
सोने की कीमतें (Gold Prices) आसमान छू रही हैं. एक बार फिर सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया है. मंगलवार, 3 जून 2025 को भारतीय बाजार में सोने की कीमतों (Gold Rate In India) में तेजी देखने को मिली. दिल्ली में 22 कैरेट और 24 कैरेट सोना दोनों के भाव में 600 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई. अब राजधानी में 22 कैरेट सोना 90,850 रुपये और 24 कैरेट सोना 99,060 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है.
सिर्फ दिल्ली ही नहीं, मुंबई समेत देश के अन्य बड़े शहरों में भी आज सोने की कीमतों (Gold Price Today) में तेजी देखने को मिली है. इसके बावजूद भारतीयों की सोने के प्रति दीवानगी कम नहीं हुई है. शादी हो, त्यौहार हो या कोई शुभ अवसर सोना खरीदना (Gold Buying) अब भी परंपरा और निवेश दोनों का हिस्सा बना हुआ है.
गोल्ड कॉइन vs ज्वेलरी: किसमें है ज्यादा फायदा? जवाब चौंका देगा
लेकिन अगर आप भी सोने में निवेश (Gold Investment) करने की सोच रहे हैं, तो ज्वैलरी की बजाय गोल्ड कॉइन (Gold Coin) यानी सोने के सिक्के खरीदना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है.
गोल्ड क्वाइन क्यों फायदेमंद है?(Benefits of Buying Gold Coins)
सोने के सिक्के कई वजन 0.5 ग्राम से लेकर 100 ग्राम तक और 22 या 24 कैरेट शुद्धता में आते हैं .इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे नकद में बदलना आसान होता है और इसकी शुद्धता को लेकर भरोसा भी ज्यादा होता है. यही वजह है कि गोल्ड कॉइन को 'स्मार्ट इन्वेस्टमेंट' माना जाता है. आइए आपको बताते हैं कि गोल्ड कॉइन खरीदने (Buying Gold Coins) के क्या फायदे हैं.
गोल्ड कॉइन खरीदने के फायदे (Gold Coin Benefits):
- शुद्धता की गारंटी: गोल्ड कॉइन आमतौर पर हॉलमार्क के साथ आते हैं, जिससे 22 या 24 कैरेट की शुद्धता की पूरी गारंटी मिलती है.
- मेकिंग चार्ज नहीं देना पड़ता: ज्वैलरी के मुकाबले गोल्ड कॉइन पर डिजाइन या मेकिंग चार्ज बहुत कम होता है, जिससे निवेश लागत घटती है.
- आसान बिक्री: जरूरत पड़ने पर गोल्ड कॉइन को आसानी से किसी भी ज्वैलर, बैंक या गोल्ड लोन कंपनी के जरिए बेचा या गिरवी रखा जा सकता है.
- कम पैसे में निवेश का मौका: गोल्ड कॉइन 0.5 ग्राम से भी शुरू हो जाते हैं, जिससे छोटे निवेशकों के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है.
- बेहतर रिटर्न: समय के साथ सोने की कीमतें बढ़ती हैं, जिससे गोल्ड कॉइन एक स्थिर और सुरक्षित निवेश विकल्प बना हुआ है.
- कम जोखिम: इकोनॉमिक अनिश्चितता और महंगाई के दौर में गोल्ड कॉइन एक भरोसेमंद संपत्ति मानी जाती है.
गोल्ड कॉइन खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
1. बैंक से खरीदना हमेशा फायदेमंद नहीं
बैंक से सोने के सिक्के खरीदने पर आपको मार्केट से 5-10% तक ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं. साथ ही, बैंक वापस खरीदते भी नहीं हैं.
2. रीसेल मुश्किल
बैंक से खरीदे गए सोने के सिक्के को बेचने में दिक्कत आती है क्योंकि बैंक वापस नहीं लेते और ज्वैलर कम कीमत देते हैं.
3. डॉक्यूमेंटेशन जरूरी
बैंक से गोल्ड कॉइन खरीदने के लिए PAN कार्ड और एप्लिकेशन फॉर्म देना होता है. कैश में केवल ₹50,000 तक की खरीदारी हो सकती है.
4.क्वाइन की पैकिंग
बैंक आमतौर पर टेंपर-प्रूफ पैकिंग और शुद्धता सर्टिफिकेट के साथ कॉइन बेचते हैं, जिससे असली होने की गारंटी मिलती है.
सोने में निवेश का क्या है बेहतर विकल्प? (Best way to invest in gold)
अगर आप डिजिटल निवेश पसंद करते हैं तो डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF और सोवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे ऑप्शन (Best Gold Investment Options) भी मौजूद हैं:
डिजिटल गोल्ड:1 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं, कोई फिजिकल स्टोरेज नहीं, और कभी भी खरीद-बेच सकते हैं.
गोल्ड ETF:शेयर मार्केट की तरह ट्रेड किया जाता है, जिसमें ट्रैकिंग एरर, एक्सपेंस रेशियो और लिक्विडिटी का ध्यान रखना जरूरी है.
सोवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB): सरकार की ओर से जारी ये बॉन्ड 2.5% सालाना ब्याज देते हैं और स्टोरेज का झंझट नहीं होता. अभी ये सेकेंडरी मार्केट में ही मिल रहे है
ज्वैलरी की बजाय गोल्ड कॉइन लेना ज्यादा फायदेमंद?
अगर आप सोने में निवेश (Investing in Gold Coins) करना चाहते हैं और फिजिकल गोल्ड खरीदना पसंद करते हैं, तो ज्वैलरी की बजाय गोल्ड कॉइन लेना ज्यादा समझदारी भरा कदम है. यह न सिर्फ सस्ता और सुरक्षित होता है, बल्कि जरूरत के समय बेचना भी आसान होता है. हां, खरीदते समय उसकी शुद्धता, सोर्स और रीसेल ऑप्शन का जरूर ध्यान रखें.
अगर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का प्लान है, तो डिजिटल या बॉन्ड ऑप्शन भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं.याद रखें, सोना सिर्फ ज्वैलरी नहीं, एक स्मार्ट इन्वेस्मेंट ऑप्शन है.
ये भी पढ़ें- सोना खरीदने का सबसे अच्छा तरीका: न मेकिंग चार्ज, न GST – बहुत कम लोगों को मालूम है गोल्ड इन्वेस्टमेंट का ये फॉर्मूला
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं