
- बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद के बाद एक सप्ताह से तनाव और हिंसा की स्थिति बनी हुई है
- जुमे की नमाज से पहले प्रशासन ने बरेली में हाई अलर्ट जारी कर व्यापक पुलिस बल तैनात किया है
- संवेदनशील इलाकों में पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं और ड्रोन से निगरानी की जा रही है
यूपी के बरेली में आज जुमे की नमाज को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है. यूपी के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद' विवाद को एक सप्ताह गुजर गए हैं. ये विवाद पिछले जुमे की नमाज के बाद शुरू हुआ था.चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. हवा में ड्रोन से निगरानी की जा रही है. कुछ संवेदनशील इलाके किले में तब्दील नजर आ रहे हैं. वहीं भड़काऊ पोस्ट पर लगाम लगाने के लिए बरेली में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया है.
बरेली 48 घंटे के लिए इंटरनेट बंद
बरेली में आज जुमे की नमाज को देखते हुए प्रशासन ने 48 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया है. लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है. बेरली में सुरक्षा के बंदोबस्त के लिहाज से शहर को पांच जोन में बांट दिया गया है.
13 सीओ संभाल रहे हैं सुरक्षा की कमान
जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिए शहर को कई जोन में बांट दिया है. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए 13 सीओ लगाए गए हैं. इसके अलावा 250 इंस्पेक्टर भी तैनात किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि 3000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. अधिकारियों ने बताया कि पीएससी और आरएएफ मिलाकर 8000 जवानों की तैनातीकी गई है.
6 ड्रोन टीमें तैनात
जिले में छह ड्रोन टीमों की भी तैनाती की गई है. ये दस्ता पूरे इलाके में पैनी नजर रखेगा. गौरतलब है कि बरेली में हिंसा के बाद आज पहली बार जुमे की नमाज पढ़ी जाएगी.
9 महला मस्जिद की चाक-चौबंद सुरक्षा
अधिकारियों ने बताया कि 9 महला मस्जिद सुरक्षा के बंदोबस्त सबसे ज्यादा है क्योंकि यहां ही तौकीर रजा यहीं नमाज पढ़ते थे. बरेली के मौलाना शाहबुद्दीन बरेलवी ने लोगों से अपील की है कि नमाज पढ़कर सीधे अपने घरों में जाएं किसी के उकसावे में बहकावे में ना कोई प्रदर्शन करें ना भीड़ का हिस्सा बनें. प्रशासन ने कई इलाकों में अतिरिक्त सीसीटीवी भी लगाए गए हैं. सूबे की महिला एसओजी की टीम सड़कों पर पेट्रोलिंग कर रही हैं.
'शांति बनाए रखें, नमाज अदा करें और घर जाएं'
'जुम्मे की नमाज' पर दरगाह आला हज़रत के प्रवक्ता नासिर कुरैशी ने कहा, '...बरेली में 4 अक्टूबर 2025 को ग्यारवी शरीफ का जुलूस निकलना है. यह निर्णय लिया गया है कि कल यह जुलूस नहीं निकाला जाएगा. हर हाल में शांति बनी रहनी चाहिए. कुछ संगठनों ने आज बंद का आह्वान किया था. दरगाह ने अपील की है कि सभी लोग शांति बनाए रखें, नमाज अदा करें और घर जाएं.'
#WATCH | Bareilly, Uttar Pradesh | On 'Jumme ki Namaz', Dargah Ala Hazrat's spokesperson Nasir Qureshi says, "...The Gyarvi Sharif procession is scheduled to take place in Bareilly on October 4, 2025. It has been decided that this procession will not be taken out tomorrow...Peace… pic.twitter.com/yPQ9JJLUG3
— ANI (@ANI) October 3, 2025
दरगाह के मौलाना ने की ये अपील
बरेली में आला हजरत दरगाह के सबसे वरिष्ठ मौलाना एहसान रजान खान ने जिले में जारी तनाव के बीच शांति कायम करने के प्रयास के तहत स्थानीय मुस्लिमों से शुक्रवार की नमाज के बाद शांतिपूर्वक अपने घरों को वापस जाने की अपील की है. पिछले सप्ताह शुक्रवार की नमाज के बाद भड़की हिंसा को देखते हुए बृहस्पतिवार को यह अपील की गई जिसमें कहा गया है कि शुक्रवार की नमाज के बाद हर मुस्लिम को अपने घरों की ओर लौटना होगा. अफवाहों पर ध्यान ना दें और शांति बनाए रखें. आला हजरत दरगाह को सुन्नी इस्लाम के बरेलवी संप्रदाय का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है और यह उस क्षेत्र में काफी प्रभाव रखता है.
बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बरेली में कोतवाली क्षेत्र की एक मस्जिद के बाहर दो हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. इस दौरान हुए पथराव और लाठीचार्ज में कुछ पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गये थे.

यह हिंसा ‘आई लव मुहम्मद' पोस्टर विवाद को लेकर इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान द्वारा प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को रद्द किये जाने के बाद शुरू हुई थी. बरेली में 26 सितंबर को हुई हिंसा के सिलसिले में बुधवार तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
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