- सोमवार को सराफा बाजार में चांदी की कीमतें सुबह रिकॉर्ड 2.54 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंचीं थीं
- चांदी की कीमतें एक घंटे के भीतर 21,500 रुपये प्रति किलो की भारी गिरावट का सामना कर गईं
- गिरावट के लिए मुनाफावसूली, अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट और सुरक्षित निवेश की मांग में कमी अहम वजह रहीं
Silver Prices Crash: सराफा बाजार में आज जो हुआ, उसने निवेशकों की सांसें अटका दीं. चांदी की कीमतों में सोमवार को ऐसा मार्केट ड्रामा देखने को मिला जैसा शायद ही पहले कभी देखा गया हो. जिस चांदी ने सुबह इतिहास रचते हुए 2.54 लाख रुपये प्रति किलो का शिखर छुआ था, वही चांदी महज एक घंटे के अंदर 21,500 रुपये प्रति किलो तक टूट गई.
पलक झपकते ही हुआ खेल
सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी का मार्च वायदा भाव जब 2,54,174 रुपये पर पहुंचा, तो बाजार में जश्न का माहौल था. ऐसा लग रहा था कि साल 2025 का अंत चांदी के रिकॉर्ड के साथ होगा. लेकिन कहते हैं न कि ऊंचाई पर हवा तेज होती है, ठीक वैसा ही हुआ. अचानक मुनाफावसूली (Profit Booking) की ऐसी आंधी चली कि भाव धड़ाम से गिरकर 2,32,663 रुपये पर आ गए.
आखिर क्यों आया ये भूचाल?
जानकारों के मुताबिक, चांदी की इस बड़ी गिरावट के पीछे तीन अहम वजह रहीं-
- भारी मुनाफावसूली
रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद बड़े ट्रेडर्स ने अपना मुनाफा सेफ करने के लिए चांदी बेचना शुरू कर दिया, जिससे बिकवाली का दबाव बढ़ गया.
- अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
वैश्विक बाजार में चांदी की कीमतें $80 प्रति औंस से गिरकर $75 पर आ गईं, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा.
- सुरक्षित निवेश की मांग में कमी
रूस-यूक्रेन तनाव में कुछ शांति की खबरों के चलते निवेशकों का रुझान सेफ एसेट्स (सोना-चांदी) से थोड़ा कम हुआ.
150% रिटर्न के बाद हल्का हुआ बाजार
भले ही आज चांदी में बड़ी गिरावट दिखी हो, लेकिन पिछले एक साल का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो चांदी ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. दिसंबर 2024 में जो चांदी करीब 90 हजार रुपये के आसपास थी, वह 150% से ज्यादा की छलांग लगा चुकी है. सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में चांदी की भारी मांग ने इसे कीमती धातु से सुपर मेटल बना दिया है.
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