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Indian Railways: ट्रेन में सीनियर सिटीजन को मिलती हैं ये 3 खास सुविधाएं, बहुत कम लोगों को पता है ये बात

Senior Citizen Railway ticket rules: रेल यात्रा के दौरान बुजुर्ग यात्रियों को मिलने वाली कई सुविधाओं के बारे में ज्यादातर लोगों को मालूम ही नहीं होता. आइए, ऐसी ही तीन बेहतरीन सुविधाओं के बारे में जानते हैं जिनका सीनियर सिटीजन यात्री आसानी से लाभ उठा सकते हैं.

Indian Railways: ट्रेन में सीनियर सिटीजन को मिलती हैं ये 3 खास सुविधाएं, बहुत कम लोगों को पता है ये बात
Senior Citizen Quota in Railway Reservation: भारतीय रेलवे की आरक्षित कोच वाली सभी ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ बर्थ आरक्षित होती हैं.
नई दिल्ली:

देश की लाइफ लाइन कही जाने वाली भारतीय रेलवे (Indian Railways) अपने यात्रियों को तमाम तरह की सुविधाएं देने का दावा करता है. इनमें हर उम्र और वर्ग के पैसेंजर्स के लिए अलग-अलग सुविधाएं शामिल होती हैं. 60 साल या अधिक उम्र के पुरुषों और 58 साल या अधिक उम्र की महिलाओं को रेलवे वरिष्ठ नागरिक यानी सीनियर सिटीजन (Senior Citizens) मानता है. रेलवे अपने इन सीनियर सिटिजन यात्रियों का पूरा ख्याल भी रखता है.

हालांकि, रेल यात्रा के दौरान इन बुजुर्ग यात्रियों को मिलने वाली कई सुविधाओं के बारे में ज्यादातर लोगों को मालूम ही नहीं होता. आइए, ऐसी ही तीन बेहतरीन सुविधाओं के बारे में जानते हैं जिनका सीनियर सिटीजन यात्री आसानी से लाभ उठा सकते हैं.

आरक्षण के दौरान लोअर बर्थ की सुविधा (Lower Berth Reservation For Senior Citizens)

भारतीय रेलवे की कुछ ट्रेन को छोड़कर ज्यादातर में आरक्षित और अनारक्षित दो तरह के कोच होते हैं. वहीं, लोअर, मिडिल और अपर तीन तरह के बर्थ होते हैं. आरक्षण के दौरान रेलवे बुजुर्ग यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए प्राथमिकता के आधार पर लोअर यानी नीचे का बर्थ अलॉट करता है. महिला यात्रियों के मामले में 45 साल की उम्र पूरी करने के बाद ही यह सुविधा दी जाती है. आरक्षण करवाने वक्त कम्प्यूटर से ऑटोमेटिक रूप से उन्हें लोअर बर्थ दे दी जाती है.

चलती ट्रेन में खाली लोअर बर्थ पर पहला हक (Lower Berth Quota for Senior Citizens) 

सीनियर सिटीजन को यह सुविधा सीट की उपलब्धता के आधार पर ही दी जाती है. वहीं, अगर रिजर्वेशन करवाने वक्त लोअर बर्थ  नहीं मिली तो चलती ट्रेन में भी लोअर बर्थ खाली रहने पर बुजुर्ग यात्री टीटीई से मिलकर मांग कर सकते हैं. रेलवे के नियमों के मुताबिक, ट्रेन खुलने के बाद अगर कोई लोअर बर्थ खाली रह जाती है तो मिडिल या अपर बर्थ वाले सीनियर सिटीजन टीटीई से इसे आवंटित करने का अनुरोध कर सकते हैं. कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद टीटीई उन्हें बर्थ आवंटित कर देता है.

स्लीपर और एसी कोच में बुजुर्ग यात्रियों के लिए सीटें (IRCTC Senior Citizen Quota)

भारतीय रेलवे की आरक्षित कोच वाली सभी ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ बर्थ आरक्षित होती हैं. नियमों के मुताबिक, सभी स्लीपर कोच में छह लोअर बर्थ रिजर्व होती हैं. वहीं, एसी 3 टियर और एसी 2 टियर कोच में वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीन-तीन लोअर बर्थ आरक्षित होती हैं. हालांकि, जरूरत के मुताबिक, इन सीट या बर्थ पर ही 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिला और गर्भवती यात्रियों को भी बिठाया जाता है.

वहीं, राजधानी एक्सप्रेस और दुरंतो एक्सप्रेस जैसी सभी एसी कोच वाली ट्रेनों में आम मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के मुकाबले वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिक संख्या में बर्थ रिजर्व रहती हैं.

महानगरों की लोकल ट्रेन में भी रिजर्वेशन (Senior Citizen Reservation)

देश में मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों में रेलवे की लोकल ट्रेनें बेहद मशहूर हैं. सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे मुंबई में लोकल ट्रेन का संचालन करती है. इन दोनों जोन की लोकल ट्रेन में सीनियर सिटीजंस के लिए कुछ सीटें आरक्षित होती हैं. ऐसी ज्यादातर ट्रेन में महिलाओं के लिए रिजर्व कोच में ही उनके लिए भी सीटें रिजर्व होती हैं. इसके अलावा, देश के प्रमुख स्टेशनों पर सीनियर सिटीजन के लिए व्हील चेयर और कुली वगैरह की सुविधा मिलती है. हालांकि, इनमें से कुली के लिए तय फीस देनी होती है.

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