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Gold ज्वैलरी पर कितना लगता है GST? जानिए मेकिंग चार्ज और टैक्स का पूरा हिसाब

GST On Gold Jewellery Explained: जब आप कोई नेकलेस या इयररिंग खरीदते हैं तो उसमें सिर्फ सोने का भाव ही शामिल नहीं होता. ज्वैलर इसे बनाने के लिए मेकिंग चार्ज अलग से जोड़ते हैं. इस मेकिंग चार्ज पर 5% GST लगता है, जो आपके फाइनल बिल का हिस्सा बनता है.

Gold ज्वैलरी पर कितना लगता है GST? जानिए मेकिंग चार्ज और टैक्स का पूरा हिसाब
GST on Gold jewellery: गोल्ड और सिल्वर पर फिलहाल पुरानी दरें ही लागू रहेंगी, यानी सोने और चांदी पर 3% GST और ज्वैलरी के मेकिंग चार्ज पर 5% GST ही देना होगा. 
नई दिल्ली:

सरकार की ओर से GST सिस्टम में बदलाव का बड़ा फैसला लिया गया है. अब नए स्ट्रक्चर में ज्यादातर सामान सस्ता होने वाला है. ऐसे में इस त्योहारी सीजन सोने-चांदी की खरीद करने वाले लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि क्या गोल्ड और सिल्वर पर भी जीएसटी (GST Reforms impact on Gold and Silver Rate) रेट कम होने वाला है. यहां हम आपको बताएंगे कि सोने-चांदी की ज्वैलरी खरीदने पर आपको कितना जीसटी देना होगा.साथ ही ये भी बताएंगे कि सोने की ज्वैलरी खरीदने पर मेकिंग चार्ज और टैक्स कैसे लगाया जाता है.

बता दें कि  गोल्ड और सिल्वर पर फिलहाल पुरानी दरें ही लागू रहेंगी, यानी सोने और चांदी पर 3% GST और ज्वैलरी के मेकिंग चार्ज पर 5% GST ही देना होगा. 

सोने की असली कीमत से ज्यादा बिल क्यों आता है?

शादी या किसी खास मौके पर गोल्ड ज्वैलरी खरीदना लगभग हर भारतीय परिवार की परंपरा है. लेकिन जब आप शो-रूम में जाते हैं तो सोने की असली कीमत से ज्यादा बिल क्यों बनता है, यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि आखिर ज्वैलरी खरीदते समय बिल इतना ज्यादा क्यों बन जाता है.

असल में, सोने की ज्वैलरी की बेसिक कीमत के अलावा मेकिंग चार्ज और GST (Goods and Services Tax)  दोनों जुड़ते हैं. तभी जाकर आपको फाइनल बिल मिलता है. जिसमें फाइनल प्राइस बढ़ जाता है.

सोने पर कितना लगता है GST

भारत में फिलहाल गोल्ड ज्वैलरी पर 3% GST लगता है. इसमें 1.5% सेंट्रल जीएसटी और 1.5% स्टेट जीएसटी शामिल होता है. यह टैक्स सोने की ज्वैलरी हो, सिक्का हो या बार हर किसी पर लगता है. यानी चाहे आप गोल्ड बार, सिक्का या ज्वैलरी खरीदें, इस टैक्स से बचना मुमकिन नहीं.

मेकिंग चार्ज पर GST का खेल

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जब आप कोई नेकलेस या इयररिंग खरीदते हैं तो उसमें सिर्फ सोने का भाव ही शामिल नहीं होता. ज्वैलर इसे बनाने के लिए मेकिंग चार्ज अलग से जोड़ते हैं. इस मेकिंग चार्ज पर 5% GST लगता है, जो आपके फाइनल बिल का हिस्सा बनता है. आइए इसे एक आसान उदाहरण से समझते हैं.

मान लीजिए आपने तनिष्क से एक गोल्ड नेकलेस सेट खरीदा जिसकी कुल वजन 27.109 ग्राम है. सोने का रेट  ₹9845 प्रति ग्राम के हिसाब से इसका बेस प्राइस लगभग ₹2,66,888 बना. इसके बाद मेकिंग चार्ज ₹57,380 जोड़े गए. दोनों को मिलाकर सब-टोटल ₹3,24,269 हुआ. अब इस पर 3% GST यानी करीब ₹9,728 जुड़ गया. इस तरह आपकी ज्वैलरी का फाइनल बिल ₹3,33,997 आया.

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क्यों जानना जरूरी है यह कैलकुलेशन?

बहुत से लोग सोचते हैं कि ज्वैलरी की कीमत सिर्फ सोने की दर पर तय होती है, जबकि हकीकत यह है कि मेकिंग चार्ज और GST की वजह से आपकी ज्वैलरी महंगी हो जाती है. इसलिए जब भी गोल्ड खरीदें तो रेट, मेकिंग चार्ज और GST का ब्रेकअप जरूर देखें.सोने और चांदी के दाम रोज बदलते रहते हैं. ऐसे में ज्वैलरी खरीदते समय सही समय और सही जानकारी होना बहुत जरूरी है.

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