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फतेहपुर मकबरा तोड़फोड़ मामले में 80 पन्नों की जांच रिपोर्ट, SP सहित पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई का खतरा

यूपी के फतेहपुर में बीते 11 अगस्त को फतेहपुर में मकबरे में हुई तोड़फोड़ के मामले में 80 पन्नों की जांच रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई होगी.

फतेहपुर मकबरा तोड़फोड़ मामले में 80 पन्नों की जांच रिपोर्ट, SP सहित पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई का खतरा
बीते सोमवार को कुछ हिंदूवादी संगठन के लोगों ने फतेहपुर के मकबरे पर हमला किया था.
  • प्रयागराज कमिश्नर और IG ने फतेहपुर मंदिर-मकबरा विवाद पर राजस्व दस्तावेजों के आधार पर जांच रिपोर्ट तैयार की है.
  • रिपोर्ट में तत्कालीन सरकार और प्रशासनिक चूक की बात है. भीड़ को रोकने में पुलिस की नाकामी का भी जिक्र है.
  • मौके पर अमेठी एसपी मौजूद नहीं थे और फतेहपुर एसपी भी देर से पहुंचे, जिससे भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका.
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लखनऊ:

Fatehpur Mandir vs Tomb Update: बीते 11 अगस्त को फतेहपुर में मकबरे को ठाकुर जी का मंदिर मानकर पूजा करने के बाद हुए बवाल पर यूपी शासन को रिपोर्ट भेज दी गई हैं. सीएम ऑफिस के निर्देश पर प्रयागराज के डिविजनल कमिश्नर और आईजी ने जांच कर रिपोर्ट बनाई है. इन दोनों अफ़सरों से मकबरा और मंदिर के विवाद में राजस्व दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट माँगी गई थी. मकबरे की जमीन गाटा संख्या 753 के साथ-साथ आसपास पूरे इलाके के 8 विभिन्न गाटा का भी विवरण रिपोर्ट में दिया गया.

रिपोर्ट में तत्कालीन सरकार और प्रशासनिक चूक की बात

जिस गाटा संख्या 753 में मकबरा दर्ज बताया गया, उसके मालिकाना हक से लेकर राष्ट्रीय संपत्ति घोषित होने, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दर्ज होने का पूरा विवरण कमिश्नर प्रयागराज ने अपनी रिपोर्ट में दिया. रिपोर्ट में तत्कालीन सरकार और प्रशासन की चूक को भी उजागर किया गया.

पुलिस ने मकबरे की ओर बढ़ रही भीड़ को नहीं रोका

मालिकाना हक को लेकर दायर किए गए सिविल जज या हाई कोर्ट के किसी भी केस में सरकार को पार्टी नहीं बनाया गया. ना ही सरकार ने किसी फैसले के खिलाफ कभी कोई अपील की है. भीड़ को रोकने में नाकामी पर भी रिपोर्ट में लिखा गया है. रिपोर्ट में लिखा गया है कि किसी पुलिस अफसर या कर्मचारी ने मकबरे की तरफ बढ़ रही भीड़ को रोकने का प्रयास नहीं किया.

मौके पर नहीं थे अमेठी एसपी, फतेहपुर एसपी भी देरी से पहुंचे

डाक बंगला चौराहे से लेकर मकबरे के सामने लगी बेरीकेटिंग तक कही भीड़ नहीं रोकने की बात लिखी गई है. सूत्रों के अनुसार शासन को भेजी रिपोर्ट में मौके पर एसपी अमेठी मौजूद नहीं थे. फतेहपुर के एसपी भी मौक़े पर देर से पहुँचे यह लिखा गया है. अब इस रिपोर्ट के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.

6 दिन तक लगातार कैंप कर अधिकारियों ने बनाई जांच रिपोर्ट

बताते चले कि प्रयागराज कमिश्नर और आईजी प्रयागराज अजय मिश्रा ने फतेहपुर में 6 दिन लगातार कैंप कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. इसमें पुराने डॉक्यूमेंट, कोर्ट आदेश, सेल डीड के साथ दोनों अफसरो ने 80 पेज की ज्वाइंट रिपोर्ट यूपी सरकार को भेज दी है. सरकार इस रिपोर्ट को देखने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी.

फतेहपुर के मकबरे में 11 अगस्त को क्या हुआ था?

मालूम हो कि 11 अगस्त को दक्षिणपंथी समूहों ने मकबरा परिसर में घुसकर कुछ कब्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. उन्होंने दावा किया कि यह एक हिंदू मंदिर स्थल है और उसमें पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिये. मकबरे के मुतवल्ली मोहम्मद नफीस ने कहा कि यह संरचना लगभग 500 साल पुरानी है और इसे सम्राट अकबर के पौत्र ने बनवाया था.

तोड़फोड़ के मामले में इन लोगों पर प्राथमिकी

मकबरा परिसर में तोड़फोड़ के इस सिलसिले में दर्ज रिपोर्ट में नामजद लोगों में धर्मेंद्र सिंह (बजरंग दल), अभिषेक शुक्ला (भाजपा), अजय सिंह (जिला पंचायत सदस्य), देवनाथ धाकड़ (भाजपा), विनय तिवारी (नगर पार्षद), पुष्पराज पटेल, ऋतिक पाल और प्रसून तिवारी (भाजपा), आशीष त्रिवेदी और पप्पू चौहान (समाजवादी पार्टी) शामिल हैं.

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