IRCTC Auto Ticket Upgradation: अपने आसपास के लोगों से कभी न कभी जरूर सुना होगा कि उन्होंने ट्रेन में रिजर्वेशन तो स्लीपर बोगी का कराया था, लेकिन उन्हें थर्ड एसी बोगी में बर्थ अलॉट किया गया. वहीं, कुछ लोगों का थर्ड एसी का रिजर्वेशन था, लेकिन उन्हें सीट सेंकेड एसी बोगी में मिल गई. ज्यादा सुविधाएं मिलने से उनका सफर बेहतर और आरामदेह हो गया. भारतीय रेलवे की इस मेहरबानी से काफी लोग खुश होते हैं, लेकिन कुछ लोग परेशान भी हो जाते हैं कि ऐसा कैसे हो गया? उनके मन में सवाल उठने लगता है कि इसके लिए कहीं अलग से पैसे तो नहीं देने पड़ जाएंगे?
स्लीपर कोच के रिजर्वेशन पर थर्ड एसी कोच में करें सफर
आइए, भारतीय रेलवे (Indian Railway) की इस खास फैसिलिटी के बारे में जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर ये सुविधा कुछ लोगों को ही क्यों मिलती है? इस खास स्कीम का मकसद क्या है? यह सर्विस स्कीम किस तरह काम करती है? इससे जुड़े नियम क्या हैं? साथ ही अगर हम चाहें तो कैसे इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं. टिकट बुकिंग (Train Ticket Booking Online) के वक्त किन उपायों या जुगाड़ की मदद से हम स्लीपर कोच के रिजर्वेशन की कीमत पर ही थर्ड एसी कोच में अधिक लग्जरी के साथ सफर का लुत्फ ले सकते हैं.
भारतीय रेलवे ने शुरू किया ऑटो अप्रगेडेशन स्कीम
भारतीय रेलवे ने काफी सोच-समझकर अपने फायदे के लिए यह ऑटो अप्रगेडेशन स्कीम (Indian Railways Auto Upgradation Scheme) लॉन्च की थी ताकि ट्रेन में कोई सीट खाली न रह जाए. दरअसल, कई ट्रेन के एसी-वन, टू या थ्री जैसे अपर क्लास कोच में कई बार बर्थ खाली रह जाते थे. इसके चलते रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ जाता था. इस नुकसान से बचने के लिए और यात्रियों को अपर क्लास कोच की सुविधा से वाकिफ करवाने के लिए रेलवे ने इस ऑटो अप्रगेडेशन (IRCTC Auto Upgradation Rules) की शुरुआत की थी.
एक क्लास नीचे वाले पैसेंजर को अपग्रेड कर अपर क्लास में बर्थ
रेलवे के इस ऑटो अप्रगेडेशन स्कीम के तहत अपर क्लास में कोई बर्थ खाली रह जाने पर उससे एक क्लास नीचे वाले पैसेंजर को अपग्रेड कर उस क्लास में बर्थ दे दिया जाता है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी ट्रेन के एसी फर्स्ट बोगी में चार सीट खाली हो और एसी सेकेंड में दो सीट खाली हो, तो सेकेंड एसी के कुछ पैसेंजर्स का टिकट अपग्रेड कर उन्हें फर्स्ट एसी में डाल दिया जाएगा. साथ ही थर्ड एसी के पैसेंजर्स को अपग्रेड कर सेकेंड एसी में सीट दे दी जाएगी.
ऑटो अप्रगेडेशन स्कीम से रेलवे और पैसेंजर्स दोनों को फायदा
रेलवे की इस कवायद से थर्ड एसी में खाली होने वाली कुछ सीटें वेटिंग लिस्ट वाले पैसेंजर्स को मिल जाएगी. ज्यादा सीट खाली हुई तो स्लीपर क्लास वाले यात्री को थर्ड एसी में बर्थ दिया जाएगा. इस तरह ट्रेन के किसी रिजर्व कोच की कोई भी बर्थ खाली नहीं रह जाएगी. रेलवे का नुकसान कम होगा और पैसेंजर्स का भी फायदा होगा. हालांकि, इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए यात्री को टिकट बुकिंग के समय सावधान रहना होता है.
टिकट बुकिंग करवाते समय लगाएं ये खास जुगाड़
आईआरसीटीसी की साइट या एप से टिकट बुकिंग (IRCTC Ticket Booking) करवाते वक्त ही ऑटो अपग्रेडेशन के लिए ऑप्शन चुनने के लिए कहा जाता है. इसमें हां या नहीं का विकल्प चुनना होता है. हां विकल्प टिक करने वाले पैसेंजर को टिकट ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम के तहत प्राथमिकता दी जाती है. नहीं चुनने वाले को डिस्टर्ब नहीं किया जाता. हालांकि, अगर बुकिंग के वक्त यात्री ने हां या नहीं में से कोई ऑप्शन सेलेक्ट नहीं किया तो सिस्टम उसे ऑटोमेटिकली हां ही मान लेता है.
पीएनआर, कैंसिलेशन या रिफंड के क्या हैं नियम ?
आखिर में ये जानना बेहद जरूरी है कि ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम के तहत बोगी का क्लास बदलने के बावजूद पीएनआर (PNR) में कोई बदलाव नहीं होता है. इसका मतलब है कि यात्रा टिकट से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी के लिए उसी पीएनआर का इस्तेमाल करना होता है. इसके अलावा, अगर टिकट अपग्रेड होने के बाद उसे कैंसिल कराया जाता है तो उसे अपग्रेड क्लास की नहीं, बल्कि नियमों के मुताबिक पुरानी कीमत ही रिफंड की जाती है.
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