
- बरेली उपद्रव मामले में पुलिस ने दो फरार आरोपियों इद्रिश और इकबाल को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया.
- मौलाना तौकीर के दामाद मोहसिन रजा समेत 3 लोगों के खिलाफ अवैध बिजली चोरी के आरोप में जुर्माना लगाया गया है.
- बरेली जाने की कोशिश कर रहे सांसद इमरान मसूद और सपा एमएलसी शाहनवाज खान को पुलिस ने रोक दिया.
बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव के बाद अब शांति है. पुलिस उपद्रव फैलाने वालों पर लगातार शिकंजा कस रही है. बुधवार सुबह पुलिस ने फरार चल रहे दो आरोपियों को एनकाउंटर के बाद धर दबोचा. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अनुराग आर्य ने बताया कि दोनों आरोपी इदरीस और इकबाल मूल रूप से पड़ोसी शाहजहांपुर जिले के निवासी हैं तथा पिछले हफ्ते कोतवाली इलाके में हुई हिंसा में सक्रिय रूप से शामिल थे. बरेली के बवाल में मौलाना तौकीर रजा और उनके करीब नदीम और नफीस समेत अब तक 77 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है. 200 से ज्यादा नामजद और 3000 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है. जानिए बुधवार को बरेली से क्या बड़े अपडेट सामने आए...
कौन हैं मुठभेड़ में पकड़े गए इदरीस-इकबाल
- पुलिस के मुताबिक इदरीस के खिलाफ चोरी, डकैती, गैंगस्टर एक्ट और हथियार कानून समेत 20 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं इकबाल पर इसी तरह के आरोपों में लगभग 17 मामले दर्ज हैं.
- SSP आर्य ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से एक सरकारी बंदूक बरामद की गई है, जो हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों से छीनी गई थी.
- इसके अलावा घटनास्थल से .315 बोर की दो अवैध देसी पिस्तौलें, कारतूस और कारतूस भी बरामद किए गए.
- दोनों आरोपी इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान के सहयोगी नदीम खान के संपर्क में थे, जो पहले से ही जेल में है.
- नदीम ने उन्हें घटना वाले दिन बरेली बुलाया था. इदरीस और इकबाल दोनों का आपराधिक इतिहास रहा है. पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच में 26 सितंबर की घटना में बाहरी और आपराधिक तत्वों के शामिल होने के संकेत मिले थे.
पुलिस की बंदूक छीनी थी, अब कैसे पकड़े गए
बुधवार को सीबीगंज थाना पुलिस की टीम ने दोनों आरोपियों को मुठभेड़ के दौरान पकड़ा. इदरीश और इकबाल को मुठभेड़ में गोली लगी. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. पुलिस के मुताबिक उनके पास से वह सरकारी बंदूक बरामद कर ली गई है जिसे वे छीनकर भागे थे. उनके पास से दो तमंचे, जिंदा कारतूस, एक मोटरसाइकिल और दो मोबाइल फोन भी मिले. पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने कबूल किया है कि वे 26 सितंबर को हुए दंगे में नदीम खान के इशारे पर शामिल हुए थे.
महिला पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
बरेली में बुधवार शाम को पुलिस टीमों ने फ्लैग मार्च किया. उपद्रव के बाद बरेली में पहली बार महिला पुलिसकर्मियों का यह मार्च हुआ. पैरामिलिट्री के साथ करीब 800 से ज्यादा महिला पुलिसकर्मी बरेली की सड़कों पर उतरीं.

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तौकीर के भाई की चेतावनी- मुसलमानों पर जुल्म न रुके तो...
तौकीर रजा की गिरफ्तारी के बाद बरेली शरीफ में हालिया बवाल और उसके बाद की पुलिस कार्रवाई को लेकर खानदान-ए-आला हजरत ने एक संयुक्त प्रेस बयान जारी किया. इसमें पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी गई है. कहा गया है कि बरेली के मुसलमानों को बेवजह सामूहिक सजा दी जा रही है और पुलिस झूठे मुकदमे बनाकर बेगुनाहों को जेल भेज रही है. तौकीर के भाई तौसीफ रजा खान ने अब पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर मुसलमानों पर जुर्म नहीं रुके तो फिर हमे ठोस कदम उठाना होगा. बयान में यह भी कहा गया है कि बरेली शरीफ में लगातार बेगुनाह मुसलमानों को गिरफ्तार किया जा रहा है और थानों में उन्हें बुरी तरह पीटा जा रहा है. यहां तक कि मीडिया के सामने परेड कराई जा रही है जिसमें कई लोग चोटिल और चलने-फिरने तक लायक नहीं रह गए हैं.

