दिल्ली : आज से निजी शराब की दुकानों से नहीं खरीद सकेंगे अल्कोहल, जानें क्या है नया नियम

1 अक्टूबर से राष्ट्रीय राजधानी में निजी शराब की दुकानें डेढ़ महीने के लिए बंद रहेंगी. दिल्ली सरकार की नयी आबकारी नीति के तहत 266 निजी शराब की दुकानों सहित सभी 850 शराब की दुकानें खुली निविदा के जरिए निजी कंपनियों को दे दी गई हैं. हालांकि, इस दौरान शराब की खुदरा बिक्री के लिए सरकारी शराब की दुकानें खुली रहेंगी.

दिल्ली : आज से निजी शराब की दुकानों से नहीं खरीद सकेंगे अल्कोहल, जानें क्या है नया नियम

Delhi Liquor Shops : निजी शराब की दुकानें रहेंगी बंद. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

दिल्ली में 1 अक्टूबर से शराब की दुकानों और इनके ग्राहकों के लिए एक चीज बदल रही है. आज से राष्ट्रीय राजधानी में निजी शराब की दुकानें डेढ़ महीने के लिए बंद रहेंगी. राष्ट्रीय राजधानी में निजी शराब की दुकानें कुल शराब दुकानों की करीब 40 फीसदी हैं. दिल्ली सरकार की नयी आबकारी नीति (Delhi Excise Policy) के तहत 266 निजी शराब की दुकानों सहित सभी 850 शराब की दुकानें खुली निविदा के जरिए निजी कंपनियों को दे दी गई हैं. नए लाइसेंस धारक शहर में शराब की खुदरा बिक्री 17 नवंबर से शुरू करेंगे. हालांकि, इस दौरान शराब की खुदरा बिक्री के लिए सरकारी शराब की दुकानें खुली रहेंगी. ये सरकारी दुकानें 16 नवंबर को बंद हो जाएंगी.

आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सरकारी शराब की दुकानों को मांग में इजाफा होने की संभावना के मद्देनजर पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने को कहा गया है.

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति

दिल्ली सरकार के पास नयी आबकारी नीति, 2021 का मुद्दा दिल्ली हाईकोर्ट में भी उठा है. हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार के पास नयी आबकारी नीति,2021 को लागू करने की शक्ति है और यह इसके अधिकार क्षेत्र में है. साथ ही अदालत ने 30 सितंबर से पुरानी नीति के तहत निजी क्षेत्र में भारतीय शराब की बिक्री के लिए एल-7 लाइसेंस वाली खुदरा दुकानों को बंद करने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया.

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मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने ऐसे ही एक लाइसेंस धारक रतन सिंह द्वारा इन दुकानों को बंद करने पर रोक लगाने के आवेदन पर विचार करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया नये तंत्र से उनके किसी भी अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है. यह आवेदन उस याचिका का हिस्सा था जिसमें दिल्ली आबकारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत अन्य श्रेणियों के लाइसेंस का विस्तार करने का अनुरोध किया गया है.

कोर्ट ने कहा, 'प्रथम दृष्टया, प्रतिवादी के पास दिल्ली आबकरी अधिनियम, 2009 और इसके नियमों के तहत नयी आबकारी नीति बनाने की सभी शक्तियां हैं और यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में है.' अदालत ने कहा कि व्यापक स्तर पर जनता को दुकानें बंद होने से नुकसान नहीं होगा क्योंकि अन्य श्रेणियों की शराब की दुकानें खुली रहेंगी. पीठ ने कहा, 'विभिन्न मकसद के लिए एल-1 से एल-35 तक विभिन्न प्रकार के लाइसेंस हैं... जनता को व्यापक स्तर पर कोई दिक्कत नहीं होने वाली है. अन्य लाइसेंस जारी रहेंगे.' अदालत ने कहा कि नयी नीति के तहत 849 में से 260 दुकानों के पास एल-7 और एल-10 लाइसेंस (भारतीय और विदेशी शराब की खुदरा बिक्री) हैं.

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