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This Article is From Jan 18, 2019

कुंभ नगरी में अनोखा पंडाल : सुबह यज्ञ से पहले होता है राष्ट्रगान, शहीदों को किया जाता है नमन

प्रयागराज के कुंभ में देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को खास अंदाज में नमन किया जा रहा

पंडाल के बाहर शहीदों की तस्वीरें लगाई गई हैं.
  • शहीदों को समर्पित पंडाल बना आकर्षण का केंद्र
  • देश भर से शहीदों के परिवार आ रहे
  • शहीदों की आत्मा का शांति के लिए अनुष्ठान
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प्रयागराज:

प्रयागराज के कुंभ में सिर्फ धर्म और अध्यात्म की ही गंगा नहीं बह रही है, बल्कि यहां देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को खास अंदाज में नमन भी किया जा रहा है. मेले में सेक्टर 14 का एक पंडाल पूरी तरह शहीदों और उनके परिवार वालों को समर्पित कर दिया गया है.

शहीदों की आत्मा की शांति के लिए सौ कुंडों की यज्ञशाला बनवाई गई है. शहीदों के परिवार वालों को बुलाकर उनका सम्मान भी किया जाएगा. देश के लिए समर्पित रहने का संदेश देने वाला यह पंडाल मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

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कुंभ में यज्ञ कुंड, हवन, मंत्रोच्चार तो हर जगह चल रहा है लेकिन इस पंडाल में यज्ञ के  संकल्प और हवन से पहले मंत्र नहीं बल्कि अमर शहीदों के लिए उद्घोष होता है जो किसी का भी ध्यान खींच लेता है. अमर शहीदों की आत्मा की शान्ति के लिए बनी यज्ञशाला में 100 कुंडों में शतकुंडीय अति विष्णु महायज्ञ चल रहा है. इस पंडाल को लगने वाला बाबा बालक योगेश्वर दास जी महाराज कहते हैं कि यह अमर शहीदों का कुम्भ है. इसमें सभी आते हैं, देवता भी आते हैं, किन्नर भी आते हैं. जब सभी आते हैं तो अमर शहीदों की आत्मा भी आती है. हम लोग अमर शहीदों को आहुति देकर श्रृद्धांजलि देते हैं.

 

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आध्यात्म की इस नगरी में बाकी पंडालों में प्रभु के भजन से भोर की शुरुआत होती है लेकिन शहीदों के नमन के लिए लगे इस पंडाल में राष्ट्रगान से सुबह की शुरुआत होती है. उसके बाद यज्ञ कुंड में हवन, आरती और फिर पूरी यज्ञशाला की परिक्रमा की जाती है. इसमें मुंबई अटैक, कारगिल वार, ऑपरेशन सर्प विनाशक सन 62 और सन 71 के युद्ध के अमर शहीदों के साथ आतंकवाद के शिकार लोगों की तस्वीरें लगी हैं. जिनको परिक्रमा करने वाले लोग नमन करते हैं. व्यवस्थापक देवेंद्र जीत सिंह उर्फ  पिंटू सिंह बड़े उत्साह से वहां लगे शहीदों के कटआउट दिखाते हुए कहते हैं "यहां पर कारगिल मार्टियार हैं और छब्बीस ग्यारह के हैं. उनके लिए शहीद गांव बना रहे हैं. टेरेरिस्ट अटैक से पीड़ित लोग भी आएंगे. कर्नल विक्रम बत्रा की फैमिली रहेगी, मनोज जी की फैमिली रहेगी. तकरीबन 100 फैमिली यहां आने वाली हैं.

 

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पंडाल की यज्ञशाला के एक हवन कुंड में चम्पा देवी भी हवन कर रही थीं.  चम्पा देवी जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर की रहने वाली हैं, जहां गिरे एक बम से इनका बच्चा शहीद हो गया था और एक बच्चा घायल. अपने शहीद बच्चे की तस्वीर लगाए चम्पा देवी अपने पूरे परिवार के साथ भीगी आंखों से उसकी आत्मा की शांति के लिए यज्ञ कर रही हैं.  उन्होंने कहा "बाबा जी ने बुलाया मेरा बेटा भी शहीद हुआ है पकिस्तान की गोलीबारी से. यहां शांति मिली है. बहुत सारे शहीद परिवार यहां आते हैं.

VIDEO : कुंभ मेले में 14 अखाड़े

पूरे कुंभ में ये पंडाल बाहर से ही सबसे अलग नजर आता है. शहीदों के बड़े-बड़े काट आउट लगे हैं.  तो सबसे ऊंची यज्ञशाला के ऊपर तिरंगा झंडा लहरा रहा है. इस पंडाल में शहीदों के परिवारों के रहने के लिए कुटिया भी तैयार हो रही हैं. ये पंडाल जम्मू-कश्मीर के रहने वाले बालक योगेश्वर दास जी महाराज ने लगाया है. वे इसके पहले चार और कुंभों में भी ऐसे कैम्प लगा चुके हैं.

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