पिछले काफी समय से देश भर में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से लागू करने की मांग हो रही है. इसको लेकर पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन चल रहा है. जब-जब चुनावी सीजन करीब आता है इसकी मांग और तेज हो जाती है. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के मद्देनजर अब नए सिरे से पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Yojana) को लागू करने की मांग को लेकर बहस छिड़ गई है. एक तरफ सरकार जहां पुरानी पेंशन को लागू किए जानें के पक्ष में नजर नहीं आ रही है, वहीं, चुनावी माहौल में विपक्षी पार्टियां पुरानी पेंशन व्यवस्था (Old Pension System) की बहाली पर लगातार सियासत करती आई हैं. आगामी चुनाव में भी कुछ पार्टी इसकी बहाली के मुद्दे को उठाकर वोटर को लुभाने का प्रयास कर सकती है.
ऐसे में क्या लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार कर्मचारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर से पुरानी पेंशन को वापस ला सकती है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि सैलरीड और पेंशनर्स एक बड़ा वोटर वर्ग है. चुनाव के देखते हुए सरकार इन्हें लुभाने का प्रयास करती रहती है. कई राज्यों में कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग कर रहे हैं. आखिर न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) को छोड़ कर्मचारी फिर से पुरानी पेंशन की मांग ही क्यों कर रहे हैं? क्या सरकार उनकी मांग पर कोई हल निकालने की कोशिश करेगी? अगर देश भर में एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना लागू हुई तो सरकारी कर्मियों को कौन-कौन से फायदे होंगे? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देने जा रहे हैं.
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) क्या है?
पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी. यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी. इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन दी जाती थी. हालांकि, पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को 1 अप्रैल 2004 में बंद कर दिया गया था. इसे राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) से बदल दिया गया है. जिसके बाद से इसको वापस लेने की मांग काफी जोरों से हो रही है. वहीं, पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग भी लगातार की जा रही है.
पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) के फायदे
- इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनके वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है.
- पुरानी पेंशन स्कीम में अगर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मृत्यु हो जाए तो उनके परिजनों को पेंशन की राशि दी जाती है.
- इस स्कीम में पेंशन देने के लिए कर्मचारियों के वेतन से किसी भी तरह की कटौती नहीं होती है.
- OPS में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों की अंतिम बेसिक सैलरी का 50 फीसदी यानी आधी राशि तक पेंशन के रूप में दिया जाता है.
- इस स्कीम के जरिये रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता और मेडिकल बिलों की रिम्बर्समेंट की सुविधा भी दी जाती है.
- इस स्कीम में रिटायर्ड हुए कर्मचारी को 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है.
ओपीएस बहाली पर सरकार ने फिर साफ किया अपना रुख
हालांकि, इस योजना को फिर से लागू करने को लेकर सरकार ने अपना रुख एक बार फिर साफ कर दिया है. लोकसभा में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के इस मुद्दे पर को लेकर किए गए सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.
RBI ने भी OPS को लेकर किया आगाह
वहीं,भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर आगाह किया है. RBI ने कहा है कि इसे लागू करने से राज्यों के वित्त पर काफी दबाव पड़ेगा और विकास से जुड़े खर्चों के लिए उनकी क्षमता सीमित होगी. आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रकार राज्यों के पुरानी पेंशन की ओर लौटना पीछे की तरफ जाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.
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