मेरठ हत्याकांड में हर सबूत जुटा रही पुलिस
मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. पति को बेरहमी से मारने वाली मुस्कान रस्तोगी अपने बॉयफ्रेंड साहिल के साथ जेल (Meerut Murder Case) में बंद है. पुलिस इस केस में बारीकी से हर सबूत पर नजर रख रही है. कोशिश बस यही है कि छोटे से छोटा सबूत भी छूट न जाए. कई बार ऐसा भी होता है कि पीड़ित पक्ष और आरोपी पक्ष आपस में समझौता कर लेते हैं. कभी आरोपी अपने बयान बदल देते हैं. इससे पूरे केस का रुख ही बदल जाता है. मुस्कान और साहिल के केस में ऐसा न हो इसके लिए पुलिस ने पूरा इंतजाम कर लिया है. पुलिस ने मेरठ हत्याकांड की पूरी कहानी और हर एक कड़ी एक सॉफ्टवेयर में सुरक्षित कर ली है, ताकि आरोपी अगर अपने बयान बदलने की कोशिश भी करें तो बच न पाएं.
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मुस्कान-साहिल का बचना तो मुश्किल है!
पुलिस ने आरोपियों के बयानों और अन्य जानकारी को ई साक्ष्य ऐप पर एक फाइल में सुरक्षित कर लिया गया है. इस फाइल के लिए एक यूनिक नंबर जनरेट होगा. इसके जरिए अदालत में इस हत्याकांड की पूरी कहानी सबूतों समेत स्क्रीन पर आ जाएगी. पुलिस ने मुस्कान और साहिल के कबूलनामे के वीडियो ऐप पर अपलोड कर दिए हैं. अब अगर दोनों बयान बदल भी देते हैं तो तकनीकी साक्ष्य से उनका बचना मुश्किल है.
ई साक्ष्य ऐप पर कौन से सबूत अपलोड?
- ड्रम काटकर शव निकालने वाला 30 मिनट का वीडियो
- मुस्कान और साहिल के बयानों का वीडियो
- मुस्कान-साहिल के हिमाचल में घूमने का वीडियो
- मुस्कान ने चाकू, ड्रम और बेहोशी की दवा कहां से खरीदी
- दोनो को हिमाचल घुमाने ले गए कैब ड्राइवर के बयानों का वीडियो
बेडरूम और बाथरूम से लिए खून के नमूने
सौरभ हत्याकांड में पुलिस हर एक पहलू की जांच कर रही है. शातिर मुस्कान ने भले ही पति की हत्या के बाद घर को केमिकल से साफ कर दिया हो लेकिन दीवारों से खून के धब्बे वह मिटाने में कामयाब नहीं हो सकी. फॉरेंसिक टीम ने मंगलवार को सौरभ के किराए के घर में जाकर बेंजामिन टेस्ट से बेडरूम और बाथरूम से खून के नमूने लिए, जो आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे.
बयान बदले या समझौता करें, बच नहीं पाएंगे मुस्कान-साहिल
एसएसपी विपिन ताडा के मुताबिक, जब से बीएनएस कानून आया है पुलिस को केस के सभी साक्ष्य ई साक्ष्य ऐप पर अपलोड करने होते हैं. मेरठ हत्याकांड के सभी सबूत भी पुलिस इसी ऐप पर अपलोड कर रही है. मेरठ पुलिस ने ड्रम काटकर सौरभ के शव के टुकड़े निकालने वाला 30 मिनट का वीडियो भी इसी ऐप पर अपलोड किया है. साहिल और मुस्कान के बयान भी इसी ऐप पर अपलोड हैं. उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड में तकनीकी साक्ष्य साहिल और मुस्कान को सजा दिलाने के लिए काफी हैं. अगर दोनों पक्ष समझौता कर भी लें तो भी कातिलों को कोई नहीं बचा सकेगा.
ई साक्ष्य ऐप लाने का मकसद जानिए
इस ऐप को लाने का मकसद ये है कि कई बार प्रक्रियागत खामियों की वजह से कई आरोपी कानून के शिकंजे से बच निकलते हैं. अगर अपराध के दृश्य को रिकॉर्ड करने या डिजिटल साक्ष्य प्राप्त करने में थोड़ी सी भी परेशानी हो तो इससे अपराधी खुलेआम आसानी से घूम सकते हैं. नए आपराधिक कानून ने हर चीज को डिजिटल बना दिया है.
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