- बहराइच में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की हत्या कर दी गई थी
- अदालत ने इस मामले में 14 महीने बाद दस आरोपियों को दोषी करार देते हुए आज सजा सुनाने का फैसला किया है
- हिंसा के दौरान मकान, दुकान, अस्पताल और वाहनों को आग लगाई गई तथा संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया गया था
रामगोपाल मिश्रा के 10 हत्यारों को आज अदालत सजा सुनाएगी. यूपी के बहराइच में 13 अक्टूबर 2024 को महराजगंज बाजार में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 14 महीने के बाद फैसला आ रहा है. अदालत हत्याकांड के इस मामले में सरफराज उर्फ रिंकू, फहीम, सैफ अली, जावेद खान, अब्दुल हमीद, तालिब उर्फ सबलू, ईसान, सुएब खान, ननकऊ और मारूफ को दोषी करार दे चुकी है. अदालत आज इन्हें सजा सुनाएगी.
आखिर 13 अक्टूबर, 2024 को हुआ क्या था?
13 अक्टूबर, 2024 को महाराजगंज में दुर्गा विसर्जन के दौरान डीजे पर गाना बजाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था. कुछ ही देर में यह विवाद भीषण संघर्ष में बदल गया और इस दौरान 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मृत्यु हो गई थी. कई अन्य इस हिंसा के दौरान घायल भी हुए थे. इसके बाद बेकाबू भीड़ ने मकानों, दुकानों, एक अस्पताल, मोटरसाइकिलों और कारों को आग लगाने सहित संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया था. इस मामले में जिलाधिकारी ने आठ लोगों के खिलाफ रासुका लगाया था, उनमें मरूफ अली, ननकऊ, मोहम्मद फहीम, मोहम्मद अफजल, मोहम्मद जीशान, जावेद, शोएब खान और सैफ अली शामिल थे.
अदालत में 11 महीने तक चली सुनवाई
रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद पूरे बहराइच में तनाव का माहौल था. दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए थे. इसके बाद पुलिस को कई सख्त कदम उठाने पड़े थे. अदालत में भी मामला तेजी से आगे बढ़ा, सिर्फ 11 महीने ट्रायल चलने के बाद आज अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (ADJ) की कोर्ट सजा का ऐलान करने जा रही है. हत्या के इस मामले में कुल 13 अरोपियों को नामजद थे, जिसमें से 3 को कोर्ट ने बरी कर दिया, जबकि 10 को पूरी घटना का दोषी पाया गया है. पुलिस 8 अभियुक्तों पर 10 मार्च 2025 को एनएसए के तहत भी कार्रवाई कर चुकी है.
हत्या के मुख्य आरोपित रिंकू उर्फ सरफराज और तालिम उर्फ सबलू वारदात को अंजाम देने के बाद देश छोड़कर नेपाल भागने की फिराक में थे. लेकिन पुलिस ने कोतवाली नानपारा इलाके के हांड़ा बसहरी के पास मुठभेड़ के दौरान इन्हें पकड़ लिया था. रामगोपाल के पिता कैलाशनाथ व मां मुन्नी देवी के साथ भाई हरमिलन भी यही चाहते हैं कि दोषियों को फांसी की सजा हो. अब देखना है कि अदालत हत्यारों को क्या सजा सुनाती है.
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