
- बरेली हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक कुल 82 आरोपियों को गिरफ़्तार कर जांच प्रक्रिया जारी रखी है.
- SSP ने बताया कि जांच में पता चला कि हिंसा घटना से एक सप्ताह पहले से सुनियोजित साजिश की योजना बनाई गई थी.
- SSP ने कहा कि तौकीर रजा और उनके समर्थकों ने पुलिस को धोखा देने की कोशिश की और भीड़ इकट्ठा करने का प्रयास किया.
उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल ही में हुई हिंसा के मामले में जिले के एसएसपी अनुराग आर्य ने एनडीटीवी से खास बातचीत की और कई बड़े खुलासे किए. एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने अब तक कुल 82 आरोपियों को गिरफ़्तार किया है और जांच से पता चला है कि यह हिंसा घटना वाले दिन से एक हफ्ते पहले से सुनियोजित साजिश का नतीजा है.
मौलाना तौकीर रजा और गुर्गों पर धोखा देने का आरोप
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि मौलाना तौकीर रजा और उनके गुर्गों ने पुलिस को धोखा देने की कोशिश की. पुलिस ने भीड़ इकट्ठा करने की योजना को रोकने की अपील की थी, जिस पर आरोपियों ने सहमति जताई थी. आरोपियों ने सहमति जताते हुए फ़ेसबुक पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसका स्क्रीनशॉट पुलिस को भेजा गया. इसके तुरंत बाद, उस वीडियो को डिलीट कर दिया गया.
बड़ी साज़िश नाकाम, हथियार बरामद
एसएसपी आर्य ने बताया कि हिंसा के पीछे बड़ी भीड़ इकट्ठा करने की साज़िश थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता के कारण यह नाकाम हो गई. पुलिस ने दस संवेदनशील जगहों पर बैरिकेड लगाकर भीड़ को इकट्ठा नहीं होने दिया, जिसके कारण एक बड़ी हिंसा होने से टल गई. उन्होंने खुलासा किया कि भीड़ में शामिल कई लोगों के पास ब्लेड, छुरा और यहां तक कि हथियार भी मौजूद थे. पुलिस ने आज के एनकाउंटर (मुठभेड़) में पुलिस का वायरलेस सेट और एंटी रायट गन बरामद कर लिया है.
NSA पर अभी कोई फैसला नहीं, शांति की अपील
मौलाना तौक़ीर रज़ा पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाने के सवाल पर एसएसपी आर्य ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है, जिसे अभी लागू करने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने बरेली के लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और पुलिस पर यकीन करने की अपील की है. एसएसपी ने यह भी दोहराया कि पुलिस किसी निर्दोष को फंसने नहीं देगी, और कोई भी दोषी बख़्शा नहीं जाएगा.
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