
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का लाल सिक्किम के लाचेन में सेना कैंपस के पास हुए भूस्खलन में शहीद हो गए. लखविंद्र सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव धुरिया पलिया पहुंचा. गांव में हर आंख नम और हर चेहरा भावुक था. भारी जनसैलाब वीर सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ा. लखविंद्र सिंह अपने पीछे 7 साल का मासूम बेटा और मात्र 3 महीने की नन्हीं बेटी को छोड़ गए हैं.
पत्नी ने बेटी को गोद में लेकर अपने शहीद पति को नम आंखों से अंतिम विदाई दी. ये दृश्य देखकर पत्थर दिल भी पिघल जाए. अंतिम संस्कार के दौरान सेना के जवान, पुलिसकर्मी, अधिकारी भाजपा के मंत्री और हजारों ग्रामीण मौजूद रहे. शहीद को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. तिरंगे में लिपटकर लखविंद्र सिंह हमेशा के लिए मातृभूमि की गोद में सो गए.
अग्नि संस्कार के दौरान लखविंद्र सिंह अमर के नारे गूंजे. साथ ही सभी ने फूलों से अंतिम विदाई दी. अंतिम विदाई के दौरान दृश्य हर किसी को भावुक करने वाले था.
पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन
विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकारियों के अनुसार, 29 मई से जारी बारिश और बाढ़ के दौरान हुई 34 मौतों में असम में कम से कम 10 लोग मारे गए, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में नौ, मेघालय और मिजोरम में छह-छह, त्रिपुरा में दो और नागालैंड में एक व्यक्ति की मौत हुई.
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