तौकीर के दामाद मोहसिन रजा के चार्जिंग स्टेशन पर चला बुलडोजर
बिजली चोरी के मामले में मौलाना तौकीर रजा के करीबी और सपा पार्षद उस्मान रजा खान, मोहसिन रजा खान समेत तीन लोगों पर केस दर्ज किया गया है. साथ ही करीब एक करोड़ रुपए का जुर्माना उन पर ठोंका गया है. आरोप है कि इन लोगों ने अवैध कनेक्शन लेकर ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन खोला और लंबे समय से बिजली चोरी कर रहे थे. मंगलवार को जब प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की तो बुलडोजर सीधे चार्जिंग गोदाम पर चला और पूरा ढांचा ध्वस्त कर दिया गया. बताया जा रहा है कि यहां से रोजाना 70-80 ई-रिक्शा अवैध बिजली से चार्ज किए जाते थे.

बरेली जा रहे सांसद इमरान मसूद घर में नजरबंद
इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और उनके करीबी सपा एमएलसी शाहनवाज खान बरेली जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनको उनके घर में ही नजरबंद कर दिया. इमरान मसूद को सुबह साढ़े पांच बजे ट्रेन पकड़नी थी. लेकिन पुलिस को जैसे ही पता चला कि वे बरेली जा हे हैं पुलिस की टीम ने उन्हें उनके साथियों के साथ ही उनके घर पर रोक दिया. इस पर इमरान मसूद कने कहा कि बरेली में एक तरफा कार्रवाई हो रही है, उनको सिर्फ अधिकारियों से मिलना था. फतेहपुर में मजार पर अराजकता मामले में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

मौलाना तौकीर पर भड़कीं फरहत की पत्नी
मौलाना तौकीर रजा हिंसा से पहले जिस फरहत के घर में रुका था, उसके घरवाले अब तौकीर को गलत बता रहे हैं. फरहत की पत्नी इब्ना ख़ुशनसीब ने एनडीटीवी से कहा कि मौलाना अक्सर उनके घर आकर रुकते थे. उस दिन भी आए और आराम करने लगे. अगले दिन शहर में हिंसा हो गई और हिंसा के बाद पुलिस ने फ़रहत और उसके बेटे को भी मौलाना के साथ गिरफ़्तार कर लिया. फरहत की पत्नी ने सरकार से उनके पर बुलडोजर न चलाने की अपील की. फ़रहत की पत्नी ने कहा कि मौलाना ने जो किया, वो नहीं करना चाहिए था क्योंकि उसकी परमिशन नहीं थी. उनका दावा है कि घटना वाले दिन उनके पति फरहत घर पर नहीं थे.
बरेली उपद्रव की ड्रोन तस्वीरें जारी
बरेली में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर के साथ हुए हंगामे के नए वीडियो सामने आए हैं. ड्रोन से ली गई तस्वीरों में कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस के साथ उलझते और फिर लाठीचार्ज के बाद भागते हुए देखा गया. बरेली पुलिस ने तीन अलग-अलग वीडियो जारी किए हैं. इन वीडियो में देखा गया कि शुरुआत में विशेष समुदाय की भीड़ पुलिस के ऊपर हावी हो रही थी. मौके पर मौजूद पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने और उन्हें समझाने की कोशिश कर रही थी. इस बीच कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश करते हुए देखा गया. बावजूद इसके प्रदर्शनकारी रुक नहीं रहे थे और भीड़ लगातार आगे बढ़ने की कोशिश में थी. हालात बिगड़ने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पुलिस की तरफ से बल प्रयोग करने पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ भागने लगी. इन ड्रोन तस्वीरों में दूर तक लोगों को भागते हुए देखा गया. बड़ी संख्या में लोग पास की मस्जिद में भी घुस गए थे, जबकि कुछ लोग मस्जिद की छत पर खड़े थे.
मौलाना तौकीर पर बरेली के धर्मगुरु ने कसा तंज
बरेली के मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन रिज़वी ने बिना नाम लिए मौलाना तौकीर रज़ा पर तंज कसा है. शहाबुद्दीन रिज़वी ने एनडीटीवी से कहा कि कुछ रेडिकल और कुछ पोलिटिकल लोगों ने अपने सियासी फायदे के लिए जानबूझकर ये सब किया. अब गेंहू के साथ घुन भी पिस रहा है. उन्होंने कहा कि बरेली में जो हुआ वो अफ़सोस की बात है. मोहम्मद के इज़हार के नाम पर हिंसा करना पैगंबर की शिक्षा के ख़िलाफ़ है.
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