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यूपी से भाग रहे घुसपैठिये! 75 जिलों में अभियान, लखनऊ, गोरखपुर से बनारस तक योगी सरकार की मुहिम तेज

Detention Center in UP: उत्तर प्रदेश में घुसपैठियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. कुछ जिलों में डिटेंशन सेंटर भी बनाए गए हैं. कुछ इलाकों से संदिग्धों के भागने की खबरें सामने आई हैं.

यूपी से भाग रहे घुसपैठिये! 75 जिलों में अभियान, लखनऊ, गोरखपुर से बनारस तक योगी सरकार की मुहिम तेज
Illegal infiltrators in UP
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिविजन अभियान के तहत अवैध घुसपैठियों मुख्य रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या की पहचान और उन पर कार्रवाई तेज हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी 75 जिलों में सत्यापन अभियान चल रहे हैं, जिससे कुछ घुसपैठिए छिपने या भागने की कोशिश कर रहे हैं. लखनऊ के डॉलीगंज और अन्य इलाकों के ऐसे वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं. हालांकि अभी तक बड़े पैमाने पर ऐसा मामला सामने नहीं आया है. हालांकि जांच के बाद गिरफ्तारी और वापस भेजने की प्रक्रिया ज़रूर चल रही है.

SIR के कारण घुसपैठियों में डर है, खासकर पश्चिम बंगाल से यूपी की ओर प्रवास करने वालों में जो वहाँ के एसआइआर से बचने के लिए यूपी में घुसें हैं . सरकार का दावा है कि सेंट्रलाइज सिस्टम ट्रैकिंग, गिरफ्तारी, डिटेंशन और डिपोर्टेशन से भागने की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी.एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड ने भी इनके कई नेटवर्क उजागर किए हैं, और लगातार छापेमारी चल रही है . बिजनौर और लखनऊ की झुग्गियों में छापेमारी के दौरान संदिग्ध दस्तावेज पाए गए जिसके बाद जांच शुरू हुई . 

यूपी में SIR के दौरान घुसपैठिए और फर्जी मतदाताओं की स्थिति

उत्तर प्रदेश में स्पेशल SIR अभियान 4 नवंबर 2025 से चल रहा है, जो 4 दिसंबर तक इंटेंसिव वेरिफिकेशन फेज का था. अब डिजिटाइजेशन 99.24% पूरा और री-वेरिफिकेशन का कम शुरू  है. चुनाव आयोग ने फाइनल रोल 7 फरवरी 2026 के लिए मांगा है, और राज्य ने 2 हफ्ते का एक्सटेंशन मांगा है.

अभी तक फर्ज़ी मतदाताओं की संख्या और क्या क्या हुआ 

  • फर्जी और डुप्लिकेट मतदाता- राज्य-स्तरीय ऑडिट में लगभग 50 लाख एंट्रीज duplicate names, shifted or deceased  voters की पहचान हुई . वेरिफिकेशन के बाद डिलीट किया जाएगा. यह पंचायत चुनावों से पहले की क्लीन-अप ड्राइव का हिस्सा है.
  • नोएडा में अकेले 60+ FIR BLOs के खिलाफ फर्जी एंट्रीज के लिए दाखिल हुईं.
  •  बिहार SIR में 60 लाख+ नाम डिलीट हुए, यूपी में भी इसी स्तर का अनुमान है , लेकिन अभी काम चल रहा है 


घुसपैठियों पर एक्शन

अभी पूरी तरह से फाइनल संख्या उपलब्ध नहीं है अभियान फोकस्ड है पहचान और वोटर लिस्ट से नाम हटाने पर है ,  डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से डिलीट होंगे किसी भी स्थिति में . पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने 1.25 करोड़ घुसपैठियों बांग्लादेशी और रोहिंग्या का दावा किया है. यूपी में ATS और पुलिस छापों से सैकड़ों संदिग्ध दस्तावेज मिले, लेकिन कुल संख्या आना अभी बाकी है .

कैसे हो रही पहचान 

हाई-टेक वेरिफिकेशन: बायोमेट्रिक डेटाबेस फिंगरप्रिंट, फेस रिकग्निशन , फर्जी दस्तावेज स्कैनिंग, डिजिटल सिक्योरिटी ग्रिड. बीजेपी वर्कर्स को BLOs के साथ सहयोग करने और वेरिफिकेशन के मदद में लगाया गया है .99%+ फॉर्म्स डिजिटाइज्ड हो चुके हैं और  सभी जिलों में ड्राइव तेज़ी से चल रही है 

डिटेंशन सेंटर बने: हर जिले में अस्थायी डिटेंशन सेंटर सभी जिलों में, 18 मंडलों में स्थायी हाई-टेक सेंटर CCTV, मल्टी-लेयर सिक्योरिटी. पश्चिमी यूपी में 15,000 क्षमता वाला बड़ा सेंटर बनाया जा रहा है जहाँ घुसपैठियों को ट्रांसफर किया जाएगा . 

केंद्रीय स्तर तक डेटा शेयर : बायोमेट्रिक प्रोफाइल्स को नेशनल नेगेटिव लिस्ट में डाला जाएगा ,  सेंट्रल एजेंसीज ATS, FRRO  से  डेटा शेयरिंग होगी . फर्जी दस्तावेज नेटवर्क्स पर कार्रवाई, पूरी चेन की तलाश और कार्यवाही . 

यूपी में डिटेंशन सेंटर कहां कहां बन रहे हैं?

सीएम योगी ने 22 नवंबर 2025 को सभी 75 जिलों के डीएम को निर्देश दिए कि हर जिले में अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाए जाएँ, जहाँ सत्यापन तक घुसपैठियों को रखा जाएगा. साथ ही, 18 मंडलों डिवीजनों में स्थायी सेंटर स्थापित करने का आदेश है. ये सेंटर हाई-टेक होंगे.  CCTV, बायोमेट्रिक, फेस रिकग्निशन और मल्टी-लेयर सिक्योरिटी से लैस, ताकि भागने की कोई संभावना न हो. पश्चिमी यूपी में एक बड़ा सेंटर 15,000 लोगों का बन रहा है.

मुख्य स्थान जहां जहां डिटेंशन सेंटर बन रहे

  1. पश्चिमी यूपी मेरठ मंडल , मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली. 15,000 क्षमता वाला हाई-टेक सेंटर का मॉडल तैयार, सभी 17 नगर निगमों में प्रस्तावित है . यहाँ पर बायोमेट्रिक और 50 केंद्रीय फोर्स की तैनाती है.
  2. बरेली मंडल, बरेली, बदायूँ, पीलीभीत, शाहजहाँपुर मे काम चल रहा है, पहचान अभियान तेज है और मुख्यमंत्री के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है . 
  3. गोरखपुर मंडल में तीन मंजिला सेंटर बनकर तैयार है  और गार्ड तैनात हैं 
  4. लखनऊ और दूसरे 17 नगर निगम में हर मंडल में एक सेंटर, झुग्गी में रहने वालों या सैनिटेशन वर्कर्स की लिस्ट से पहचान की जा रही है .रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की लिस्ट तैयार की जा रही है . 
  5. सभी 75 जिलों मेंअस्थायी सेंटर अनिवार्य है , नेपाल बॉर्डर वाले 7 जिलों पीलीभीत आदि) में प्राथमिकता.ये सभी सेंटर फॉरेनर्स एक्ट 1946 के तहत संचालित होंगे. पश्चिमी यूपी में सबसे बड़ा सेंटर दिल्ली की तिहाड़ जेल से भी बड़ा होगा.

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