 
                                            तरण ताल के लोकार्पण के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
                                                                                                                        - 4 घंटे में 50 हज़ार करोड़ की लागत वाली 300 योजनाएं हुई लॉन्च
- आचार संहिता लगने से पहले ताबड़तोड़ योजनाएं की जा ही है लॉन्च
- अखिलेश ने प्रधानमंत्री पर देश को पीछे धकेलने का आरोप लगाया
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                                                                                लखनऊ: 
                                        मंगलवार को केवल चार घंटे में उत्तर प्रदेश को आईटी सिटी, कैंसर हॉस्पिटल और एक ओलंपिक तरण ताल की सौगात मिल गई.  मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चंद घंटे के भीतर एक के बाद एक करके 50 हज़ार करोड़ रुपये की लागत वाली 300 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया. इन्हें चुनावी तैयारी ही कहेंगे कि मुख्यमंत्री ताबड़तोड़ योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर रहे हैं.
इस कड़ी में उन्होंने मंगलवार को रिकॉर्ड योजनाओं का या तो शिलान्यास किया या उन्हें जनता को समर्पित किया. इन योजनाओं में 100 एकड़ में फैली आईटी सिटी, 983 एकड़ में बनने वाला कैंसर अस्पताल और करीब 850 करोड़ की लागत से बनने वाला अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र शामिल है. शहीद पथ पर उन्होंने 300 करोड़ की लागत से बने इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और अमूल द्वारा तैयार किए दूध प्लांट का लोकार्पण भी किया.
इनके अलावा संभल के मुख्यालय भवन, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय, बिजनौर और चंदौली में राजकीय मेडिकल कॉलेज तथा शान-ए-अवध का शिलान्यास किया. ख़ास बात यह रही कि इस विशाल लोकार्पण कार्यक्रम में उन्होंने समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा है. जैसे किसानों के लिए दूध प्लांट, बच्चों के लिए खेल के मैदान और व्यापारियों के लिए मंडी परिषद में कई योजनाएं शामिल हैं.
शहर के अलग-अलग हिस्सों में किए गए शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रमों के दौरान उन्होंने नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खूब ताने मारे. उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने देश को काफी पीछे धकेल दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा था, लेकिन नोटबंदी से सबकुछ अचानक रूक गया. उन्होंने कहा कि आगे-आगे देखिए होता है क्या. लोगों के पास पैसा नहीं है, लोग मर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री तरक्की की बात कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री 22 दिसंबर को समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे. उन्होंने बताया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तथा समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ मंडी स्थलों की स्थापना की जाएगी.
उत्तर प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. चुनावी तारीखों की घोषणा कुछ ही दिनों में कर दी जाएगी. राजनीति के जानकारों का कहना है कि यह सब चुनावों को देखकर किया जा रहा है.
चुनाव आयोग को पीछे छोड़ते हुए अखिलेश दमादम योजनाओं का लोकार्पण तो कर रहे हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम योजनाएं ही पूरी होने के कगार पर हैं. जानकारों का कहना है कि दिसंबर में ही प्रदेश में चुनाव आयोग आचार संहिता लागू कर सकता है, इसलिए मुख्यमंत्री इन कामों को अंजाम देने में लगे हुए हैं.
पिछले महीने ही मुख्यमंत्री ने लखनऊ और आगरा के बीच 302 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया था. 10 हज़ार करोड़ की लागत वाला यह एक्सपेस-वे अभी लोगों के लिए खोला जाना बाकि है. उन्होंने लखनऊ मेट्रो के पहले चरण को भी हरी झंडी दिखा दी, लेकिन वास्तव में इसे शुरू होने में अभी कई महीने लगेंगे.
सोमवार को भी मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले लोगों को यश भारती सम्मान से सम्मानित किया. एक साल के भीतर चौथी बार यह सम्मान दिया गया.
उधर, मंगलवार को ही केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इलाबाबाद में 5 राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास की योजना को लॉन्च किया. इस अवसर पर उन्होंने अखिलेश पर निशाना लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में काम कम और भाषण ज्यादा होते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता विकास का इंतजार कर रही है और यहां की सरकार भाई-भतीजे की लड़ाई लड़ रही है.
                                                                        
                                    
                                इस कड़ी में उन्होंने मंगलवार को रिकॉर्ड योजनाओं का या तो शिलान्यास किया या उन्हें जनता को समर्पित किया. इन योजनाओं में 100 एकड़ में फैली आईटी सिटी, 983 एकड़ में बनने वाला कैंसर अस्पताल और करीब 850 करोड़ की लागत से बनने वाला अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र शामिल है. शहीद पथ पर उन्होंने 300 करोड़ की लागत से बने इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और अमूल द्वारा तैयार किए दूध प्लांट का लोकार्पण भी किया.
इनके अलावा संभल के मुख्यालय भवन, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय, बिजनौर और चंदौली में राजकीय मेडिकल कॉलेज तथा शान-ए-अवध का शिलान्यास किया. ख़ास बात यह रही कि इस विशाल लोकार्पण कार्यक्रम में उन्होंने समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा है. जैसे किसानों के लिए दूध प्लांट, बच्चों के लिए खेल के मैदान और व्यापारियों के लिए मंडी परिषद में कई योजनाएं शामिल हैं.
शहर के अलग-अलग हिस्सों में किए गए शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रमों के दौरान उन्होंने नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खूब ताने मारे. उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने देश को काफी पीछे धकेल दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा था, लेकिन नोटबंदी से सबकुछ अचानक रूक गया. उन्होंने कहा कि आगे-आगे देखिए होता है क्या. लोगों के पास पैसा नहीं है, लोग मर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री तरक्की की बात कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री 22 दिसंबर को समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे. उन्होंने बताया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तथा समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ मंडी स्थलों की स्थापना की जाएगी.
उत्तर प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. चुनावी तारीखों की घोषणा कुछ ही दिनों में कर दी जाएगी. राजनीति के जानकारों का कहना है कि यह सब चुनावों को देखकर किया जा रहा है.
चुनाव आयोग को पीछे छोड़ते हुए अखिलेश दमादम योजनाओं का लोकार्पण तो कर रहे हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम योजनाएं ही पूरी होने के कगार पर हैं. जानकारों का कहना है कि दिसंबर में ही प्रदेश में चुनाव आयोग आचार संहिता लागू कर सकता है, इसलिए मुख्यमंत्री इन कामों को अंजाम देने में लगे हुए हैं.
पिछले महीने ही मुख्यमंत्री ने लखनऊ और आगरा के बीच 302 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया था. 10 हज़ार करोड़ की लागत वाला यह एक्सपेस-वे अभी लोगों के लिए खोला जाना बाकि है. उन्होंने लखनऊ मेट्रो के पहले चरण को भी हरी झंडी दिखा दी, लेकिन वास्तव में इसे शुरू होने में अभी कई महीने लगेंगे.
सोमवार को भी मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले लोगों को यश भारती सम्मान से सम्मानित किया. एक साल के भीतर चौथी बार यह सम्मान दिया गया.
उधर, मंगलवार को ही केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इलाबाबाद में 5 राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास की योजना को लॉन्च किया. इस अवसर पर उन्होंने अखिलेश पर निशाना लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में काम कम और भाषण ज्यादा होते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता विकास का इंतजार कर रही है और यहां की सरकार भाई-भतीजे की लड़ाई लड़ रही है.
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                                        Uttar Pradesh, CM Akhilesh Yadav, उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय, यूपी चुनाव 2017, UP Elections 2017
                            
                        