पूरा उत्तर भारत इस वक्त सर्दी के आगोश में है. हाड़ कंपाने वाली ठंड में जहां लोगों को पानी का नाम सुनते ही कंपकंपी छूट रही है, लोग पानी में हाथ डालने से भी बच रहे हैं, वहीं गुरुवार को काशी में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला. दशाश्वमेध घाट पर एक बुजुर्ग दंपती गंगा के बर्फीले पानी में डुबकी लगाते नजर आए. उनके चेहरे पर ठंड का असर नहीं, बल्कि श्रद्धा की चमक दिख रही थी.
गुरुवार सुबह काशी गलन भरी सर्दी में घिरी रही. पछुआ हवाओं के कारण गलन का असर बढ़ा है. मौसम विभाग के मुताबिक, न्यूनतम तापमान करीब 10 डिग्री रहा. अधिकतम तापमान भी सामान्य से 4.1 डिग्री कम होकर 18.5 दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक ठंड और कोहरे का अलर्ट जारी किया है.
#WATCH | Uttar Pradesh | Devotees brave the cold wave to take a holy dip in the Ganga river in Varanasi. IMD forecasts a minimum temperature of 10° C in the city.
— ANI (@ANI) December 25, 2025
Visuals from Dashashwamedh Ghat. pic.twitter.com/4xRThV1PBN
सर्दी के इस सितम के बावजूद काशी में श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं है. दशाश्वमेध घाट पर सुबह से ही गंगा किनारे घूमने वालों की भीड़ रही. अधिकतर लोग नावों में बैठकर गंगा का नजारा देखते रहे. ठंड में गंगा के बर्फीले पानी में नहाने की हिम्मत नहीं हुई तो श्रद्धा भरे हाथों से सिर्फ आचमन लेकर ही काम चला लिया.
इसी बीच ऐसा नजारा दिखा, जिसने साबित कर दिया कि आस्था के आगे मौसम भी हार मान जाता है. दशाश्वमेध घाट पर एक बुजुर्ग दंपती गंगा में डुबकी लगाते नजर आए. बुजुर्गों के चेहरे पर न कोई शिकन थी और न ही ठिठुरन का डर, उनके लिए गंगा का बर्फीला पानी भी शीतल लग रहा था.
काशी में इन भक्तों ने साबित कर दिया कि मन में समर्पण हो तो कैसी भी ठंड आस्था की राह नहीं रोक सकती. सर्दी में लिपटी गंगा की लहरें और घाटों पर गूंजता हर-हर महादेव का उद्घोष इस कड़ाके की सर्दी में भी नई ऊर्जा का संचार करता नजर आ रहा है.
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