क्रिसमस के अवसर पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने देश के विभिन्न हिस्सों में ईसाइयों पर हुए कथित हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि जब किसी भी समुदाय की धार्मिक परंपराओं या आस्था पर हमला होता है, तो यह केवल उस धर्म के लोगों पर नहीं, बल्कि भारत के संविधान और हर नागरिक की स्वतंत्रता पर हमला है. थरूर ने तिरुवनंतपुरम और पलक्कड़ (केरल) की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हमें अपने ईसाई भाइयों के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए.
शशि थरूर ने उत्तर प्रदेश के बरेली और राजस्थान के नागौर में क्रिसमस कार्यक्रमों के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों और धमकियों की खबरों पर दुख जताया. उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए सत्ताधारी दल (भाजपा) के नेतृत्व से अपील की कि वे इन हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा करें. थरूर ने कहा कि जिस तरह कौरवों की सभा में अन्याय के खिलाफ विकर्ण ने आवाज उठाई थी, उसी तरह आज भी जिम्मेदार नेतृत्व को आगे आकर इन क्रूर घटनाओं को रोकना चाहिए.
It's an affirmation of my commitment to the Christian community in my constituency that takes me to the city's churches every Christmas Eve. But in these fraught times, such an act of solidarity is all the more necessary to reiterate the respect for each other's faiths that must… pic.twitter.com/6M7Hj45cEh
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 25, 2025
दूसरी ओर, PM मोदी ने दिल्ली के 'कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन' में आयोजित सुबह की प्रार्थना सभा में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने ईसाई समुदाय के लोगों के साथ मिलकर प्रेम, शांति और करुणा के संदेश को साझा किया. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि क्रिसमस की भावना हमारे समाज में सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देगी.
शशि थरूर ने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे पिछले 17 वर्षों से हर क्रिसमस पर विभिन्न चर्चों का दौरा करते हैं. इस बार भी उन्होंने केरल के कई चर्चों में जाकर प्रार्थना की और समुदाय के साथ केक काटकर खुशियां मनाईं. उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी धर्मों की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करना ही केरल और भारत की राजनीति की असली पहचान है.
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