें पूर्ण सत्र के उद्घाटन संबोधन में आठ पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित कर रहे थे.
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केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि विभिन्न लोगों ने एनआरसी पर कई तरह के सवाल उठाये. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत सरकार किसी भी अवैध प्रवासी को देश में रहने की अनुमति नहीं देगी. यह हमारी प्रतिबद्धता है.'' हाल में एनआरसी की सूची जारी होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इसे समयबद्ध ढंग से पूरा किया गया है.'' आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक को केन्द्रीय मंत्री और एनईसी के उपाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने भी संबोधित किया.
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