 
                                            - शाहजहांपुर निवासी पुनीत गुप्ता को एटीएम से मिला 2000 का स्कैन नोट.
- पुनीत गुप्ता ने एसबीआई के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई.
- बैंक अधिकारियों पर "साजिश" में शामिल होने का आरोप लगाया गया.
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                                                                                शाहजहांपुर: 
                                        दिल्ली में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से 2,000 रुपये के नकली नोट निकलने के कुछ दिन बाद एक बार फिर जाली नोट इस सरकारी बैंक को परेशान करने लौट आए हैं. इस बार उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में इस बैंक के एटीएम से 2000 रुपये के नोटों की स्कैन कॉपी निकली है. पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है.
मामला बीते गुरुवार की शाम का है, जब शाहजहांपुर में रहने वाले पुनीत गुप्ता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से 10,000 रुपये निकालने पहुंचे. उन्होंने बताया कि एटीएम से 2000 रुपये के पांच नोट निकले, जिनमें एक को उन्होंने उलटकर देखा तो वह नई नोट की स्कैन कॉपी था. यह देख पुनीत हैरान रह गए.
पुनीत ने एटीएम की कतार में मौजूद लोगों के साथ बैंक से इसकी शिकायत की और बैंक अधिकारियों पर "साजिश" में शामिल होने का आरोप लगाया. इसके बाद वहां बड़ा हंगामा खड़ा हो गया, जिसके चलते पुलिस को बुलाया गया. भीड़ ने इस बात की जांच की मांग की कि एटीएम के अंदर नकली नोट कैसे पहुंचे. पुनीत गुप्ता ने एसबीआई के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई.
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक भरत गौतम ने बताया कि कस्बा निवासी रितिक गुप्ता ने स्टेट बैंक के एटीएम से 10,000 रुपये निकाले थे. एटीएम से दो-दो हजार रुपये के पांच नोट निकले. उनमें दो हजार का एक नोट नकली निकला जो संभवत: कंप्यूटर से स्कैन करके एटीएम में डाला गया था. इस मामले की तहरीर थाने में दी गई है.
इस बीच स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आरबी त्रिवेदी ने बताया कि बैंकों में जो करेंसी जा रही है वह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भेजी हुई है. एटीएम में रिजर्व बैंक द्वारा भेजी गई नई करेंसी ही होती है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में यह कहना तो गलत होगा कि एटीएम से दो हजार रुपये का नकली नोट निकला. बहरहाल हम पूरे मामले की जांच करा रहे हैं.
 
बता दें कि बीते बुधवार को साउथ दिल्ली के संगम विहार इलाके में एसबीआई एटीएम से 2,000 रुपये के नकली नोट निकले थे, जिनपर भारतीय रिजर्व बैंक की जगह चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया लिखा हुआ था. फर्जी नोट पर आधिकारिक निशान की जगह एक छोटे बॉक्स में 'चूरन लेबल' लिखा हुआ था. इस नोट पर केंद्रीय सरकार की जगह बच्चों की सरकार (चिल्ड्रेन्स गर्वनमेंट) का जिक्र था. नोट पर आरबीआई की मुहर की जगह 'PK' दर्ज था.
 
हालांकि एसबीआई ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसके एटीएम से फर्जी नोट निकलने की संभावना नहीं के बराबर है. एसबीआई के अपने सभी करेंसी चेस्ट में नोटों की क्वालिटी की निगरानी के लिए काफी सशक्त प्रणाली है. इस मामले में पुलिस ने 27 साल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) रोमिल बानिया ने जानकारी देते हुए कहा था कि नकदी संरक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी की पहचान संगम विहार के रहने वाले 27 साल के मोहम्मद ईशा के रूप में हुई है. अधिकारी के अनुसार, एटीएम में पैसा डाले जाते समय ईशा नकदी का संरक्षक था. वह ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कर्मचारी है जो एटीएम में पैसे डालने का काम करती है.
                                                                        
                                    
                                मामला बीते गुरुवार की शाम का है, जब शाहजहांपुर में रहने वाले पुनीत गुप्ता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से 10,000 रुपये निकालने पहुंचे. उन्होंने बताया कि एटीएम से 2000 रुपये के पांच नोट निकले, जिनमें एक को उन्होंने उलटकर देखा तो वह नई नोट की स्कैन कॉपी था. यह देख पुनीत हैरान रह गए.
पुनीत ने एटीएम की कतार में मौजूद लोगों के साथ बैंक से इसकी शिकायत की और बैंक अधिकारियों पर "साजिश" में शामिल होने का आरोप लगाया. इसके बाद वहां बड़ा हंगामा खड़ा हो गया, जिसके चलते पुलिस को बुलाया गया. भीड़ ने इस बात की जांच की मांग की कि एटीएम के अंदर नकली नोट कैसे पहुंचे. पुनीत गुप्ता ने एसबीआई के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई.
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक भरत गौतम ने बताया कि कस्बा निवासी रितिक गुप्ता ने स्टेट बैंक के एटीएम से 10,000 रुपये निकाले थे. एटीएम से दो-दो हजार रुपये के पांच नोट निकले. उनमें दो हजार का एक नोट नकली निकला जो संभवत: कंप्यूटर से स्कैन करके एटीएम में डाला गया था. इस मामले की तहरीर थाने में दी गई है.
इस बीच स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आरबी त्रिवेदी ने बताया कि बैंकों में जो करेंसी जा रही है वह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भेजी हुई है. एटीएम में रिजर्व बैंक द्वारा भेजी गई नई करेंसी ही होती है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में यह कहना तो गलत होगा कि एटीएम से दो हजार रुपये का नकली नोट निकला. बहरहाल हम पूरे मामले की जांच करा रहे हैं.

बता दें कि बीते बुधवार को साउथ दिल्ली के संगम विहार इलाके में एसबीआई एटीएम से 2,000 रुपये के नकली नोट निकले थे, जिनपर भारतीय रिजर्व बैंक की जगह चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया लिखा हुआ था. फर्जी नोट पर आधिकारिक निशान की जगह एक छोटे बॉक्स में 'चूरन लेबल' लिखा हुआ था. इस नोट पर केंद्रीय सरकार की जगह बच्चों की सरकार (चिल्ड्रेन्स गर्वनमेंट) का जिक्र था. नोट पर आरबीआई की मुहर की जगह 'PK' दर्ज था.

हालांकि एसबीआई ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसके एटीएम से फर्जी नोट निकलने की संभावना नहीं के बराबर है. एसबीआई के अपने सभी करेंसी चेस्ट में नोटों की क्वालिटी की निगरानी के लिए काफी सशक्त प्रणाली है. इस मामले में पुलिस ने 27 साल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) रोमिल बानिया ने जानकारी देते हुए कहा था कि नकदी संरक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी की पहचान संगम विहार के रहने वाले 27 साल के मोहम्मद ईशा के रूप में हुई है. अधिकारी के अनुसार, एटीएम में पैसा डाले जाते समय ईशा नकदी का संरक्षक था. वह ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कर्मचारी है जो एटीएम में पैसे डालने का काम करती है.
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                                        दिल्ली, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एसबीआई एटीएम, 2000 रुपये के नकली नोट, शाहजहांपुर, Uttar Pradesh (UP), Delhi, State Bank Of India (SBI), SBI ATM, Rs 2000 Counterfeit Notes, Shahjahanpur
                            
                        