क्या किसी भी सरकारी कर्मचारी के लिए रिटायरमेंट के बाद अपने पति या पत्नी के पेंशन अकाउंट ({Pension Account) से पेंशन की रकम निकालने के लिए जॉइंट बैंक अकाउंट (Joint Bank Account) होना जरूरी है? अगर आप भी इस सवाल का जवाब चाहते हैं तो हम बता दें कि सरकार ने कहा है कि अपने स्पाउज़ के नाम से आने वाली पेंशन पाने के लिए जॉइंट बैंक अकाउंट खोलना अनिवार्य नहीं है. केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को स्पष्ट करते हुए यह बात कही. उन्होंने पेंशन डिपार्टमेंट के साथ एक बैठक की थी, जिसके बाद उन्होंने यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा कि अगर किसी केस में रिटायर हो रहे सरकारी कर्मचारी के लिए अपने पति या पत्नी के साथ एक जॉइंट अकाउंट खोलना ऐसे कारणों से संभव नहीं है, जिसपर उसका कोई नियंत्रण नहीं है, और ऑफिस के प्रमुख को उसके दिए गए कारण पर यकीन है, तो उसे इस शर्त से मुक्ति दी जा सकती है.
क्या है नियम?कार्मिक मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से पेंशन जारी कर रहे बैंकों को सलाह दी गई है कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी का पति या पत्नी (फैमिली पेंशनर) पेंशन के क्रेडिट होने के लिए पहले से मौजूद बैंक अकाउंट को ही चुनता है तो बैंक उन्हें नया अकाउंट खोलने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.
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बयान में आगे कहा गया है कि हालांकि, जॉइंट बैंक अकाउंट होना चाहिए और पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) के तहत जिस फैमिली पेंशनर (पति या पत्नी) के ऑथराइजेशन में फैमिली पेंशन मिलेगा, उसके साथ यह अकाउंट खोला जाना चाहिए.
मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इन अकाउंट्स में 'former or survivor' or 'either or survivor' के आधार पर, जो भी पेंशनर की वरीयता होगी, उसके हिसाब से काम होगा.
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जॉइंट बैंक अकाउंट होने में क्या है फायदा?दरअसल, जॉइंट बैंक अकाउंट का होना इस वजह से अहम हो जाता है कि इससे यह सुनिश्चित हो पाता है कि फैमिली पेंशन बिना किसी बाधा के जारी होता रहे. वहीं, फैमिली पेंशनर को अलग से एक नया पेंशन बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती है.
साथ ही इससे यह फायदा भी होता है कि फैमिली पेंशनर को पेंशन जारी करवाने के लिए पचास दस्तावेज जमा कराने, वेरिफाई कराने के चक्कर में नहीं पड़ना होता है.said.
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