अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एक प्रमुख सहयोगी ने कथित तौर पर कहा है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को एयर कंडीशनर की आदत हो गई थी और उन्हें बाहर निकलने और लोगों से अधिक बार मिलने की जरूरत थी. समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव में छह सीटें जीतने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने रविवार को पूर्वी यूपी में अपनी पार्टी की एक बैठक में यह टिप्पणी की.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख राजभर ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "अखिलेश यादव को वातानुकूलित कमरों की आदत हो गई है." बैठक के बाद पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर राजभर ने टिप्पणियों से इनकार नहीं किया. राजभर ने कहा, "उन्हें बाहर जाना चाहिए और विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलना चाहिए, यही मेरा कहना था. मैं लखनऊ जाऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि वह बाहर आएं."
बीजेपी ने समाजवादी पार्टी प्रमुख की आलोचना करने के लिए ओमप्रकाश राजभर के कमेंट का इस्तेमाल किया. बीजेपी के शहजाद पूनावाला ने ट्वीट में कहा, "सपा के सहयोगी ओपी राजभर का कहना है कि अखिलेश यादव एसी के बहुत आदी हैं और सड़कों पर नहीं उतर रहे हैं..खैर "परिवार पहले" पार्टियां आमतौर पर विदेश दौरे / एसी / छुट्टी / पार्टी मोड में 4.5 साल बिताती हैं. चुनाव से 6 महीने पहले वे प्रचार मोड में चले जाते हैं. अभी बबुआ वेकेशन मोड में हैं."
मार्च में राज्य के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की हार के ठीक बाद राजभर के फिर से पूर्व सहयोगी बीजेपी की ओर झुकाव की अटकलें थीं. इसकी शुरुआत बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह से उनकी मुलाकात की खबरों के बीच हुई थी. चर्चा यह है कि राजभर ने होली पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की. बैठक की एक कथित तस्वीर भी सोशल मीडिया पर सामने आई, जो बाद में चार साल पुरानी निकली. राजभर ने किसी भी बैठक के होने से इनकार किया है.
राजभर की पार्टी एसबीएसपी का पूर्वी उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के बीच काफी प्रभाव है. वह चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा बनाए गए इंद्रधनुष गठबंधन का हिस्सा थे. अखिलेश ने अपनी पार्टी के यादव-मुस्लिम वोट बैंक को आधार बनाकर यह गठबंधन बनाया था.
साल 2017 में राजभर ने एनडीए गठबंधन के हिस्से के रूप में राज्य का चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव के बीच में यह शिकायत करते हुए गठबंधन छोड़ दिया कि उन्हें बीजेपी, विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा "अनदेखा" किया जा रहा है. उनकी पार्टी इस बात से नाराज थी कि उसे पूर्वी उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं दी गईं.
अप्रैल 2019 में राजभर ने नाटकीय रूप से लखनऊ में योगी आदित्यनाथ से उनके घर पर अपने त्यागपत्र के साथ रात 3 बजे मिलने की मांग की. जब बताया गया कि मुख्यमंत्री सो रहे हैं तो वे चले गए.
यह भी पढ़ें -
'चल संन्यासी मंदिर में...' 10 मार्च को 10 बजे बजेगा ये गाना: ओमप्रकाश राजभर ने CM योगी पर कसा तंज
'सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है', यूपी में बढ़ते बाल अपराध को लेकर अखिलेश ने सरकार पर बोला हमला
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं