म्यूचुअल फंड की NAV क्या होती है, कैसे जोड़ी जाती है, समझें यहां

म्यूचुअल फंड में कोई एक जानकार आपके पैसे को निवेश करता है और वह लगातार यही काम करता है. बाजार की चाल की समझ और लगातार नजर से वह एक्सपर्ट हो जाता है और पैसे को सावधानी से निवेश करता है. इसके लिए फीस ली जाती है.

म्यूचुअल फंड की NAV क्या होती है, कैसे जोड़ी जाती है, समझें यहां

म्यूचुअल फंड क्या हैं, एनएवी क्या है.

नई दिल्ली:

What is Mutual funds and NAV, NAV Calculations in Hindi: म्यूचुअल फंड क्या हैं. यह नाम से ही जाहिर है. हमारा तुम्हारा यानि म्यूचुअल है. आज सभी को लगता है कि बाजार में तेजी है. अर्थव्यवस्था में तेजी है और लाखों लोग पैसा बना रहे हैं. जो लोग शेयर बाजार में लगातार अपनी नजर नहीं रख सकते हैं वे इस प्रकार किसी म्यूचुअल फंड के जरिए बाजार में निवेश कर सकते हैं और कम से कम बैंक से ज्यादा ब्याज हासिल कर सकते हैं. लोग जानते हैं कि बाजार की चाल के जरिए लोग 30-40 प्रतिशत का ब्याज कमा लेते हैं लेकिन जो फुलटाइम ये काम नहीं करते हैं उन्हें इस प्रकार किसी म्यूचुअल फंड के जरिए कमाने का मौका मिल जाता है. म्यूचुअल फंड में कोई एक जानकार आपके पैसे को निवेश करता है और वह लगातार यही काम करता है. बाजार की चाल की समझ और लगातार नजर से वह एक्सपर्ट हो जाता है और पैसे को सावधानी से निवेश करता है. इसके लिए फीस ली जाती है.

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म्यूचुअल फंड की किसी भी योजना के प्रदर्शन को नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) या Net Asset Value NAV द्वारा दर्शाया जाता है. आसान शब्दोंमें, एनएवी योजना द्वारा खरीदे गए शेयरों का बाजार मूल्य है. म्यूचुअल फंड निवेशकों से एकत्रि धन को शेयरों या बॉन्ड आदि विकल्पों पर निवेश किया जाता है. चूंकि शेयरों का बाजार मूल्य हर दिन बदलता है, तो उसी प्रकार एनएवी का मूल्य भी हर रोज बदलता है. NAV प्रति यूनिट किसी विशेष तिथि पर योजना की इकाइयों की कुल संख्या से विभाजित किसी योजना की प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य होता है.

Mutual Fund Units = Investment ÷ NAV

यह बहुत आवश्यक है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के निवेशक नेट एसेट वैल्यू (NAV) की बारीकी को जरूर समझें. अगर कोई भी व्यक्ति NAV की बारिकियों को समझ गया तो म्यूचुअल फंड में निवेशित रकम की गणना और रिटर्न काफी आसानी से कर सकेगा. दरअसल, नेट एसेट वैल्यू (Net Asset Value-NAV) से आशय निवेश के बाजार मूल्य से है. म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश के प्रति यूनिट के आधार पर NAV को तय किया जाता है.

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NAV का कैल्कुलेशन

प्रति यूनिट NAV निकालने के लिए म्यूचुअल फंड के पास कुल जमा रकम समेत पोर्टफोलियो के सभी शेयरों के बाजार भाव के कुल योग में से देनदारियों को घटाने के बाद बकाया जो बचता है उसे यूनिट की कुल संख्या से भाग करके जो संख्या आती है वह एनएवी होता है.

NAV = (Assets-Liabilities) / Total Number of Units

एसेट मैनेजमेंट कंपनी किसी भी फंड की NAV की गणना हर दिन के कारोबार के अंत में करती है. बता दें कि बाजार में मौजूद सिर्फ ETF की NAV मार्केट के साथ-साथ चलती है. NAV = (Assets-Liabilities) / Total Number of Units
म्यूचुअल फंड में यूनिट (Unit) की बेस वैल्यू (Base Value) 10 रुपये या 100 रुपये होती है. फंड के पोर्टफोलियो के बाजार भाव के अनुसार ही यूनिट का NAV कम या बढ़ता रहता है. 

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NAV किसी म्यूचुअल फंड के यूनिट के ग्रोथ को दर्शाती है. मतलब ये है कि अगर किसी फंड में 30 रुपये प्रति यूनिट की NAV पर निवेश किया जाता है और 1 साल बाद उस यूनिट की NAV 60 रुपये प्रति यूनिट हो जाती है तो माना जाता है कि उस फंड ने 100 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है. बता दें कि कुछ निवेशकों में गलत धारणा है कि कम NAV वाला फंड अच्छा रिटर्न देता है और ज्यादा NAV वाला फंड कम रिटर्न देता है, ऐसा नहीं है. रिटर्न केवल बाजार की चाल और माहौल के साथ साथ एएमसी के द्वारा नियुक्त फंड मैनेजर की सूझबूझ पर ही निर्भर करता है.