अगर आप महीने में कुछ बंधे-बंधाए खर्चों के लिए ऑटोमेटिक पेमेंट की सुविधा का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है. 1 अक्टूबर, 2021 यानी आज से अब ऑटो डेबिट सुविधा (auto debit facility) को लेकर नियम बदल गए हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अब बैंकों को ऑटो डेबिट पेमेंट या रिकरिंग पेमेंट (recurring payment) के पहले कस्टमर से अनुमति लेनी होगी. जैसे कि मान लीजिए कि आपने Netflix, Amazon Prime या ऐसे ही किसी OTT प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन ले रखा है, या फिर आपने अपने बिजली के बिल या फोन रिचार्ज की मंथली पेमेंट को शेड्यूल कर रखा है कि जैसे ही महीना खत्म हो, आपके बैंक अकाउंट से पमेंट अपने आप हो जाए, तो वैसा अब नहीं होगा. अब ऐसा कोई भी ऑटोमेटिक पेमेंट करने के लिए बैंक को आपसे अनुमति लेनी होगी.
इसके तहत, बैंकों को भुगतान से पहले ग्राहकों से वेरिफिकेशन के तौर पर मंजूरी और OTP (वन टाइम पासवर्ड) सिस्टम का उपयोग करना होगा. केंद्रीय बैंक ने जोखिम कम करने तथा सुरक्षा उपायों तथा कार्ड के जरिये लेन-देन की व्यवस्था को मजबूत करने के इरादे से यह कदम उठाया है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उपभोक्ताओं को एक एक्स्ट्रा लेयर की सिक्योरिटी देने के लिए बैंकों को यह निर्देश जारी किया है. हो सकता है कि इस संबंध में आपके पास भी आपके बैंक की ओर से मैसेज आया हो. आरबीआई ने कहा है कि बैंक अब ग्राहकों को ऑटो डेबिट पेमेंट पर 'एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन' की सुविधा दें. आपके बैंक को पेमेंट ओके करने से पहले आपसे एक बार अप्रूवल लेना होगा. आपके पास पेमेंट के 24 घंटे पहले इस संबंध में एक नॉटिफिकेशन आएगा और आप जब तक इसे अप्रूव नहीं करेंगे, तब तक आपके अकाउंट से पैसे नहीं कटेंगे.
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31 मार्च से 30 सितंबर की गई थी आखिरी तारीख
आरबीआई ने चार दिसंबर, 2020 को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) समेत सभी बैंकों और भुगतान सुविधा प्रदाताओं को निर्देश दिया था कि मौजूदा व्यवस्थाओं के तहत कार्ड या प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) या यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग करके निश्चित समय पर लेनदेन (घरेलू या विदेशी) की प्रक्रिया अतिरिक्त सत्यापन उपाय (एएफए) का अनुपालन नहीं करने पर 31 मार्च, 2021 के बाद जारी नहीं रहेगी. हालांकि, बाद में इसे 30 सितंबर, 2021 कर दिया गया था.
नयी व्यवस्था के तहत बैंकों को पहले से ग्राहकों को यह बताना होगा कि उन्हें राशि का भुगतान करना है और ग्राहक से मंजूरी के बाद लेन-देन को आगे बढ़ाया जाएगा. यानी भुगतान स्वत: नहीं होगा लेकिन ग्राहक से वेरिफिकेशन के बाद होगा. नये दिशानिर्देश के अनुसार निश्चित समय पर होने वाले 5,000 रुपये से अधिक के भुगतान के लिये बैंकों को ग्राहकों को ‘वन टाइम पासवर्ड' भेजने की जरूरत होगी.
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