सपा विधायक और उनके पुत्र की हिस्ट्रीशीट की नष्ट
- यूपी के शिकोहाबाद की घटना
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत किये जाने के बाद मामला सामने आया
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इसकी जांच के आदेश दिये हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
फिरोजाबाद:
शिकोहाबाद पुलिस स्टेशन में समाजवादी पार्टी के विधायक और उनके पुत्र की हिस्ट्रीशीट नष्ट किये जाने की खबरों पर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इसकी जांच के आदेश दिये हैं. पुलिस अधीक्षक (शहर) आर. के. सिंह ने बताया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मुझे समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव और उनके पुत्र विजय प्रताप उर्फ छोटू की शिकोहाबाद पुलिस स्टेशन में कथित तौर पर हिस्ट्रीशीट नष्ट किये जाने के मामले की जांच करने को कहा है. उन्होंने कहा कि मैं इस मामले की जांच कर रहा हूं जो इस मामले में दोषी मिलेगा उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जायेगा.
सपा के सिरसागंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक यादव और उनके पुत्र विजय की हिस्ट्रीशीट में सात आपराधिक मामले हैं. ऐसा आरोप है कि अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2013 में पुलिस ने हिस्ट्रीशीट नष्ट कर दिया था. सिपाही सोबरन सिंह द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत किये जाने के बाद मामला सामने आया है और जांच के आदेश दिये गये हैं.
सूत्रों के अनुसार विधायक और उनके पुत्र की हिस्ट्रीशीट के रिकार्ड 2013 से गायब हैं. इस मामले में थाने में तैनात तत्कालीन पुलिसकर्मियों नोटिस देकर उनसे जवाब तलब किया गया है. विधायक द्वारा चुनाव में दिये गये शपथपत्र में कहा गया है कि उनके खिलाफ सात आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. विधायक हरिओम यादव का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम है कि उनके रिकार्ड पुलिस विभाग से नष्ट कर दिये गये हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनपर लगाये गये सभी आरोप पूरी तरह से राजनीतिक हैं.
विधायक पुत्र विजय प्रताप 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव 2016 में निवर्रिोध जीते थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सपा के सिरसागंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक यादव और उनके पुत्र विजय की हिस्ट्रीशीट में सात आपराधिक मामले हैं. ऐसा आरोप है कि अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2013 में पुलिस ने हिस्ट्रीशीट नष्ट कर दिया था. सिपाही सोबरन सिंह द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत किये जाने के बाद मामला सामने आया है और जांच के आदेश दिये गये हैं.
सूत्रों के अनुसार विधायक और उनके पुत्र की हिस्ट्रीशीट के रिकार्ड 2013 से गायब हैं. इस मामले में थाने में तैनात तत्कालीन पुलिसकर्मियों नोटिस देकर उनसे जवाब तलब किया गया है. विधायक द्वारा चुनाव में दिये गये शपथपत्र में कहा गया है कि उनके खिलाफ सात आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. विधायक हरिओम यादव का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम है कि उनके रिकार्ड पुलिस विभाग से नष्ट कर दिये गये हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनपर लगाये गये सभी आरोप पूरी तरह से राजनीतिक हैं.
विधायक पुत्र विजय प्रताप 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव 2016 में निवर्रिोध जीते थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं