- प्रयागराज में गंगा यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि से बाढ़ का खतरा बढ़ा और कई इलाकों में पानी भर गया है.
- यमुना किनारे श्मशान घाट सहित आस-पास के घरों में बाढ़ का पानी घुसने से स्थानीय लोग राहत शिविरों में शिफ्ट हुए.
- प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित कर खाने-पीने और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं.
प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियों में उफान की वजह से बाढ़ लगातार बढ़ रही है. गंगा नदी से सटे इलाकों में पड़ताल के बाद एनडीटीवी की टीम ने यमुना के किनारे बाढ़ के हालात का जायजा लिया. यमुना किनारे स्थित मीरापुर में श्मशान घाट समेत आसपास के घरों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. स्थानीय पार्षद साहिल अरोड़ा ने बताया कि अधिकतर घरों से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है. प्रशासन की तरफ से शिविरों में खाने पीने के साथ साथ मेडिकल की सुविधा मुहैया कराई गई है.
लगातार बढ़ रहा है जलस्तर
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. राहत शिविर में एनजीओ के साथ मिलकर प्रशासन खाने पीने के लिए लंच पैकेट्स और खाद्यान्न पैकेट्स वितरित करने की व्यवस्था किए हुए हैं. साथ ही मेडिकल टीमों की भी तैनाती दिखाई दी. फिलहाल प्रयागराज में शाम 4 बजे की फ्लड रिपोर्ट में भी गंगा और यमुना में बढ़ोतरी देखने को मिली है. आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच नदियों के जलस्तर 4 सेंटीमीटर बढ़ा है. आशंका है आज रात तक ये बढ़ोतरी इसी तरह जारी रह सकती है. अगर ऐसे ही जलस्तर बढ़ा तो प्रयागराज के साथ साथ वाराणसी की भी दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
प्रशासन ने लगाए शिविर
जिले में पिछले कई दिनों से जारी भारी बारिश के बीच गंगा और यमुना का जलस्तर शनिवार से ही खतरे के निशान 84.73 मीटर से ऊपर बना हुआ है. इससे जिले के 200 से अधिक गांव और शहर की करीब 60 बस्तियों में पानी भर गया है. जिला प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को सुबह आठ बजे यमुना नदी का जलस्तर नैनी में खतरे के निशान से ऊपर 86.04 मीटर दर्ज किया गया, जबकि गंगा नदी का जलस्तर फाफामऊ में 86.03 मीटर दर्ज किया गया. जिला प्रशासन ने नगर क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के नागरिकों के लिए बाढ़ राहत शिविर केंद्र के तौर पर बनाए गए विद्यालयों और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ ग्रस्त प्रभावित विद्यालयों में अध्यापन कार्य स्थगित कर दिया है.
सात अगस्त तक बंद स्कूल
रविवार शाम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता (नंदी) ने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए 88 चौकियां, 18 बाढ़ राहत शिविर बनाये गये हैं जिसमें वर्तमान समय में लगभग 6800 से अधिक लोग रह रहे हैं. वहीं जिले में बाढ़ को देखते हुए प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के स्कूलों को सात अगस्त तक बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है. अधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि सभी प्रधानाचार्यों को हर हाल में इस आदेश का पालन करना जरूरी है.
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