
- यूपी के शामली जिले में एक फैक्ट्री में रिफाइंड तेल और केमिकल से नकली पनीर बनाया जा रहा था
- खाद्य विभाग की टीम ने छापेमारी कर फैक्ट्री से नमूने लिए और जांच शुरू की
- त्योहारों में दूध और पनीर की मांग बढ़ने पर मिलावटखोर हुए सक्रिय
त्योहारों का मौसम आते ही हर घर में खास पकवान बनाने की तैयारी शुरू हो जाती है. खासतौर पर पनीर से बने व्यंजन, जैसे शाही पनीर, पनीर टिक्का, पनीर कोफ्ता जैसी लजीज चीजें हर रसोई में जगह बना लेते हैं. त्योहारी सीजन आते ही पनीर की मांग कई गुना बढ़ जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो पनीर आप बाज़ार से खरीद रहे हैं, वो असली है भी या नहीं? उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने लोगों के लिए खतरने की घंटी बजा दी है.

फैक्ट्री में बन रहा नकली पनीर
यूपी के शामली के आदर्श मंडी थाना क्षेत्र में एक फैक्ट्री में नकली पनीर तैयार किया जा रहा था. यहां चारों ओर गंदगी फैली है, यह दृश्य ही इस बात की गवाही देता है कि यहां जो कुछ बन रहा है, वह खाने लायक नहीं है. खाद्य विभाग की टीम ने मौके पर छापेमारी की और पाया कि रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल किया जा रहा था. दीपावली नजदीक आते ही मिलावटखोर सक्रिय हो चले हैं. शामली में रिफाइंड ऑयल और केमिकल से पनीर बनाया जा रहा है.

फूड इंस्पेक्टर क्या बोले
खाद्य विभाग ने मौके पर छापेमारी की, त्योहारों पर दूध, मावा और पनीर की मांग बढ़ जाती है. इसी का फायदा उठाकर नकली पनीर तैयार किया जा रहा था. फूड विभाग इंस्पेक्टर पंकज चौधरी ने बताया, “त्योहारों पर दूध, मावा और पनीर की मांग बढ़ जाती है. इसी का फायदा उठाकर मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं हमने सैंपल लिए हैं और फिलहाल इस मामले की जांच जारी है.”

हर दिन 10 से 15 कुंतल की सप्लाई
रोजाना 10 से 15 कुंतल तक नकली पनीर की सप्लाई हो रही थी. यहां दूध की जगह रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल किया जा रहा था. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि पनीर को गाढ़ा करने के लिए खतरनाक केमिकल मिलाए जाते थे. खाद्य विभाग ने मौके से सैंपल लिए है. लेकिन सैंपल लेने के बाद कार्रवाई सवालों के घेरे में है. विभाग केवल औपचारिकता निभाता है, जिस वजह से नकली नकली डेयरी प्रोडक्ट का धंधा खूब फल फूल रहा है.

सेहत के लिए खतरनाक नकली प्रोडक्ट
नकली पनीर को नष्ट किए बिना बाजार में सप्लाई हो जाता है. ऐसा पनीर सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है. खासकर बच्चों और बुजुर्गों में बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है. साथ ही फूड पॉइजनिंग, आंतों और लीवर की समस्या हो सकती है. त्योहार पर जनता की सेहत से हो खिलवाड़ रुक नहीं रहा है. प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं. अब देखना होगा कि रिपोर्ट के बाद क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं या नहीं.
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