
- सीतापुर में वन विभाग की टीम ने आदमखोर बाघिन को ट्रंकुलाइज कर पकड़ लिया है, जो कई हमलों में शामिल थी.
- बाघिन ने अब तक पांच जानवरों और कई लोगों पर हमला किया था, जिससे वन विभाग की चिंता बढ़ी थी.
- टीम ने पिंजरे, ट्रैकिंग कैमरे और थर्मल डिवाइस की मदद से बाघिन को खोजकर चारों तरफ से घेरकर पकड़ा.
सीतापुर में आदमखोर बाघिन को वन विभाग की टीम ने ट्रंकुलाइज करके पकड़ लिया है. बाघिन अब तक कई लोगों और जानवरों पर हमला कर चुकी है. वन विभाग की 50 लोगों की टीम इस बाघिन की एक महीने से इसकी तलाश कर रही थी. बाघिन को पकड़ने के लिए टीम 22 अगस्त से पिंजरा लगाया था, लेकिन बाघिन आती और पिंजरे में बंधे जानवर का आसानी से शिकार करके चली जाती. बाघिन अब तक 5 जानवरों को अपना शिकार बना चुकी है. बाघिन को पकड़ने के लिए पीलीभीत, कर्तनियाघाट और दुधवा नेशनल पार्क से एक्सपर्ट बुलाए गए थे.
कैसे पकड़ी गई बाघिन

शनिवार को एक्सपर्ट ने एक पिंजरा लगाकर एक और जानवर को बांधा. आसपास कई ट्रैकिंग कैमरे लगाए. रात में बाघिन हमला करके जानवर को अपने साथ ले गई. इसके बाद टीम ने थर्मल ट्रैकिंग डिवाइस की मदद से बाघिन को ट्रैक किया. टीम ने रात मे चारों तरफ से घेर कर ट्रंकुलाइज कर दिया और पिजड़े में कैद कर लिया.
क्या होगा बाघिन का

सीतापुर के डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने कहा, "हमें कई दिनों से महोली इलाके में एक बाघिन होने की सूचना मिल रही थी. वहां एक घटना भी हुई थी, जिसके बाद हमने उसे ट्रैक कर रेस्क्यू किया. इसके लिए कैमरा ट्रैप और पिंजरे लगाए गए थे. खंडेलवाल ने बताया कि बाघिन को सुरक्षित ट्रंकुलाइज करने के बाद डॉक्टरों की निगरानी में इलसिया पार्क स्थित वन विभाग कार्यालय में रखा गया है." वहीं बाघिन को पिंजरे में कैद कर सीतापुर के इलासिया पार्क में रखा गया है. बाघिन की कड़ी निगरानी वन विभाग के लोग कर रहे हैं और अधिकारियों के आदेश के बाद उसको टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा. बाघिन को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है.
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