
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘छांगुर बाबा' से संबंधित कथित धर्मांतरण गिरोह से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश और मुंबई में कई जगहों पर छापे मारे. अधिकारियों ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में 12 और मुंबई में दो ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. इस बीच छांगुर का मुरादाबाद कनेक्शन भी सामने आया है. कहा जा रहा है कि छांगुर बाबा का मुरादाबाद के बिलारी तहसील में भी नेटवर्क मौजूद है और छांगुर ने मुरादाबाद में दानवीर नाम के व्यक्ति को धमकाया था.
क्या है पूरा मामला
साल 2020 से 2024 तक छांगुर बाबा ने अवैध कब्ज़ा करने वाले मुस्लिम दुकानदारों की शिकायत करने पर दानवीर नाम के व्यक्ति को धमकाया था. दानवीर ने 7 अक्टूबर 2024 को एक कार्यकर्म में पहुंचे समाज कल्याण विभाग मंत्री असीम अरुण को पत्र देकर उसकी शिकायत की थी.
दानवीर ने शिकायत पत्र में लिखा था कि उसने 35 सरकारी आवंटित दुकानों में 80% पर मुस्लिम समुदाय के लोगों का अवैध कब्जे की शिकायत की थी, उसके बाद से ही उसे धमकी दी जा रही है. 7 अक्तूबर, 2024 को समाज कल्याण विभाग मंत्री असीम अरुण जब मुरादाबाद आए थे, तो दानवीर ने एक पत्र में साफ़ साफ़ लिखकर दिया था कि उसको वर्ष 2020 से बलरामपुर उतरौला निवासी छांगुर बाबा मौलाना ने कॉल कर शिकायत वापस लेने की धमकी दे रहा है.
दानीवर के अनुसार उसे पाकिस्तानी नंबर से भी कॉल कर धमकी दी गई थी. साथ ही उसे सर तन से जुदा करने की भी धमकी मिल रही है. लेकिन शिकायत के बाद भी इस मामले की नहीं कोई जांच हुई और नहीं कोई एक्शन हुआ. दानवीर ने जिन लोगों के संबंध में अवैध कब्जों की शिकायत की थी. उनकी ही सिफ़ारिश में छांगुर बाबा ने दानवीर को कॉल की थी. अगर जांच एजेंसी यहां आकर कुछ छानबीन करती हैं तो छांगुर बाबा का नेटवर्क मुरादाबाद में भी मिल सकता है.
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