Income Tax, यानी इन्कम टैक्स या आयकर देश के हर कमाऊ शख्स के जीवन का अनिवार्य हिस्सा है. नौकरीपेशा लोगों को तो सैलरी ही तब हाथ में आती है, जब इन्कम टैक्स की कटौती हो चुकी होती है, सो, हर शख्स के लिए यह जानकारी होना बेहद आवश्यक होता है कि उसे कितना इन्कम टैक्स चुकाना होगा, या इन्कम टैक्स की किस व्यवस्था, यानी किस रिजीम में रहकर उसे फ़ायदा होने वाला है.
गौरतलब है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2020 का आम बजट संसद में पेश करते हुए इन्कम टैक्स एक्ट की धारा 115बीएसी के तहत नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) का ऐलान किया था. नई टैक्स रिजीम के तहत करदाताओं को लाभ देने के उद्देश्य से इन्कम टैक्स की स्लैब में बदलाव किया गया था, और दरें भी घटाई गई थीं, लेकिन इन्कम टैक्स एक्ट की अलग-अलग धाराओं में हासिल होने वाली हर तरह की छूट को कतई खत्म कर दिया गया था. दूसरी ओर, जिन वेतनभोगियों को बचत की आदत थी, उन्हें छूट देते रहने के लिए पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) को भी बरकरार रखा गया था, लेकिन उनके लिए टैक्स की दरें भी पुरानी ही लागू रखी गई थीं.
नई कर व्यवस्था में ₹7 लाख से कम आय वालों को इन्कम टैक्स से पूरी छूट मिल जाया करती है, जबकि पुरानी टैक्स व्यवस्था में छूट की यह सौगात उन्हें ही मिलती है, जिनकी करयोग्य आय ₹5 लाख से कम होती है. नई टैक्स व्यवस्था में पहले ₹3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता, अगले ₹3 लाख, यानी ₹3 लाख से ₹6 लाख तक की कमाई पर 5 फ़ीसदी टैक्स वसूला जाता है, ₹6 से 9 लाख तक की आय पर 10 फ़ीसदी टैक्स लिया जाता है, ₹9 से 12 लाख तक की आमदनी पर 15 फ़ीसदी टैक्स लगता है, और ₹12 से 15 लाख तक की आय पर 20 फ़ीसदी टैक्स देना होता है. ₹15 लाख से ज़्यादा की आमदनी पर 30 फ़ीसदी टैक्स लगाया जाता है.
ध्यान से देखें, तो नई टैक्स व्यवस्था उन सभी के लिए बहुत लाभदायक है, जो बचत योजनाओं (PPF, NSC, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी आदि) में कोई निवेश नहीं करते, या जिन्होंने बैंक से कर्ज़ लेकर घर नहीं बनाया है, या जो किराये के मकान में नहीं रहते, या वेतन में मिलने वाले मकान किराया भत्ते (HRA Rebate) पर टैक्स में छूट हासिल नहीं करते.
कितना कमाने वाले को इन्कम टैक्स में कितना होगा लाभ...
अब नई टैक्स व्यवस्था अपनाने से कितना कमाने वाले शख्स को कितना फ़ायदा हो सकता है, इसे समझने के लिए इन पंक्तियों के नीचे दिखाए गए चार्ट को ध्यान से देखें. यहां हमने कुल मिलाकर अलग-अलग कमाई वाले 7 नौकरीपेशा लोगों के उदाहरण दिए हैं, जो क्रमशः ₹7,50,000, ₹10,00,000, ₹12,50,000, ₹15,00,000, ₹20,00,000, ₹25,00,000 और ₹30,00,000 हर साल कमाते हैं. इस चार्ट में दूसरे कॉलम में मानक कटौती, यानी Standard Deduction का फ़ायदा दिखाया गया है, जो नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था में ₹50,000 ही है. चार्ट के तीसरे कॉलम में सभी सातों करदाताओं के वेतन से अंदाज़न प्रॉविडेंट फंड, यानी भविष्य निधि में जमा की जाने वाली रकम का उल्लेख किया गया है, और इस रकम पर सिर्फ़ पुरानी टैक्स व्यवस्था में ही छूट मिल सकती है. चार्ट के अगले कॉलम में पुरानी टैक्स व्यवस्था के अनुसार करयोग्य आय, यानी टैक्सेबल इन्कम का ज़िक्र है, और उससे अगले कॉलम में पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत देय आयकर दर्शाया गया है, जिसमें 4 फ़ीसदी उपकर (Cess) भी शामिल है. इसके बाद, चार्ट में नई टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत टैक्सेबल इन्कम दिखाई गई है, जिसमें PF की कटौती नहीं की गई है, और नियमानुसार सिर्फ़ Standard Deduction का लाभ दिया गया है. चार्ट के इससे अगले कॉलम में सातों करदाताओं का देय आयकर (Payable Income Tax) बताया गया है, और फिर अंतिम कॉलम में बताया गया है कि सातों करदाताओं को पुरानी टैक्स व्यवस्था की तुलना में नई टैक्स व्यवस्था में स्विच करने पर कितना लाभ होगा. यदि किसी भी कारण से चार्ट पढ़ने में दिक्कत आ रही हो, तो ख़बर के नीचे PDF फ़ाइल का लिंक मौजूद है, जिसे डाउनलोड किया जा सकता है.
