भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहकों को डिजिटल तरीके से तत्काल पांच लाख रुपये तक भेजने के लिये अगले महीने से कोई शुल्क नहीं देना होगा. एसबीआई ने मंगलवार को यह घोषणा की. फिलहाल, तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) के तहत दो लाख रुपये भेजने के लिये कोई शुल्क नहीं देना होता है. देश के सबसे बड़े बैंक ने एक बयान में कहा कि ग्राहकों को बैंक के डिजिटल तौर-तरीकों को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करने को लेकर SBI अब पांच लाख रुपये तक के IMPS लेन-देन के लिये कोई शुल्क नहीं लेगा. यह लेन-देन YONO ऐप, इंटरनेट बैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग के जरिये किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें : SBI ने लॉन्च किया 3-in-1 अकाउंट, अब सेविंग्स, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग का फायदा एक ही अकाउंट से
और क्या-क्या होंगे बदलाव
1. अगर कोई बैंक की शाखा में जाकर IMPS के जरिये पैसा भेजना चाहता है, 1,000 रुपये तक के लिये कोई शुल्क नहीं है. हालांकि, 1 फरवरी से 1,000 रुपये से अधिक और दो लाख रुपये तक के लेन-देन पर दो रुपये से 12 रुपये के सेवा शुल्क के साथ उस पर जीएसटी लगेगा.
2. SBI ने कहा कि उसने दो लाख रुपये से अधिक और पांच लाख रुपये तक के लेन-देन की नई श्रेणी जोड़ी है. शाखा के जरिये इस राशि के लेन-देन को लेकर एक फरवरी से 20 रुपये के साथ जीएसटी लगेगा.
3. अगर ग्राहक पैसा इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या योनो ऐप के माध्यम से भेजते हैं, तो उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा.
4. एसबीआई के अनुसार, डिजिटल माध्यम से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिये पैसा भेजने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा. जबकि बैंक शाखा के जरिये एनईएफटी के माध्यम से पैसा भेजने पर 2 से 20 रुपये के अलावा जीएसटी देना होगा.
5. इसी प्रकार, डिजिटल माध्यम से आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) के जरिये पैसा भेजने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा. जबकि बैंक शाखा के माध्यम से पैसा भेजने पर 20 से 40 रुपये के अलावा जीएसटी देना होगा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं