
- रायबरेली के एक स्कूल में कक्षा 12 के दलित छात्र को हिंदी की किताब न लाने पर शिक्षक ने बेरहमी से पीटा.
- छात्र ने आरोप लगाया कि शिक्षक ने उसकी जाति पूछी और दलित होने पर उसे और ज्यादा पीटा गया.
- छात्र को इतनी बुरी तरह मारा गया कि वह स्कूल में ही बेहोश हो गया. बावजूद इसके उसे तुरंत घर पर नहीं भेजा गया.
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक दलित छात्र को बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है. कक्षा 12 के दलित छात्र की गलती सिर्फ इतनी थी कि वह हिंदी की किताब नहीं लाया था. छात्र को इतनी बुरी तरह से पीटा गया कि वह स्कूल में ही बेहोश हो गया. छात्र का आरोप है कि टीचर ने उसकी जाति पूछी और उसके बाद और पीटा. बाद में उसने घर पहुंचकर यह बात अपने परिजनों को बताई. उसके परिजनों ने थाने में आरोपी शिक्षक के खिलाफ शिकायत दी है और कार्रवाई की मांग की है.
सलोन थाना क्षेत्र के एक स्कूल में कक्षा 12 पढ़ने वाला छात्र हिंदी की किताब नहीं लाया था. महज इतनी सी बात पर शिक्षक ओमप्रकाश शुक्ला आग बबूला हो गए. छात्र को पहले क्लास में जमकर पीटा गया और उसके बाद बाहर ले जाकर भी जमकर पिटाई की गई. इसके बाद छात्र को धमकाया गया और कहा कि पुलिस या कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता है.
टीचर ने मेरी जाति पूछी: पीड़ित छात्र
छात्र का कहना है कि टीचर ने मेरी जाति पूछी, जब उसने बताया तो उसे इतनी बेरहमी से पीटा गया कि वह स्कूल में ही बेहोश हो गया है. साथ ही छात्र ने कहा कि होश में आने के बाद भी उसे घर नहीं भेजा गया बल्कि स्कूल में ही रोक कर रखा गया और मारपीट के बाद होमवर्क पूरा करने के लिए कहा गया.
छात्र के शरीर पर चोट के गहरे निशान
छात्र को इतना पीटा गया है कि उसके शरीर पर पिटाई के गहरे लाल निशान पड़ गए हैं. परिजनों ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है और कार्रवाई की मांग की है.
हालांकि अभी तक इस मामले में पुलिस की ओर से न कोई बयान सामने आया है और न ही कार्रवाई को लेकर कुछ बताया गया है. वहीं स्कूल की तरफ से भी पिटाई के संबंध में कोई बयान अभी तक नहीं आया है. इस घटना के बाद फिलहाल छात्र ने स्कूल जाना छोड़ दिया है.
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