अगर सालाना आय है ₹7.5 लाख...
चार्ट में दिखने वाले पहले व्यक्ति को नई टैक्स व्यवस्था में सिर्फ़ मानक कटौती का लाभ दिया जाएगा, जिसके चलते उसकी करयोग्य आय ₹7,00,000 मानी जाएगी, और नए नियमों के तहत उसे इन्कम टैक्स एक्ट की धारा 87ए के तहत छूट मिल जाएगी, और उसे कोई आयकर नहीं चुकाना होगा, यानी पुरानी टैक्स व्यवस्था में देय इन्कम टैक्स की तुलना में इस व्यक्ति को ₹49,140 का लाभ मिलेगा.
अगर वार्षिक आय है ₹10 लाख...
₹10 लाख हर साल कमाने वाले शख्स को Standard Deduction और PF में जमा राशि की बदौलत Old Tax Regime में रहने पर ₹99,320 आयकर के तौर पर देने होंगे, लेकिन नई टैक्स व्यवस्था में इसी व्यक्ति को उसी कमाई पर सिर्फ़ ₹54,600 आयकर देना होगा, यानी उसे ₹44,720 का फ़ायदा होगा.
अगर सालाना कमाई है ₹12.5 लाख...
जिस व्यक्ति की सालाना कमाई ₹12,50,000 है, उसे पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत ₹1,65,750 इन्कम टैक्स चुकाना होगा, जबकि इसी शख्स को नई टैक्स व्यवस्था के तहत सिर्फ़ ₹93,600 चुकाने होंगे, यानी इस व्यक्ति को ₹72,150 का फ़ायदा मिलेगा.
सबसे ज़्यादा फ़ायदा होगा ₹15 लाख कमाने वालों को...
₹15 लाख प्रतिवर्ष आय वाले व्यक्ति को नई टैक्स व्यवस्था के तहत सिर्फ़ ₹1,45,600 रुपये चुकाने होंगे, जबकि पुरानी टैक्स व्यवस्था में इसी शख्स इसी कमाई पर ₹2,41,020 का इन्कम टैक्स देना होगा, सो, इस व्यक्ति को ₹95,420 का लाभ मिलेगा.
अगर वार्षिक आय हो ₹20 लाख...
कोई व्यक्ति यदि सालाना ₹20 लाख कमाता है, और पुरानी टैक्स व्यवस्था में बना रहे, तो उसे ₹3,91,560 इन्कम टैक्स के रूप में देने होंगे, लेकिन यदि यही व्यक्ति नई टैक्स व्यवस्था को अपना ले, तो उसका देय आयकर ₹2,96,400 रह जाएगा, यानी इस शख्स को भी सालभर में ₹95,160 की बचत होगी.
अगर आप कमाते हैं ₹25 लाख...
जिस व्यक्ति की वार्षिक आय ₹25 लाख है, उसे पुरानी टैक्स व्यवस्था में बने रहने पर ₹5,42,100 की रकम इन्कम टैक्स के तौर पर चुकानी होगी, लेकिन इसी शख्स को नई टैक्स व्यवस्था में सिर्फ़ ₹4,52,400 ही इन्कम टैक्स देना पड़ेगा, सो, यहां भी नई टैक्स व्यवस्था अपनाने पर ₹89,700 का लाभ होना निश्चित है.
यदि वार्षिक आय है ₹30 लाख...
चार्ट में दर्ज अंतिम व्यक्ति, जो ₹30,00,000 वार्षिक कमा रहा है, की करयोग्य आय पुरानी टैक्स व्यवस्था में ₹28,45,000 मानी जाएगी, और उसे ₹6,92,640 इन्कम टैक्स चुकाना होगा, जबकि इसी शख्स को नई कर व्यवस्था में आते ही ₹84,240 का लाभ होगा, और सिर्फ़ ₹6,08,400 ही आयकर देना होगा.
ऊपर दिया गया चार्ट PDF फ़ॉरमैट में देखें...
पुरानी टैक्स व्यवस्था (OTR) के मुकाबले नई कर व्यवस्था (NTR) से होने वाला लाभ by vivekvrrastogi on Scribd
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