धरती पर डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है. इस कहावत को मऊ के एक निजी अस्पताल में सच होते देखा गया. शारदा नारायण हॉस्पिटल में डॉक्टर को दिखाने के इंतजार में बैठे एक बुजुर्ग को अचानक हार्ट अटैक आ गया. वह कुर्सी से गिर पड़े. यह देखकर वहां पलभर में अफरा-तफरी मच गई.लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें सीपीआर देकर उनकी जान बचा ली.
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक निजी अस्पताल में बैठे बुजुर्ग को आया हार्ट अटैक, डॉक्टरों ने CPR देकर बचाई जान#UttarPradesh pic.twitter.com/CB0BVFBYTN
— NDTV India (@ndtvindia) December 23, 2025
बुजुर्ग को कैसे दी गई सीपीआर
बुजुर्ग के हार्ट अटैक आते ही मौके पर मौजूद डॉक्टरों और नर्सों की टीम ने पहले बिना देर किए कुर्सी पर ही बुजुर्ग को सीपीआर देना शुरू किया. लेकिन बुजुर्ग की स्थिति न संभलने पर बुजुर्ग को जमीन पर लिटाकर लगातार सीपीआर दिया गया. इससे उनकी सांसें लौट आईं.इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया.सही समय पर दी गई सीपीआर से बुजुर्ग की जान बच गई. इस मानवीय और त्वरित प्रयास की चारों ओर सराहना हो रही है.
गौरतलब है कि सीपीआर एक जीवनरक्षक तकनीक है.इसके लिए आम लोगों को भी प्रशिक्षित किया जा सकता है. हार्ट अटैक की स्थिति में समय पर सीपीआर दिए जाने से मरीज के बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. ऐसे में इस तकनीक के व्यापक प्रचार-प्रसार और प्रशिक्षण की आवश्यकता है, जिससे बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों से प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सके.
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