![New Income Tax Bill 2025: नए इनकम टैक्स बिल में हुए कई बदलाव, टैक्सपेयर्स को मिलेगी ये राहत New Income Tax Bill 2025: नए इनकम टैक्स बिल में हुए कई बदलाव, टैक्सपेयर्स को मिलेगी ये राहत](https://c.ndtvimg.com/2025-02/l3b8jsmo_income-tax_625x300_14_February_25.jpg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
इनकम टैक्स बिल 2025 को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश किया जा चुका है. केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया नया इनकम टैक्स बिल 2025 (New Income Tax Bill 2025) मौजूदा टैक्स कानून को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने यह जानकारी दी है. यह नया बिल पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा और टैक्सपेयर्स के लिए कई जटिलताओं को कम करेगा.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे न केवल टैक्स सिस्टम (Tax System) बेहतर होगा, बल्कि टैक्सपेयर्स (Taxpayers) का विश्वास बढ़ेगा और उन्हें राहत भी मिलेगी.
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि नया बिल भारत के टैक्स कानून में एक महत्वपूर्ण बदलाव है. यह पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा.नया इनकम टैक्स बिल 622 पेज का है.इससे पुराने इनकम टैक्स की पेचीदगी कम होगी और इसमें कानूनों के सरलीकरण पर जोर दिया गया है, जिसे आम आदमी आसानी से समझ सके.
नया बिल क्यों अहम?
इस बिल का मुख्य उद्देश्य टैक्स नियमों को आसान बनाना और डिजिटल मॉनिटरिंग (Digital Monitoring) को बढ़ावा देना है. इसमें जटिल प्रावधानों को हटाकर सीधे और सरल नियमों को शामिल किया गया है. इसके अलावा, नए बिल में तालिकाओं और सूत्रों (Tables & Formulas) का उपयोग किया गया है, जिससे किसी भी प्रावधान को समझना पहले से आसान होगा.
डेलॉयट इंडिया के पार्टनर रोहिंटन सिधवा का कहना है कि नया बिल भारत के टैक्स सिस्टम को मॉडर्न बनाने और टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
पुराने कानून से क्या-क्या अलग होगा?
- 'असेसमेंट ईयर' की जगह 'टैक्स ईयर' (Tax Year) – नए इनकम टैक्स बिल में ‘असेसमेंट ईयर' और ‘पिछला वर्ष' जैसे जटिल शब्दों को हटाकर ‘टैक्स ईयर' किया गया है, जो इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुसार है. इससे टैक्सपेयर के लिए कंप्लायंस प्रोसेस आसान होगा.
- बेवजह के सेक्शन हटाए गए – 1961 के पुराने कानून में 800 से ज्यादा सेक्शन और सब-सेक्शन थे, जिन्हें 538 में सीमित कर दिया गया है. इससे कानून को समझना और फॉलो करना आसान हो जाएगा.
- तालिकाओं (Tables) का उपयोग – नए बिल में प्रमुख नियमों, टाइमलाइन्स (Timelines) और टैक्स रेट्स को टेबल के रूप में दिखाया गया है, ताकि पढ़ने और समझने में आसानी हो.
- डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल – सीबीडीटी (CBDT) को डिजिटल टैक्स मॉनिटरिंग और टैक्स प्रशासन के नियम बनाने का अधिकार दिया गया है, जिससे टैक्स कलेक्शन और रिफंड प्रोसेस अधिक पारदर्शी बनेगा.
टैक्सपेयर्स को कैसे मिलेगी राहत?
- कम विवाद और मुकदमेबाजी: नया बिल ‘पहले विश्वास करें, बाद में जांच करें' की नीति पर काम करेगा. इससे टैक्स अधिकारियों और टैक्सपेयर्स के बीच अनावश्यक विवादों को कम किया जाएगा.
- सरल भाषा में प्रावधान: पुराने इनकम टैक्स एक्ट की कानूनी भाषा को हटाकर नया बिल साधारण भाषा में लिखा गया है. इससे आम लोगों के लिए इसे समझना आसान होगा.
- एक ही जगह पूरी जानकारी: अभी के इनकम टैक्स कानून में सैलरी से जुड़े नियम अलग-अलग जगह लिखे हैं, लेकिन नए बिल में इन्हें एक ही जगह दिया गया है. इससे टैक्स भरने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी.
- टैक्स स्लैब और रेट में कोई बदलाव नहीं: नया बिल मौजूदा टैक्स रेट्स को बरकरार रखेगा और किसी नई टैक्स कैटेगरी को जोड़ने का प्रस्ताव नहीं है.
नया इनकम टैक्स बिल कब लागू होगा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किए गए इनकम टैक्स बिल 2025 को अभी संसद की सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा गया है. इसके बाद संसद से मंजूरी मिलने पर यह नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा और वित्त वर्ष 2026-27 से प्रभावी होगा.
भारत में केपीएमजी के पार्टनर, टैक्स, हिमांशु पारेख ने कहा कि नए बिल का एक अच्छा पहलू यह है कि इसमें तालिकाओं और सूत्रों का रणनीतिक उपयोग किया गया है, जो प्रावधानों की व्याख्या को सरल बनाने में मदद करेगा. विधेयक का उद्देश्य करदाताओं की निश्चितता को बढ़ाते हुए विवादों और मुकदमेबाजी को कम करना है.सरकार ने इस बिल में "न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन" की विचारधारा के साथ "पहले विश्वास करें, बाद में जांच करें" जैसी फिलॉसफी पर फोकस किया है.
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