
यूपी के वक्फ और हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा अपने बयानों के लिये अक्सर चर्चा में रहते हैं
अपने बयानों के लिये अक्सर चर्चा में रहने वाले उत्तर प्रदेश के वक्फ और हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने देश में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को लेकर विवादित बयान देते हुए शनिवार को हो रही उसकी कार्यकारिणी समिति की बैठक पर सवाल उठाये हैं. रजा ने यहां संवाददाताओं से कहा 'ऐसे में जब राम मंदिर पर एक बहुत बड़ा फैसला आने वाला है, उसी वक्त एक असंवैधानिक गैर सरकारी संगठन, जो देश के खिलाफ बोलता रहा है, हमेशा आतंकवाद के समर्थन में और एनआरसी और तीन तलाक रोधी कानून के खिलाफ आवाज उठाता रहा है, उसका जलसा क्यों हो रहा है.'
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उन्होंने कहा 'सवाल यह है कि आखिर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को कौन फंडिंग करता है, उसे इसका जवाब देना होगा. नदवतुल उलमा को भी जवाब देना होगा कि छह महीने के अंतराल में हैदराबाद के बाद लखनऊ में बोर्ड की बैठक क्यों हो रही है. आखिर इसका मकसद क्या है और इसके पीछे शामिल लोग क्या एजेंडा लेकर आए हैं.' इस बीच, बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रजा के बयान के बारे में पूछे गये सवाल पर संवाददाताओं से कहा कि सवाल उठाने वालों को मालूम होना चाहिये कि देश में संविधान और कानून है. उसके बारे में सबको जानकारी होनी चाहिये, जिसे नहीं पता है तो यह उसकी अपनी गलती है. महली ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत संस्था है.
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बोर्ड ने अपनी इस बैठक से पहले एजेंडा भी जारी किया और अयोध्या का मामला उच्चतम न्यायालय में लड़ा जा रहा है, किसी एक संगठन या व्यक्ति के सामने नहीं. उन्होंने रजा का नाम लिये बगैर कहा 'उनको मालूम होना चाहिये कि पर्सनल लॉ बोर्ड में वो लोग शामिल हैं, जिनके पुरखों ने मुल्क की आजादी पर अपना सब कुछ न्यौछावर किया है. बोर्ड ने मुल्क के खिलाफ न तो कभी कोई अपील की है और न ही कोई काम किया है. बोर्ड मुल्क के संविधान के दायरे में रहकर काम कर रहा है.' मालूम हो कि ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक इस वक्त नदवतुल उलमा में हो रही है। इसमें अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय में हो रही सुनवाई और अगले महीने सम्भावित निर्णय को लेकर चर्चा हो रही है.
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बैठक में समान नागरिक संहिता और तीन तलाक सम्बन्धी कानून पर भी विस्तृत विचार-विमर्श होना है. मीडिया को इस बैठक से सख्ती से दूर रखा गया है. बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में जारी बैठक में महासचिव मौलाना वली रहमानी, उपाध्यक्ष फखरुद्दीन अशरफ किछौछवी, जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, मौलाना महमूद मदनी, जफरयाब जीलानी, मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी और मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली समेत तमाम कार्यकारिणी सदस्य मौजूद हैं.