भारत ने रक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए बंगाल की खाड़ी में अपनी स्वदेशी K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का गोपनीय तरीके से सफल परीक्षण किया है. 23 दिसंबर को परमाणु पनडुब्बी INS अरिघात के जरिए अंजाम दिए गए इस परीक्षण ने भारत की सैन्य ताकत को एक नई ऊंचाई दी है. 3,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली यह मिसाइल भारत की 'न्यूक्लियर ट्रायड' (आकाश, जमीन और समंदर से परमाणु हमला करने की क्षमता) को अत्यधिक मजबूती प्रदान करती है.
इस मिसाइल की तकनीकी खूबियां इसे दुनिया की घातक मिसाइलों की श्रेणी में खड़ा करती हैं. आवाज की गति से 5 गुना तेज (Hypersonic speed) चलने वाली K-4 मिसाइल को रडार के जरिए ट्रैक कर पाना लगभग नामुमकिन है. यह मिसाइल करीब 2 टन वजन के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है, जो इसे किसी भी बड़े हमले को विफल करने या उसे अंजाम देने का एक शक्तिशाली हथियार बनाती है.
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