प्रयागराज के महाकुंभ में संगम घाट पर मंगलवार-बुधवार की रात हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई. इस घटना में 60 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे. ये भगदड़ मौनी अमावस्या के मौके पर पवित्र स्नान करने को लेकर मची थी. बताया जा रहा था कि मौनी अमावस्या के मौके पर स्नान के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ घाट पर मौजूद थी. इस घटना से सीख लेते हुए अब आने वाले अमृत स्नान को लेकर प्रशासन ने कई अहम इंतजाम किए हैं. अब ऐसे में सवाल ये है कि क्या प्रशासन ने बीते दिनों हुई भगदड़ की घटना से कुछ सबक लिया है. और क्या बसंत पंचमी के दिन आयोजित होने वाले अमृत स्नान के लिए प्रयागराज में संगम घाट पर बंदोबस्त को चाक-चौबंद कर दिया गया है.
भगदड़ के बाद क्या क्या बदला
- नो व्हीकल जोन बनाया गया : इस घटना के सामने आने के बाद सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. अब ऐसे में महाकुंभ आने वाले तमाम वाहन को बाहर ही रोक दिया जाएगा.
- VVIP पास रद्द कर दिए गए हैं: महाकुंभ क्षेत्र में किसी भी स्पेशल वाहन की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. नए नियमों के लागू होने के बाद अब कोई भी वीवीआईपी वाहन कुंभ क्षेत्र तक सीधे नहीं पहुंच पाएंगे. यहां आने वाले श्रद्धालुओं खाने-पीने की की सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है.
- वन वे रूट्स को शुरू किया गया - भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वन वे रूट्स को आज से शुरू किया गया है. इसके माध्यम से श्रद्धालुओं की सुचारू आवाजाही को सुनिश्चित किया जा सकेगा.
- वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमाओं पर ही रोक दिया जा रहा है. पहले बाहरी जिलों से आने वाले वाहनों के कारण भी शहर और खासकर महाकुंभ क्षेत्र में काफी भीड़ भाड़ हो जाती थी. साथ ही सवारी वाहनों पर भी रोक लगाई गई है.
- 4 फरवरी तक सख्त प्रतिंबध लगाए गए हैं. इस तारीख तक शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू किया गया है. उसके बाद एक बार फिर पूरी स्थिति का जायजा लिया जाएगा.
- नए अधिकारियों की नियुक्त की गई है: महाकुंभ में भगदड़ के बाद सीनियर IAS आशीष गोयल को आगे के इंतज़ाम की ज़िम्मेदारी दी गई है. वे साल 2019 में हुए कुंभ में प्रयागराज के कमिश्नर थे. इस समय वे सारा पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन हैं. कल रात सीएम के घर हुई बैठक के बाद ये फ़ैसला हुआ. इसके अलावा 2019 में प्रयागराज के डीएम रहे भानु चंद्र गोस्वामी को भी मेला की ज़िम्मेदारी दी गई है. भगदड़ में तीस लोगों की मौतें के बाद से ही यूपी सरकार और उसके इंतज़ाम पर सवाल उठने लगे हैं. इसी के साथ 5 विशेष सचिव महाकुंभ के लिए तैनात किए गए हैं. इसी के साथ ही प्रयागराज के तमाम स्टेशनों पर भीड़ को इकट्ठा होने से रोका जा रहा है.
महाकुंभ में वीआईपी की कल्चर की नो एंट्री
यूपी सरकार और स्थानीय प्रशासन की तरफ से अगले अमृत स्नान के लिए अभी से विशेष तैयारियां की जा रही हैं. बीते दिनों मची भगदड़ के बाद अब महाकुंभ से वीआई कल्चर को खत्म कर दिया गया है. वीआईपी कल्चर को खत्म करने का फायदा अब आम लोगों को भी मिलेगा. और महाकुंभ में अब अपना रौब दिखाकर अलग से फायदा उठाता नहीं दिखेगा.
महाकुंभ की घटना को लेकर भावुक हुए सीएम योगी
महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर सीएम योगी बुधवार को भावुक हो गए थे. उन्होंने कहा था कि हम लोग रात से ही मेला प्रशासन के साथ संपर्क में हैं. प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन, NDRF, SDRF और भी अन्य जितने भी व्यवस्थाएं हो सकती थीं, उन सबको मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार ने फैसला किया है कि इस घटना की न्यायिक जांच कराई जाएगी. इसके लिए हमने जस्टिस हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यी न्यायिक आयोग का गठन भी किया है.
2019 में कुंभ की व्यवस्था संभाल चुके अधिकारियों की तैनाती
महाकुंभ में हुए हादसे के बाद अब सारा जोर व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने पर है. सूत्रों के अनुसार महाकुंभ में व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई अन्य अधिकारियों को भी तैनात किया गया है. बताया जा रहा है ये वो अधिकारी हैं जिन्होंने 2019 में हुए कुंभ के दौरान भी व्यवस्थाओं को देखते थे. महाकुंभ में भगदड़ के बाद सीनियर IAS आशीष गोयल को आगे के इंतज़ाम की ज़िम्मेदारी दी गई है. वे साल 2019 में हुए कुंभ में प्रयागराज के कमिश्नर थे. इस समय वे सारा पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन हैं. कल रात सीएम के घर हुई बैठक के बाद ये फ़ैसला हुआ.
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