देश में इंडिगो की फ्लाइट्स की समस्या लगातार बढ़ रही है. आज कई शहरों में यात्रियों को घंटो एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा. कई फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं, कई देर से चलीं और कई यात्रियों को सही जानकारी तक नहीं मिली. कई लोगों ने बताया कि वो घंटों एयरपोर्ट पर फंसे रहे,बिना खाने, पानी और जानकारी के लंबे समय तक इंतजार करते रहे लेकिन एयरलाइन की तरफ से साफ जवाब नहीं मिला.
स्टाफ की कमी और नए नियमों की वजह से 500 से ज्यादा फ्लाइट्स पर आज असर पड़ा और 2 दिसंबर से अब तक एक हजार से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं. ऐसे में सबसे जरूरी सवाल यही है कि क्या यात्रियों को फ्लाइट टिकट का पूरा पैसा रिफंड मिलेगा? क्या अल्टरनेटिव फ्लाइट्स या कंपनसेशन मिल सकती है? आइए जानते हैं DGCA के नियम इन सब बातों को लेकर क्या कहते हैं.
फ्लाइट्स कैंसिल होने पर आपको क्या मिलेगा?
- डीजीसीए (DGCA) के नियमों के अनुसार,अगर एयरलाइन आपकी फ्लाइट्स कैंसिल करती है, तो कुछ अधिकार सीधे आपको मिलते हैं.एयरलाइन को कैंसिलेशन की सूचना यात्रियों को समय पर देनी होती है.
- अगर फ्लाइट्स कैंसिल की जानकारी दो हफ्ते पहले दे दी जाए,तो यात्री के पास दो विकल्प होते हैं.पूरा पैसा रिफंड लेना या दूसरी अल्टरनेटिव फ्लाइट्स चुनना.
- अगर फ्लाइट कैंसिलेशन की जानकारी दो हफ्ते से कम समय में दी जाए, लेकिन यात्रा से 24 घंटे पहले दे दी जाए,तो भी यात्री पूरा पैसा वापस लेने या दूसरी अल्टरनेटिव फ्लाइट्स लेने का विकल्प चुन सकता है.
कब मिलता है कंपनसेशन?
- छोटी दूरी की फ्लाइट(1 घंटे तक): 5 हजार रुपये
- मध्यम दूरी की फ्लाइट(2 घंटे तक): 7 हजार 500 रुपये
- लंबी दूरी की फ्लाइट (2 घंटे से ज्यादा): 10 हजार रुपये
इसके साथ एयरलाइन बेसिक किराया + फ्यूल चार्ज भी दे सकती है, यदि वह राशि मुआवजे से कम हो. इसके अलावा, एयरलाइन को यात्रियों को वेटिंग एरिया और खाने-पीने जैसी कुछ बुनियादी सुविधाएँ भी देनी होती हैं.
फ्लाइट लेट होने पर मिलने वाली सुविधाएं
अगर आपने समय पर पहुंचकर चेक-इन कर लिया है और फ्लाइट लेट चलने वाली है,तो एयरलाइन को यात्रियों को कुछ सुविधाएं देनी होती हैं, जो देरी की समय सीमा पर निर्भर करती हैं.
- छोटी फ्लाइट में 2 घंटे से अधिक, मध्यम फ्लाइट में 3 घंटे से अधिक, और लंबी फ्लाइट में 4 घंटे से अधिक की देरी होने पर एयरलाइन को खाना और रिफ्रेशमेंट देना जरूरी है.
- अगर कोई घरेलू फ्लाइट 6 घंटे से ज्यादा लेट हो रही है, तो एयरलाइन को यात्री को 6 घंटे के भीतर कोई अल्टरनेटिव फ्लाइट, या पूरा रिफंड, देना जरूरी है.
- यदि देरी 24 घंटे से ऊपर हो जाए, या रात में चलने वाली फ्लाइट (रात 8 बजे से सुबह 3 बजे के बीच) 6 घंटे से ज्यादा लेट हो जाए, तो एयरलाइन को यात्रियों को होटल में ठहरने (Hotel Stay) और हवाई अड्डे से होटल तक पिकअप-ड्रॉप (Pickup-Drop) की सुविधा देनी पड़ती है.
कब नहीं मिलता मुआवजा?
यदि देरी या कैंसिलेशन ऐसे कारणों से होता है जो एयरलाइन के कंट्रोल में नहीं हैंजैसे खराब मौसम, एयरपोर्ट बंद होना, या आपातकालीन स्थिति तो एयरलाइन मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं होती है.
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