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NPS vs Mutual Fund SIP: रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कौन है बेहतर? जानें कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न

NPS vs SIP: यहां हम आपको SIP और NPS दोनों की खास बातें आसान भाषा में समझा रहे हैं, ताकि आप खुद फैसला कर सकें कि आपके लिए कौन सा ऑप्शन बेस्ट रहेगा.

NPS vs Mutual Fund SIP: रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कौन है बेहतर? जानें कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न
NPS vs Mutual Fund SIP: रिटायरमेंट प्लांनिंग के लिए एनपीएस या म्यूचुअल फंड में कौन सा प्लान बेहतर रिटर्न देगा.
नई दिल्ली:

आजकल लोग अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement  Planning) को लेकर पहले से सोचने लगे हैं. इसके लिए कोई म्यूचुअल फंड एसआईपी (Mutual Fund SIP) करता है तो कोई NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) को बेहतर मानता है. लेकिन सवाल ये है कि लॉन्ग टर्म में ज्यादा रिटर्न कहां मिलेगा? और कौन-सा ऑप्शन ज्यादा सुविधाजनक और फायदेमंद है? 

अगर आप भी इसी कन्फ्यूजन में हैं तो यहां हम आपको SIP और NPS दोनों की खास बातें आसान भाषा में समझा रहे हैं, ताकि आप खुद फैसला कर सकें कि आपके लिए कौन सा ऑप्शन बेस्ट रहेगा.

रिटर्न की बात करें तो SIP  निकल सकता है आगे

म्यूचुअल फंड SIP में निवेशक खुद तय कर सकता है कि पैसा इक्विटी फंड में लगाना है या डेट में. अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए इक्विटी फंड चुनते हैं तो 10–15% सालाना तक का रिटर्न मिल सकता है. वहीं NPS में इक्विटी का हिस्सा सीमित होता है (टियर-1 में अधिकतम 75%). 

इसलिए NPS से मिलने वाला रिटर्न आमतौर पर 8–10% के बीच रहता है. SIP में रिटर्न का दायरा ज्यादा है, लेकिन रिस्क भी थोड़ा ज्यादा होता है.

टैक्स बचाने के लिए NPS ज्यादा फायदेमंद

अगर आपका मकसद टैक्स बचाना है तो NPS अच्छा विकल्प है. इसमें आप 80C के तहत ₹1.5 लाख तक और 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त ₹50,000 तक की छूट पा सकते हैं. यानी कुल ₹2 लाख तक की टैक्स बचत. वहीं SIP में टैक्स बेनिफिट सिर्फ ELSS फंड में मिलता है और उसमें भी सिर्फ 80C के अंदर ₹1.5 लाख तक ही छूट है.

SIP में आप जब चाहें निवेश रोक सकते हैं, पैसा निकाल सकते हैं या निवेश की रकम घटा-बढ़ा सकते हैं. यानी आपको पूरी आजादी है. लेकिन NPS में पैसे निकालने की सख्त शर्तें होती हैं. पूरा पैसा आप सिर्फ रिटायरमेंट के वक्त निकाल सकते हैं. और तब भी आपको 60% हिस्सा एकमुश्त मिलेगा, बाकी 40% से पेंशन खरीदनी होगी.

कौन कितना सुरक्षित है?

NPS सरकार की देखरेख में चलने वाली योजना है और इसका फंड शेयर बाजार के साथ-साथ सरकारी बांड और डेट इंस्ट्रूमेंट में भी लगता है. इसलिए इसमें उतार-चढ़ाव कम होता है. SIP में अगर आप इक्विटी फंड चुनते हैं तो रिस्क ज्यादा होता है, लेकिन रिटर्न भी उसी हिसाब से बेहतर हो सकता है.

कौन किसके लिए बेहतर है?

  • अगर आप नौकरीपेशा हैं, टैक्स बचाना चाहते हैं और रिटायरमेंट के लिए एक सुरक्षित और तय योजना चाहते हैं तो NPS आपके लिए बेहतर रहेगा.
  • अगर आप ज्यादा रिटर्न की तलाश में हैं, थोड़ी रिस्क ले सकते हैं, और अपने गोल के हिसाब से पैसा बनाना चाहते हैं तो SIP आपके लिए ज्यादा अच्छा ऑप्शन है.

तो क्या करें? SIP या NPS?

बता दें कि दोनों की अपनी जगह अहमियत है. आप चाहें तो NPS को अपनी रिटायरमेंट सिक्योरिटी का बेस बनाएं और साथ ही SIP के जरिए अलग-अलग गोल के लिए पैसा बनाएं. इससे आपको टैक्स बचत, रिटर्न और लिक्विडिटी तीनों का फायदा मिलेगा.अगर आप रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए सोच रहे हैं तो अपने हिसाब से सही फैसला लें. 

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