
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ट्रेन में सफर करने वाले हर यात्री को टिकट के किराए पर भारी सब्सिडी (Subsidy for Train Passengers) देता है. रेलवे की तरफ से वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और दिव्यांगों को अलग से छूट दी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह रकम कितनी है? रेलवे की ओर से प्रति टिकट कितनी सब्सिडी (Train Ticket Subsidy) दी जाती है, इसकी जानकारी आम लोगों को नहीं होती है.
हालांकि, लोगों के मन में यह सवाल जरूर होता है, जिसका जवाब बीते दिन राज्यसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने खुद दिया है.
रेलवे यात्रियों को 47% दे रहा है सब्सिडी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे की ओर से यात्रियों को ज्यादा सब्सिडी (Subsidy on Train Ticket) दी जाती है. ट्रेन से प्रति किलोमीटर यात्रा की लागत 1.38 रुपये है, वहीं यात्रियों से केवल 73 पैसे लिए जा रहे हैं. इसका मतलब हुआ कि रेलवे यात्रियों को 47 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है.
भारतीय रेलवे का किराया पड़ोसी देशों की तुलना में काफी कम
राज्यसभा में रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे न केवल यात्रियों को किफायती किराये पर सुरक्षित और बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी अलग पहचान बना रहा है.उन्होंने बताया कि भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों की तुलना में रेलवे का किराया कम है, जबकि पश्चिमी देशों में यह भारत की तुलना में 10 से 20 गुना अधिक है.
2025 तक 'स्कोप 1 नेट जीरो' हासिल करने का लक्ष्य
रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के लाभों पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यात्रियों और माल परिवहन की बढ़ती संख्या के बावजूद ऊर्जा लागत स्थिर बनी हुई है.भारतीय रेलवे 2025 तक 'स्कोप 1 नेट जीरो' और 2030 तक 'स्कोप 2 नेट जीरो' हासिल करने के लक्ष्य पर काम कर रही है.
बिहार के मधेपुरा कारखाने में निर्मित इंजनों का जल्द शुरू होगा निर्यात
उन्होंने बताया कि बिहार के मधेपुरा कारखाने में निर्मित इंजनों का निर्यात जल्द ही शुरू होगा. वर्तमान में, भारतीय रेलवे के यात्री कोच मोजाम्बिक, बांग्लादेश और श्रीलंका को निर्यात किए जा रहे हैं, जबकि इंजन मोजाम्बिक, सेनेगल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश भेजे जा रहे हैं. इसके अलावा, बोगी अंडरफ्रेम का निर्यात ब्रिटेन, सऊदी अरब, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया को किया जा रहा है, जबकि प्रोपल्शन पार्ट्स फ्रांस, मैक्सिको, जर्मनी, स्पेन, रोमानिया और इटली को भेजे जा रहे हैं.
इस साल देश में 1,400 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ है, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से भी ज्यादा है. इसके साथ ही बेड़े में दो लाख नए वैगन शामिल किए गए हैं.
वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे 1.6 अरब टन माल का करेगा ट्रांसपोर्ट
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे 1.6 अरब टन माल का ट्रांसपोर्ट करेगा, जिससे भारत चीन और अमेरिका सहित दुनिया के टॉप तीन देशों में शामिल हो जाएगा. यह रेलवे की बढ़ती क्षमता और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.
जनरल कोच की संख्या बढ़ाने पर जोर
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे गरीब यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने पर ध्यान दे रहा है. इसके लिए एसी कोचों (Indian Railway AC Coaches) की तुलना में जनरल कोचों (Indian Railway General Coach) की संख्या ढाई गुना बढ़ाई जा रही है. रेलवे के मौजूदा प्लान के तहत, 17,000 नॉन-एसी कोच बनाए जा रहे हैं.
रेलवे का रेवेन्यू 2.78 लाख करोड़, खर्च 2.75 लाख करोड़ रुपये
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि रेलवे की वित्तीय स्थिति भी लगातार बेहतर हो रही है. वर्तमान समय में रेलवे का रेवेन्यू 2.78 लाख करोड़ है जबकि खर्च 2.75 लाख करोड़ रुपये है. केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने आश्वासन दिया कि भविष्य में रेलवे पहले से ज्यादा आधुनिक, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल परिवहन तंत्र के रूप में उभरेगा.
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