घर में रखा है सोना...? जानें ज़ेवर रखने की लिमिट, टैक्स और बाकी नियम

लोग गहनों से लेकर सिक्कों तक के रूप में अपने घरों में सोना रखना पसंद करते है, लेकिन घर में कितना सोना रखना है, इसे लेकर भी सरकार की तरफ से कुछ नियम लागू किए गए हैं.

घर में रखा है सोना...? जानें ज़ेवर रखने की लिमिट, टैक्स और बाकी नियम

सोना दुनिया की बेशकीमती धातुओं में से एक है और इसकी कीमत समय के साथ बढ़ती जाती है...

नई दिल्ली:

सोना दुनिया की बेशकीमती धातुओं में से एक है और इसकी कीमत समय के साथ बढ़ती जाती है. भारत में आज भी एक आम आदमी सोने को सुरक्षित निवेश मानकर चलता है और देश में त्योहारों के सीज़न के दौरान, खासकर धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. लोग गहनों से लेकर सिक्कों तक के रूप में अपने घरों में सोना रखना पसंद करते है, लेकिन घर में कितना सोना रखना है, इसे लेकर भी सरकार की तरफ से कुछ नियम लागू किए गए हैं.

कौन घर में कितना सोना रख सकता है
केंद्रीय प्रत्याक्ष कर बोर्ड (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ या CBDT) के अनुसार, बताई गई या छूट वाली इनकम जैसे कृषि, घरेलू बचत और कानूनी रूप से विरासत में मिला सोना टैक्स के अधीन नहीं होता है. नियम के मुताबिक, अगर घर में रखे सोने की मात्रा निर्धारित की गई सीमा के तहत है, तो तलाशी के दौरान अधिकारी घर से सोने के आभूषण या गहने ज़ब्त नहीं कर सकते. एक विवाहित महिला 500 ग्राम, और एक अविवाहित महिला 250 ग्राम सोना रख सकती है. परिवार के पुरुष सदस्यों के लिए यह सीमा 100 ग्राम प्रति व्यक्ति है.

सोना बेचकर हुई आय पर लगेगा टैक्स
इसके अलावा नियम कहता है कि अगर सोने को कानूनी तौर पर इनकम का स्रोत बताकर खरीदा गया है, तो इसे स्टोर करने की कोई सीमा नहीं है. इस दौरान अब ध्यान देने योग्य बात यह है कि जब तक आप सोना जमा कर रखते हैं, तो इस पर टैक्स नहीं लगता है, लेकिन अगर आप इसे बेचने का निर्णय लेते हैं, तो यह टैक्स के अधीन होगा. यदि आप सोने को तीन साल से अधिक समय तक रखने के बाद बेचने का निर्णय लेते हैं, तो बिक्री से होने वाली इनकम लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) के अधीन होगी, जो इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20 प्रतिशत है. बता दें, इंडेक्सेशन लाभ को आपके रिटर्न पर उचित रूप से टैक्स लगाने के लिए निवेश राशि पर लागू किया जाता है.

जानें, क्या हैं गोल्ड बॉन्ड संबंधी नियम
वहीं दूसरी तरफ, यदि आप सोने को खरीदने के बाद तीन साल के भीतर बेचते हैं, तो लाभ व्यक्ति की इनकम में जोड़ा जाता है और लागू टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) बेचने के मामले में, आपकी इनकम में लाभ जोड़ा जाएगा और फिर चुने हुए टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा. अगर SGBs में निवेश करने के तीन साल बाद बेचा जाता है, तो लाभ पर इंडेक्सेशन के साथ 20 प्रतिशत और बिना इंडेक्सेशन के 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाएगा. बता दें, यदि आप बॉन्ड को मैच्योर होने तक होल्ड करते हैं, तो लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा.

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