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डिजिटल अरेस्ट के जरिये ठगी के हैं शिकार? क्या वापस मिल सकते हैं आपके पैसे? जानें कहां और कैसे करें शिकायत

Digital Arrest Scam: बहुत से लोगों को पता ही नहीं होगा डिजिटल अरेस्ट होता क्या है. तो आइए सबसे पहले इसके बारे में जान लेते हैं.

डिजिटल अरेस्ट के जरिये ठगी के हैं शिकार? क्या वापस मिल सकते हैं आपके पैसे? जानें कहां और कैसे करें शिकायत
Digital arrest cases in india: डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ठगे गए पैसों का वापस पाना काफी मुश्किल है.
नई दिल्ली:

Digital Arrest: जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी एडवांस हो रही है, ठगों के लोगों को ठगने के तरीके भी बदल रहे हैं. जैसे ही लोग इनके पुराने तरीके समझ जाते हैं, तो ये लोगों को ठगने का कोई और नया तरीका ढूंढ़ लेते हैं. पिछले कुछ समय में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest Case) के कई मामले सामने आए हैं. इस तरीके का इस्तेमाल कर ये लोगों से लाखों रुपये लूट रहे हैं और कई बार तो लूट की रकम करोड़ों में भी होती है. बहुत से लोगों को पता ही नहीं होगा डिजिटल अरेस्ट होता क्या है. तो आइए सबसे पहले इसके बारे में जान लेते हैं.

डिजिटल अरेस्ट क्या होता है  (What is Digital Arrest?)

डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) जिसे डिजिटल गिरफ्तारी भी कहते हैं साइबर फ्रॉड को अंजाम देने का एक नया तरीका है. जिसमें स्कैमर्स टेक्नोलॉजी और मानसिक दबाव  का इस्तेमाल कर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं. इस तरीके में वीडियो कॉल या ऑडियो कॉल के जरिए ये ठग खुद को सरकारी अधिकारी के तौर पर पेश करते हैं और अपने शिकार यानी पीड़ित को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देते हैं. लोगों को इन पर भरोसा हो जाए इसलिए कई बार ये ठग पुलिस स्टेशन जैसा दिखने वाला सेटअप बनाकर विक्टिम को वीडियो कॉल के जरिए डराते हैं और उससे मोटी रकम वसूलने की कोशिश करते हैं.

पीड़ित को पता ही नहीं चलता कि उसके साथ ठगी की जा रही है. ठगों के डराने धमकाने पर वे खुद से ही अपने पैसे उन्हें सौंप देते हैं. और जब तक उन्हें पता चलता है कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है, तब तक उन्हें लाखों की चपत लग चुकी होती है.  क्या डिजिटल अरेस्ट में ठगे गए पैसे वापस मिल सकते हैं और कहां करनी चाहिए इसकी शिकायत, चलिए जानते हैं.

क्या डिजिटल अरेस्ट से ठगे गए पैसे मिल सकते हैं वापस?

डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ठगे गए पैसों का वापस पाना काफी चुनौतीपूर्ण यानी मुश्किल है. इसकी वजह ये कि लोगों काफी समय बाद ये एहसास होता है कि उन्हें ठगा गया है. इसलिए जब वह इसकी शिकायत करने जाते हैं, तब तक काफी समय निकल चुका होता है. यानी अगर कोई व्यक्ति डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुआ है, तो वो जितनी जल्दी उसकी शिकायत दर्ज करवाएगा पैसे वापस मिलने का चांस उतना ही बढ़ जाएगा.

जानकारों का कहना है कि 24 से 28 घंटे के अंदर डिजिटल अरेस्ट की शिकायत दर्ज कराने से ठगा गया पैसा वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है.

कहां कर सकते हैं शिकायत ? (Where can you complain?)

  • डिजिटल अरेस्ट या किसी भी साइबर फ्रॉड की शिकायत करने के लिए नीचे बताए कदम उठाएं:
  • सबसे पहले नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवाएं
  • फिर साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ पर अपनी कंप्लेंट दर्ज करें.
  • अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर आपके साथ हुई ठगी की लिखित शिकायत दर्ज करवाएं.
  • अपने बैंक से कॉन्टेक्ट करें और फंड को ब्लॉक करने के लिए कहें. इसके साथ ही बैंक जिस अकाउंट में पैसे गए हैं उसे फ्रीज करने की भी कोशिश करता है. ताकि स्कैमर्स अकाउंट से पैसे ना निकाल पाए.

इसलिए इस तरह के मामलों की शिकायत 24-28 घंटे को भीतर करना बहुत जरूरी है. ऐसे में पीड़ित के पैसे वापस मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है.

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