
अगर आपकी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है तो आपको आईटीआर भरने की जरूरत नहीं होती. टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से किसी भी तरह की पेनल्टी आप पर नहीं लगाई जाएगी. लेकिन अगर आप जीरो टैक्स के साथ आईटीआर भरते हैं तो रोजमर्रा की जिंदगी में कई बेनिफिट्स ले सकते हैं. चलिए एक-एक करके आपको जीरो टैक्स वाले ITR के फायदों के बारे में बताते हैं.
ट्रैवल वीजा मिलने में आसानी
आईटीआर के जरिए आप आसानी से अपना ट्रैवल वीजा ले सकते हैं. दरअसल आईटीआर एक इनकम का प्रूफ होता है, इसलिए कई एम्बेसी आपकी वित्तिय स्थिति जानने के लिए पिछले 3 साल का आईटीआर मांगते हैं. साथ ही अगर आप लगातार रिटर्न भर रहे हैं तो इससे आपके पॉजिटिव फाइनेंशियल स्टेट्स का पता चलता है, जिसकी वजह से आपका वीजा रद्द होने की संभावना कम हो जाती है.
स्कॉलरशिप लेने में आसानी
स्कॉलरशिप के कुछ मामलों में छात्रों को ये बताना होता है कि परिवार की टोटल इनकम फिक्स की गई सीमा से कम है. ऐसे में अगर छात्र के परिवार ने रिटर्न फाइल की हुई है तो स्कॉलरशिप आसानी से मिल सकती है. उदाहरण के लिए पश्चिम बंगाल की सरकार ने बालिका शिक्षा छात्रवृत्ति योजना के लिए परिवार की टोटल इनकम 1.2 लाख रुपये हर साल के लिए फिक्स की है. ऐसे में आईटीआर से सरकार आसानी से जान पाएगी कि छात्र का परिवार स्कॉलरशिप के दायरे में आता है.
लोन जल्दी मिल जाना
सैलरी लेने वाले लोगों से बैंक आमतौर पर लोन के लिए सैलरी स्लिप मांगते हैं. पर अगर आपको कोई बड़ा लोन लेना हो, जैसे होम लोन, तो उसके लिए आपको कई साल की रिटर्न बैंक को दिखानी होती है. आईटीआर के जरिए बैंक आसानी से आपकी इनकम को वैरिफाई कर लेते हैं. साथ ही उन्हें सिबिल स्कोर के साथ आपकी करेंट फाइनेंशियल स्थिति का भी पता चल जाता है. दरअसल आईटीआर एक सरकारी दस्तावेज होता है, तो बैंक आसानी से इस पर भरोसा कर लेते हैं.
टीडीएस रिफंड के लिए जरूरी
टीडीएस कई फॉर्म में काटा जाता है, जैसे बैंक में जमा एफडी की व्याज पर, किराए के रुप में 50 हजार रुपये से ज्यादा की इनकम करना, ऐसे में अगर आपने आईटीआर भरा है तो टीडीएस रिटर्न के लिए क्लेम कर सकते हैं.
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