
बजट 2025 में हुए टैक्स राहत के ऐलानों के बाद न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) काफी अट्रैक्टिव बन गई है. न्यू टैक्स रिजीम में सालाना 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं भरना होगा. ऐसे में कई टैक्सपेयर्स जो पहले ओल्ड टैक्स रिजीम (Old tax regime) को पसंद करते थे, अब उन्हें न्यू टैक्स रिजीम में स्विच करना ज्यादा फायदेमंद लग सकता है. हालांकि न्यू टैक्स रिजीम में स्विच करने पर टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने वाले इन्वेस्टमेंट (Tax Savig Investment) पर डिडक्शन क्लेम नहीं कर पाएंगे.
ऐसे में जिन निवेशकों ने खास तौर पर टैक्स बेनिफिट पाने के लिए सेक्शन 80C के तहत आने वाली स्कीमों में निवेश किया था, उन्हें न्यू टैक्स रिजीम में स्विच करते हुए ये दुविधा जरूर हो सकती है कि क्या उन्हें इन निवेशों को जारी रखना चाहिए या फिर इन्हें बंद कर देना चाहिए? जबकि न्यू टैक्स रिजीम डिडक्शन का फायदा नहीं देती है, लेकिन इसके बावजूद पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) जैसे कुछ निवेशों को बिना सोचे समझे बंद करने का नुकसान हो सकता है. चलिए आपको इनके बारे में डिटेल में बताते हैं.
PPF, NPS, SSY में मिनिमम कॉन्ट्रीब्यूशन न करने पर पेनल्टी
सेक्शन 80C के तहत कुछ निवेश मेंडेटरी मिनिमम कॉन्ट्रीब्यूशन की शर्त के साथ आते हैं. यदि ये शर्तें पूरी नहीं की जाती हैं, तो निवेशकों को पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है या उनके अकाउंट को इनएक्टिव भी किया जा सकता है.चलिए इनमें से हर निवेश के से जुड़ी कुछ जरूरी बातें आपको बताते हैं, जिन्हें आपको ध्यान रखना चाहिए:
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): अगर आप 31 मार्च, 2025 तक न्यूनतम जमा राशि (Minimum contribution) नहीं जमा करते हैं, तो आपको हर साल के लिए 50 रुपये का जुर्माना देना होगा साथ ही हर साल के लिए 500 रुपये का बकाया सदस्यता शुल्क (Arrear subscription) भी देना होगा.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): यदि किसी फाइनेंशियल ईयर में मिनिमम अमाउंट डिपॉजिट नहीं किया जाता है, तो अकाउंट डिफॉल्ट माना जाएगा. इस अकाउंट को फिर से रेगुलराइज करने के लिए, आपको 250 रुपये का मिनिमम कॉन्ट्रीब्यूशन देना होगा, साथ ही हर डिफॉल्ट ईयर के लिए 50 रुपये का जुर्माना देना होगा.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए हर फाइनेंशियल ईयर में 1,000 रुपये का न्यूनतम योगदान यानी मिनिमम कॉन्ट्रीब्यूशन जरूरी है. यदि NPS टियर-I अकाउंट में मिनिमम कॉन्ट्रीब्यूशन नहीं किया जाता है, तो अकाउंट डोरमेंट हो जाएगा यानी इनएक्टिव हो जाएगा. डोरमेंट NPS अकाउंट को फिर से एक्टिव करने के लिए, आपको मिनिमम कॉन्ट्रीब्यूशन के साथ हर साल के लिए 100 रुपये का जुर्माना भी देना होगा. NPS अकाउंट को अनफ्रीज करने के लिए पॉइंट-ऑफ-प्रेजेंस (POP) चार्ज भी जोड़ा जाएगा.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सबसे सुरक्षित लॉन्ग टर्म सेविंग इंस्ट्रूमेंट में से एक है, जो 7.1% (मार्च 2025 तक) का इंटरेस्ट रेट ऑफर करता है. जबकि न्यू टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता बावजूद इसके निवेशकों को अपने PPF अकाउंट को इसके यूनिक टैक्स एडवांटेज के चलते इसे बंद करने के पहले अच्छी तरह सोच समझकर फैसला लेना चाहिए.
आपको PPF अकाउंट एक्टिव क्यों रखना चाहिए?
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या डेट म्यूचुअल फंड के विपरीत, जहां कमाए गए ब्याज पर टैक्स लगता है, PPF, EEE (Exempt-Exempt-Exempt) मॉडल के तहत पूरी तरह से टैक्स-फ्री इंटरेस्ट और मैच्योरिटी बेनिफिट ऑफर करता है. सरकारी योजना होने के चलने, PPF स्टेबल और रिस्क फ्री ग्रोथ सुनिश्चित करता है. जो इसे टैक्स डिडक्शन का फायदा न मिलने पर भी एक भरोसेमंद लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट बनाता है.
इन्वेस्टर 7वें साल से पार्शियल विड्रॉल के माध्यम से फंड एक्सेस कर सकते हैं या तीसरे साल से लोन फैसिलिटी का फायदा उठा सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) एक और बेहतरीन निवेश का साधन है जिसे बच्चियों के माता-पिता कंसीडर कर सकते हैं, भले ही यह योजना किसी भी टैक्स कटौती का दावा न करें. SSY गारंटीड रिटर्न प्रोवाइड करती है और बैंकों की तुलना में ज्यादा इंटरेस्ट रेट ऑफर करती है. इस योजना में 8.2% का गारंटीड रिटर्न मिलता है.
आपको SSY अकाउंट एक्टिव क्यों रखना चाहिए?
बैंक FD की तुलना में इसमें ज्यादा ब्याज दर तो मिलती ही है साथ ही जो माता-पिता अपनी बेटी के भविष्य के लिए पैसा जोड़ना चाहते हैं उनके लिए SSY सबसे ज्यादा फायदेमंद और सुरक्षित बचत विकल्पों में से एक है.
ब्याज सहित मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है, जिससे यह बच्ची की हायर एजुकेशन या विवाह संबंधी खर्चों के लिए एक शानदार इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बन जाता है.
लड़की के 18 साल की होने के बाद ही फंड को निकाला जा सकता है, जो डिसिप्लिन फाइनेंशियल प्लानिंग को बढ़ावा देता है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक सरकारी पेंशन स्कीम है जो रिटायरमेंट के लिए सेविंग करने में मदद करती है. इसमें अपने कामकाजी जीवन के दौरान आप नियमित तौर पर कॉन्ट्रीब्यूट करके एक पेंशन कॉर्पस क्रिएट करते हैं, जिससे रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम मिलती रहे.
आपको NPS अकाउंट एक्टिव क्यों रखना चाहिए?
दूसरे निवेश साधनों की तुलना में, NPS का एक्सपेंस रेश्यो सबसे कम है, जो समय के साथ हायर नेट रिटर्न का भरोसा देता है. हालांकि न्यू टैक्स रिजीम में कटौती समाप्त कर दी गई है, लेकिन NPS कॉर्पस का 60% विड्रॉल टैक्स-फ्री है, जो इसे एक कॉस्ट-इफेक्टिव रिटायरमेंट इंस्ट्रूमेंट बनाता है. NPS इक्विटी और डेट फंड में निवेश की सुविधा देता है, जिससे निवेशकों को एक बड़ा रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने में मदद मिलती है.
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