
रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को अपनी पत्नी को 30 हजार रुपए महीने का गुज़ारा भत्ता देना होगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सांसद और उनकी पत्नी के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद को लेकर दाखिल क्रिमिनल रिवीजन डिफेक्टिव याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में सांसद को पत्नी रूमाना परवीन को अंतरिम व्यवस्था के तौर पर 30 हजार रुपए महीना भरण पोषण देने को कहा है.
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रिपोर्ट भेजने के लिए तीन महीने का समय
हाईकोर्ट ने मध्यस्थ को दोनों पक्षों के बीच विवाद का संभावित समाधान खोजने और मध्यस्थता के परिणाम के संबंध में कोर्ट को अपनी रिपोर्ट भेजने के लिए तीन महीने का समय दिया है. हाईकोर्ट ने इस मामले को तीन महीने बाद मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र की रिपोर्ट के साथ दूसरी बेंच के समक्ष अतिरिक्त वाद सूची में पेश करने का भी आदेश दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस मामले को इस बेंच के साथ लंबित या आंशिक रूप से सुना हुआ नहीं माना जाएगा. यह आदेश जस्टिस सुभाष चंद्र शर्मा की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता मोहिबुल्लाह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.
दरअसल रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने आगरा फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन डिफेक्टिव याचिका दाखिल की हुई है. याची सांसद मोहिबुल्लाह ने हाईकोर्ट में आपराधिक पुनरीक्षण वाद प्रार्थना के साथ कहाहै कि हाईकोर्ट उनकी इस याचिका को स्वीकार करे. मोहिबुल्लाह ने एक अप्रैल 2024 को आगरा के अपर प्रधान न्यायाधीश, फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट से की है.
विवाद को अपनी शर्तों पर निपटाने का मौका मिलने की अपील
मोहिबुल्लाह नदवी के खिलाफ 2020 में आगरा के सदर बाजार में सीआरपीसी की धारा 127 में मामला दर्ज हुआ था. कोर्ट में पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्ता नरेंद्र कुमार पांडे ने दलील दी कि ये मामला वैवाहिक विवाद से संबंधित है और पुनरीक्षणकर्ता इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने का इरादा रखते है. अधिवक्ता ने कोर्ट से अपील की है कि इस मामले को इस न्यायालय के मध्यस्थता केंद्र को भेजा जाए, ताकि उन्हें मध्यस्थता के जरिए विवाद को अपनी शर्तों पर निपटाने का अवसर मिल सके.
50,000 रुपए पत्नी को देने को तैयार सांसद
याचिका में कहा गया कि अपनी ईमानदारी साबित करने के लिए सांसद मोहिबुल्लाह मध्यस्थता केंद्र में पहली बार उपस्थित होने पर 50,000 रुपए पत्नी को देने को तैयार हैं. कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता के जरिए मुकदमा सुलझाने की संभावना है. इसलिए कोर्ट ने मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मध्यस्थता और सुलह केंद्र भेज दिया.कोर्ट ने आदेश दिया है कि सांसद को 30 दिनों के अंदर 55,000 रुपए डिमांड ड्राफ्ट के जरिए मध्यस्थता केंद्र में जमा करने होंगे, जिसमें से 50,000 रुपए उनकी पत्नी को सौंपे जाएंगे.
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