
- योगी आदित्यनाथ ने बरसात से पहले जलभराव रोकने के निर्देश दिए थे, लेकिन बांदा नगर पालिका प्रशासन ने इस पर उचित कार्रवाई नहीं की.
- बांदा के शंकर नगर, आजाद नगर और सेढू तलैया मोहल्लों में लगातार बारिश के कारण जलभराव से लगभग एक हजार मकान प्रभावित हुए हैं.
- जलभराव के कारण कई घरों में पानी भर गया है, जिससे लोग अपने घरों में कैद होकर रहने को मजबूर हैं और कुछ पलायन कर चुके हैं.
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बरसात से पहले ही निर्देश जारी किए थे कि कहीं से भी जलभराव जैसी स्थिति सामने न आए. लेकिन यूपी के बांदा में नगर पालिका प्रशासन ने मानो सरकार की बदनामी कराने का ठेका ले रखा है. बांदा नगर पालिका की लापरवाही का आलम यह है कि मंडल मुख्यालय बांदा के कई मोहल्ले जलभराव के चलते बाढ़ जैसे नजारे पेश कर रहे हैं. नगर पालिका का 'स्वच्छ बांदा सुंदर बांदा' स्लोगन सिर्फ कागजी ही दिखाई दे रहा है. हालात इतने बदतर है कि बरसात में नालों का पानी लोगों के घरों में घुस चुका है. तकरीबन एक हजार मकान और उसमें रहनेवाले नगर वासी अपने ही घरों में कैद होकर वक्त गुजार रहे हैं.

बांदा के शंकर नगर, आजाद नगर और सेढू तलैया जैसे मोहल्लों में जलभराव हो गया है. 24 घंटे से यहां पर रुकरुक बारिश हो रही है. बारिश ने नगर पालिका प्रशासन के तमाम दावों को भी डुबो दिया है. इन तीन मोहल्लों में तकरीबन 1 हजार से अधिक मकान हैं. हजार की संख्या में लोग निवास करते हैं. लेकिन आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह सड़के तालाब बनी है और लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है. यहां तक कि रसोई का सामान भी पानी में डूबा है.

कई घरों में ताले भी लग चुके हैं और पानी भरने के चलते पीड़ित दूसरी जगहों पर अपने रिश्तेदारों के यहां फिलहाल पलायन कर गए हैं. नगर पालिका के तमाम दावे यहां जमींदोज़ दिखाई दे रहे हैं.

गंदा पानी लोगों को कर रहा बीमार
दूसरी और जलभराव के कारण मच्छर और कीड़े यहां के लोगों को बीमार कर रहे है. जब इस मामले में नगर पालिका ईओ चंद्र चौधरी से बात करने की कोशिश की गई तो जलभराव के सवाल पर ही उन्होंने साफ तौर पर कुछ भी बोलने से न सिर्फ इनकार कर दिया. यहां तक की संवाददाता से कह "मैंने आप लोगों को बुला लिया तो यह व्यवहार करेंगे"
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