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लखनऊ पुलिस की लापरवाही के कारण बेटे का अंतिम संस्कार नहीं कर सके परिजन, जानें पूरा मामला

आलमबाग मेट्रो स्टेशन के पास से एक अज्ञात शव बरामद हुआ था. घटना के 3 दिनों के अंदर शव की पहचान न हो पाने के कारण लखनऊ की नाका थाने की पुलिस ने डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस की लापरवाही के कारण एक परिवार अपने सदस्य को अंतिम विदाई भी नहीं दे पाया.

लखनऊ पुलिस की लापरवाही के कारण बेटे का अंतिम संस्कार नहीं कर सके परिजन, जानें पूरा मामला
अपनी फ़ज़ीहत कराने के बाद लखनऊ पुलिस ने केस दर्ज करते हुए ऑटो चलाक और साथी को गिरफ्तार किया.
  • लखनऊ पुलिस ने बिना शिनाख्त किए एक शव का अंतिम संस्कार कर दिया. ये शव नवीन नाम के व्यक्ति का था.
  • नवीन यादव 24 जुलाई को लखनऊ आया था. यहां से उसे मुम्बई जाने वाली ट्रेन पकड़नी थी. लेकिन उसकी हत्या कर दी गई.
  • किराये को लेकर हुई झगड़े के बाद आरोपी नीरज और संजय ने नवीन की हत्या की थी.
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लखनऊ:

लखनऊ पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. गोरखपुर के नवीन यादव के हत्या के मामले में बिना शिनाख्त किए ही अंतिम संस्कार कर दिया. नवीन 24 जुलाई को लखनऊ आया था जहां उसे मुम्बई के लिए ट्रेन पकड़नी थी. लेकिन ऑटो चालक और उसके साथी ने नवीन को लूटकर उसकी हत्या कर दी. नवीन की खोज में जब घरवालों ने लखनऊ पुलिस से  संपर्क किया तो उन्हें निराशा हाथ लगी. पुलिस की लापरवाही के कारण घरवाले नवीन को अंतिम विदाई भी न दें सकें.

बिना केस दर्ज किए पुलिस ने लौटा दिया

लखनऊ पहुंचने के बाद से नवीन का नंबर बन्द आ रहा था. जिसके बाद नवीन के घरवाल नाका थाने पहुंचे. जहां उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करानी चाही. लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत को गम्भीरता से नहीं लिया और बिना केस दर्ज कराए ही कोरा आश्वासन देकर घर भेज दिया. नवीन के घर वाले गोरखपुर पहुंचे तो स्थानीय पार्षद को उन्होंने सूचना दी.

पार्षद ने फोन पर पुलिस किसी पुलिस अधिकारी को नवीन की गुमशुदगी और अनहोनी की आशंका की सूचना दी और नाका थाने द्वारा केस न दर्ज करने की बात भी बताई. इसके बाद नाका थाने ने फटकार के बाद घटना के 3 दिन बाद 27 जुलाई को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की.

किराये को लेकर हुई थी कहासुनी

अपनी फ़ज़ीहत कराने के बाद लखनऊ पुलिस ने केस दर्ज करते हुए ऑटो चलाक और साथी को गिरफ्तार किया. पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि नवीन से किराये को लेकर कहासुनी के दौरान ऑटो का शीशा टूट गया. जिसका पैसा मांगने पर विवाद और बढ़ा और मारपीट की नौबत आ गयी. जिसके बाद दोनों आरोपियों ने नवीन से मार पीट की उसका बैग, मोबाइल छीनकर हत्या कर दी. दोनों आरोपियों की पहचान सीतापुर निवासी नीरज और संजय के रूप में हुई है.

मामले पर डीसीपी का एक्शन

पूरे मामले पर डीसीपी वेस्ट विश्वजीत श्रीवास्तव ने संज्ञान लेते हुए लापरवाह बरतने वाले वाले पुलिसकर्मी पर एक्शन लिया है. नाका इंस्पेक्टर वीरेंद्र त्रिपाठी को निलंबित करके पुलिस लाइन भेजा गया. नवीन गोरखपुर के रायगंज इलाके के रहने वाले थे और मुंबई में निजी कंपनी में नौकरी करते थे.

आलमबाग मेट्रो स्टेशन के पास मिला था शव

आलमबाग मेट्रो स्टेशन के पास से एक अज्ञात शव बरामद हुआ था. घटना के 3 दिनों के अंदर शव की पहचान न हो पाने के कारण लखनऊ की नाका थाने की पुलिस ने डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस की लापरवाही के कारण एक परिवार अपने सदस्य को अंतिम विदाई भी नहीं दे पाया.

पुलिस ने आरोपियों से नवीन से लूटे बैग, 15 हजार रुपये और मोबाइल भी बरामद कर लिया है.

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