- साल 2025 में सोने की कीमत में लगभग 67 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अन्य निवेशों से कहीं अधिक है
- भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की ब्याज दरों में कटौती और रुपये की कमजोरी सोने की कीमत बढ़ने की अहम वजह हैं
- घरेलू बाजार में सोने ने निफ्टी और सरकारी बॉन्ड की तुलना में बेहतर रिटर्न प्रदान किया है
Gold Return 2025: अगर आपने इस साल सोने में निवेश किया था तो आप यकीनन मालामाल हो गए होंगे. साल 2025 में सोने की चमक बाकी सभी निवेशों पर भारी पड़ी है और इसने साबित कर दिया कि अनिश्चितता के समय में यही असली 'सुरक्षित निवेश' है.
साल 2025 में कितने तेजी से भागा सोना
दिल्ली सर्राफा संघ के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 1 जनवरी को जो सोना ₹79,390 प्रति 10 ग्राम था, वह 5 दिसंबर को बढ़कर ₹1,32,900 प्रति 10 ग्राम हो गया. यानी निवेशकों को लगभग 67 फीसदी का बंपर रिटर्न मिला है.
क्यों इतनी तेजी से भाग रहा सोना?
एक्सपर्ट का कहना है कि सोने की इस रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी के पीछे कई बड़ी वजहें हैं-
- दुनिया भर में जारी भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता ने निवेशकों को सोने की ओर खींचा है.
- अमेरिका के साथ दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंक ब्याज दरें कम कर रहे हैं, जिससे सोने में में निवेश बढ़ा.
- डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का कमजोर होना भी सोने की कीमत बढ़ने की एक अहम वजह है.
- दुनिया भर के केंद्रीय बैंक बड़े पैमाने पर सोना खरीद रहे हैं.
- सोना (घरेलू बाजार)- 67% रिटर्न
- निफ्टी 50 (टीआरआई)- 6.7% रिटर्न
- 10 साल का सरकारी बॉन्ड- रिटर्न 6.53%
2026 में कहां जाएगा सोने का भाव?
आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स लि. के निदेशक थॉमस स्टीफन ने कहा कि सोने की तेजी अभी थमेगी नहीं. अगर वैश्विक परिस्थितियां ऐसी ही बनी रहती हैं या रुपया और कमजोर होता है, तो साल 2026 में भारत में सोने की कीमत ₹1.45 लाख से ₹1.55 लाख प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर सकती है. यानी इसमें 5 फीसदी से 15 फीसदी तक की और बढ़त संभव है.
अभी सोने में निवेश करें या रुकें?
थॉमस स्टीफन के अनुसार मौजूदा हालात सोने में निवेश के लिए ठीक हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिटी लाना चाहते हैं. क्योंकि कीमतें पहले से ही रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं, इसलिए एकमुश्त निवेश की बजाय एसआईपी या गोल्ड ईटीएफ के जरिए निवेश करना सबसे अच्छा तरीका है.
कितना सोना खरीदें?
थॉमस स्टीफन ने बताया कि सुरक्षित निवेशकों के लिए पोर्टफोलियो में 8 से 12 फीसदी का हिस्सा सोने में होना काफी है. वहीं, अधिक उतार-चढ़ाव या रुपये के मूल्य में गिरावट की आशंका वाले निवेशकों के लिए यह 12 से 17 फीसदी तक रखा जा सकता है. वर्तमान समय में सबसे अच्छा तरीका यह है कि गोल्ड ईटीएफ में एसआईपी के जरिए से निवेश करें या कीमतों में चार से पांच फीसदी की गिरावट पर अतिरिक्त हिस्सेदारी जोड़ें.
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