रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसपर अपनी प्रेस रिलीज में बताया कि बॉन्ड के सब्सक्रिप्शन के लिए इशू प्राइस India Bullion and Jewellers Association Limited के पिछले तीन कारोबारी सत्रों में सोने की क्लोजिंग प्राइस के हिसाब से रहेगा. इस बार बॉन्ड की कीमत 4,790 रुपये प्रति ग्राम रखी गई है.
इन्हें मिलेगा डिस्काउंट
गोल्ड बॉन्ड स्कीम की पांचवीं किस्त में 4,790 रुपये प्रति ग्राम रखा गया है, लेकिन इसपर डिस्काउंट भी है. यानी कि अगर आपने 10 ग्राम सोना खरीदा तो आप 47,900 रुपये में खरीद पाएंगे. लेकिन अगर आपने डिजिटल पेमेंट किया तो आपको 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी. आरबीआई ने बताया है कि भारत सरकार के परामर्श से वो ऑनलाइन आवेदन और डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले निवशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देगा.
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आरबीआई के अनुसार, ‘ऐसे निवेशकों के लिये निर्गम मूल्य 4,757 रुपये प्रति ग्राम सोना होगा.' यानी कि ऐसे निवेशक अगर 10 ग्राम सोना खरीदते हैं, तो उन्हें 500 रुपये की छूट मिलेगी और वो सोना 47,400 रुपये के रेट पर खरीद पाएंगे.
कितना मिलेगा ब्याज
गोल्ड बॉन्ड में कई फायदे होते हैं. पहला कि बाजार के मुकाबले सस्ता सोना मिलता है. दूसरा सोने के दाम बाजार में बढ़ते हैं तो उसके निवेश की कीमत भी बढ़ जाती है और सबसे बड़ी बात निवेश पर हर 6 महीने में ब्याज मिलता है. गोल्ड बॉन्ड स्कीम पर निवेशकों को सालाना 2.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है.
कौन खरीद सकता है
इस स्कीम के तहत गोल्ड बॉन्ड कोई ट्रस्ट, हिंदू अविभाजित परिवार, चैरिटी संस्था, यूनिवर्सिटी और भारत में रह रहा कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत तौर पर अपने नाम पर या किसी नाबालिग के नाम पर या फिर जॉइंट तरीके से ये बॉन्ड खरीद सकता है.
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कितना खरीद सकते हैं
व्यक्तिगत तौर पर निवेशक सालाना तौर पर न्यूनतम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं. हिंदू अविभाजित परिवार 4 किलोग्राम, ट्रस्ट और इस तरह की दूसरी सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थाएं 4 किलोग्राम सोने के बॉन्ड में निवेश कर सकती हैं. अगर जॉइंट होल्डिंग हुआ तो ये लिमिट बस पहले दो निवेशकों पर लागू होगी.
कहां से खरीद सकेंगे
बॉन्ड, बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), मनोनीत डाकघरों और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई जैसे मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों के माध्यम से बेचे जाएंगे.
गोल्ड बॉन्ड स्टॉक सर्टिफिकेट के रूप में दिए जाएंगे और निवेशक इन्हें डीमैट फॉर्म में कन्वर्ट कराने को स्वतंत्र रहेंगे.